अलीगढ़, उत्तर प्रदेश (Aligarh, Uttar PrafPra), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manab Sandesh) सोशल मीडिया ब्यूरो रिपोर्ट, 18 फरवरी 2019। हमको लगता है आतंकवादी सिर्फ आत्मघाती हमले कुछ सैनिकों, कुछ नागरिकों को मारने के लिए करते हैं । यह सच नही है, वह हमला करते हैं देश की बुनियाद पर,जिसपर देश टिका हो । वह जानते हैं जिस दिन इनकी बुनियाद हिल गई,यह भरभरा कर ढह जाएँगे ।
वह एक हमला करते हैं और उनके मिशन को आगे बढ़ाते हैं, हमारे आपके बीच के नफरत से भरे हुए लोग । वह खून बहाते हैं और यह उस खून में नफरत का ज़हर डालकर आतंकी मंसूबों को हमारे आपके मोहल्ले तक ले आते हैं ।
दुनिया मे कहीं देखा है कि जब राष्ट्र पर बाहरी हमला हो तो,लोग बाहर लड़ने की जगह अपने ही नागरिकों पर सवाल उछालने लग जाए । यह आतंकियों की स्लीपर सेल है, जो देश की बुनियाद को खोखला करना चाहती है । एक घर के दो लड़के लड़ते रहें, इससे अच्छा शुभ संकेत भला दुश्मन के लिए क्या होगा ।
रही बात हमलों में अपने बीच के लोगों के शामिल होने की,तो यह यक़ीन मानिये गद्दारी में साम्प्रदायिक एकता जितनी यहाँ हैं, कहीं नही ।ज़रा पिछले उन मुखबिरों के नाम उठाकर देखिये जिन्होंने पाकिस्तान की मदद की तो आपको यकीन होगा कि गद्दारी व्यक्ति में होती है, खून में नही।
वह कौन हैं जो चंद पैसों की लालच में गोपनीय नक्शे बेच आते हैं । झंडे लेकर चीखना चिल्लाना आसान है, कमज़ोर के गिरहबान पर हाथ डालकर हुंकार भरना आसान है, ज़रा अपने घर की ईंटो को देखिए,क्या इनमे बेईमानी और भ्र्ष्टाचार की कमाई नही लगी है ।
हिम्मत हो तो अपने बाप दादा भाई बहन से पूछिए जिस विभाग में वह थे क्या उन्होंने वहां बेईमानी नही की,भ्र्ष्टाचार नही किया । क्या गारंटी है,जो यहां विभागों में तैनात होकर रिश्वत लेते हैं, अगर इनके हाथ सरहद दे दी जाए तो यह वहाँ बेईमानी नही करेंगे ।साहब हम सबके बीच इतनी बेईमानी आ चुकी है कि नज़र चूकते ही हमारे खून का सौदा हो चुका होता है ।
हम सबको पता है कि देश को कौन कमज़ोर कर रहा है, यह जानना इतना भी मुश्किल नही । जब एक घर में हमला हो और उस घर के लोग एक दूसरे को नोचने लगें तो यकीन जानो उस घर मे किसी ने नियत खराब कर ली है । घर पर कब्ज़ा करने की,यह बेईमानी ही तो घर को तबाह करती आई है ।
आतंकी,दुश्मनमुल्क सभी जानते हैं भारत की मजबूती क्या है । वह जानते हैं इनका एका ही तो चर्चिल को भी चुभता था । सबको भारत से चिढ़ते हैं कि इनके बीच हमने कितनी नफरत बोई फिर भी यह आपस मे मोहब्बत क्यों करते हैं । देश का दुश्मन हर वह संगठन है, हर वह व्यक्ति है जो इस एकता पर वार करता है ।
अंदर बाहर,इधर उधर जितने भी भारत की आत्मा के दुश्मन हैं कान खोलकर सुन लें । हम मर जाएंगे,मिट जाऐंगे, खत्म हो जाएंगे मगर भारत की मूलआत्मा जो प्रेम,भाईचारे,सहिष्णुता,त्याग पर टिकी है, उसपर आँच नही आने देंगे । मेरी तरफ से गारंटी है, हम अपनी मौत से पहले किसी आतंकी सोच को सफल नही होने देंगे, जो हमारे नागरिकों को बांटता हो ।मेरी मौत तक मेरे सामने हर आतंकी परास्त ही रहेगा...
हमने देश के वीर सैनिको के शरीर खोए हैं,उनकी आत्मा नही खोई है। उनकी आत्मा हमारे साथ है ।
हमारे देश की एकता और सुरक्षा को बरकरार रखने की लिए शहादते हमारे हिस्से आईं हैं, यह व्यर्थ नही जाएँगी । हम सब एक होकर,बिना एक दूसरे के कपड़े नोचे,बिना एक दूसरे को शक करते हुए,दुश्मन को कमज़ोर करें,यही उनकी इच्छा थी । यही आत्मा की पुकार है... हम सब एक हैं, दुश्मन इस सोच से ही तो तड़पता है ।हम आखरी सांस तक एक है...
#हैशटैग #hashtag Hafeez Kidwai
(साभार प्रकाशित)
वह एक हमला करते हैं और उनके मिशन को आगे बढ़ाते हैं, हमारे आपके बीच के नफरत से भरे हुए लोग । वह खून बहाते हैं और यह उस खून में नफरत का ज़हर डालकर आतंकी मंसूबों को हमारे आपके मोहल्ले तक ले आते हैं ।
दुनिया मे कहीं देखा है कि जब राष्ट्र पर बाहरी हमला हो तो,लोग बाहर लड़ने की जगह अपने ही नागरिकों पर सवाल उछालने लग जाए । यह आतंकियों की स्लीपर सेल है, जो देश की बुनियाद को खोखला करना चाहती है । एक घर के दो लड़के लड़ते रहें, इससे अच्छा शुभ संकेत भला दुश्मन के लिए क्या होगा ।
रही बात हमलों में अपने बीच के लोगों के शामिल होने की,तो यह यक़ीन मानिये गद्दारी में साम्प्रदायिक एकता जितनी यहाँ हैं, कहीं नही ।ज़रा पिछले उन मुखबिरों के नाम उठाकर देखिये जिन्होंने पाकिस्तान की मदद की तो आपको यकीन होगा कि गद्दारी व्यक्ति में होती है, खून में नही।
वह कौन हैं जो चंद पैसों की लालच में गोपनीय नक्शे बेच आते हैं । झंडे लेकर चीखना चिल्लाना आसान है, कमज़ोर के गिरहबान पर हाथ डालकर हुंकार भरना आसान है, ज़रा अपने घर की ईंटो को देखिए,क्या इनमे बेईमानी और भ्र्ष्टाचार की कमाई नही लगी है ।
हिम्मत हो तो अपने बाप दादा भाई बहन से पूछिए जिस विभाग में वह थे क्या उन्होंने वहां बेईमानी नही की,भ्र्ष्टाचार नही किया । क्या गारंटी है,जो यहां विभागों में तैनात होकर रिश्वत लेते हैं, अगर इनके हाथ सरहद दे दी जाए तो यह वहाँ बेईमानी नही करेंगे ।साहब हम सबके बीच इतनी बेईमानी आ चुकी है कि नज़र चूकते ही हमारे खून का सौदा हो चुका होता है ।
हम सबको पता है कि देश को कौन कमज़ोर कर रहा है, यह जानना इतना भी मुश्किल नही । जब एक घर में हमला हो और उस घर के लोग एक दूसरे को नोचने लगें तो यकीन जानो उस घर मे किसी ने नियत खराब कर ली है । घर पर कब्ज़ा करने की,यह बेईमानी ही तो घर को तबाह करती आई है ।
आतंकी,दुश्मनमुल्क सभी जानते हैं भारत की मजबूती क्या है । वह जानते हैं इनका एका ही तो चर्चिल को भी चुभता था । सबको भारत से चिढ़ते हैं कि इनके बीच हमने कितनी नफरत बोई फिर भी यह आपस मे मोहब्बत क्यों करते हैं । देश का दुश्मन हर वह संगठन है, हर वह व्यक्ति है जो इस एकता पर वार करता है ।
अंदर बाहर,इधर उधर जितने भी भारत की आत्मा के दुश्मन हैं कान खोलकर सुन लें । हम मर जाएंगे,मिट जाऐंगे, खत्म हो जाएंगे मगर भारत की मूलआत्मा जो प्रेम,भाईचारे,सहिष्णुता,त्याग पर टिकी है, उसपर आँच नही आने देंगे । मेरी तरफ से गारंटी है, हम अपनी मौत से पहले किसी आतंकी सोच को सफल नही होने देंगे, जो हमारे नागरिकों को बांटता हो ।मेरी मौत तक मेरे सामने हर आतंकी परास्त ही रहेगा...
हमने देश के वीर सैनिको के शरीर खोए हैं,उनकी आत्मा नही खोई है। उनकी आत्मा हमारे साथ है ।
हमारे देश की एकता और सुरक्षा को बरकरार रखने की लिए शहादते हमारे हिस्से आईं हैं, यह व्यर्थ नही जाएँगी । हम सब एक होकर,बिना एक दूसरे के कपड़े नोचे,बिना एक दूसरे को शक करते हुए,दुश्मन को कमज़ोर करें,यही उनकी इच्छा थी । यही आत्मा की पुकार है... हम सब एक हैं, दुश्मन इस सोच से ही तो तड़पता है ।हम आखरी सांस तक एक है...
#हैशटैग #hashtag Hafeez Kidwai
(साभार प्रकाशित)