मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के संसदीय क्षेत्र में निषाद की बेटी से रात में दवंग ने की दरिंदगी की कोशिश

ललौली, फतेहपुर, उत्तर प्रदेश (Lalauli, Fatehapur, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रामबहादुर निषाद की रिपोर्ट, 6 फरवरी 2019। मोदी राज में भी नही सुरक्षित बेटियों की आबरू। ग्रामीण दंबग युवतियों व बच्चियों के साथ करते हैं अश्लीलता। मुँह खोलने पर परिवार तबाह करने के साथ जान से मारने की देते हैं धमकियां।
मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के संसदीय क्षेत्र में निषाद की बेटी से रात में दवंग ने की दरिंदगी की कोशिश। पीड़ित का आरोप पुलिस ही दे रही है दबंगो का साथ, तभी नहीं हो रही इन पर कार्यवाही। पीड़ित परिवार दबंगो के भय से अपने मूल निवास से पलायन को मजबूर।

(इस वीडियो में सुनें पीड़ित पिता की दास्तान
https://youtu.be/mgb7tg0xDf4)

    फतेहपुर जिले के ललौली थाना क्षेत्र के ग्राम महना में  कमजोर परिवारों की महिलाएं व बच्चियां कुछ दबंगों की वजह से पीड़ित बतायी जा रही हैं और क्षेत्रीय पुलिस भी इन्हीं दबंगों का हौसला अफ़जाई कर रही है। अगर दबंगों को पुलसिया सहयोग नहीं होता तो दिनाँक 20/01/2019 रात्रि 11:30 बजे की घटना पर अभी तक पुलिस ने पीड़ित परिवार की दी हुई तहरीर पर क्यों नहीं की कोई कार्यवाही अभी तक ? दबंगो द्वारा दबंगई गुट के माध्यम से आयेदिन पीड़ितों को तरह-तरह से पीड़ा पहुंचा रहे हैं। क्या इन दबंग लोगों को सरकार ने खुली छूट दे रखी है गुण्डई करने के लिए ? इसलिए इन पर कार्यवाही होना असंभव है।
    इस लोक तंत्र में कानून तो किसी का गुलाम नहीं है! फिर यह कानून के हिमायती क्यों कानून का मजाक बनाकर रखे हैं ? क्या सिर्फ इसलिए कि गरीब होना एक अभिशाप है। गरीबों की बहू-बेटियो की आबरू-आबरू नहीं है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान क्या देश हित में नही है। हमारा तो मानना  की इस लोकतांत्रिक देश की लोकतंत्र में लोक शाही हर बुरे कार्यों से कानून व्यवस्था लड़ने में सक्षम है, लेकिन इस लोकतंत्र शाही में कानून के हिमायती ही कानून का खिलवाड़ बनाएंगे तो आम कमजोर नागरिक दबंगों से कैसे अपना व अपनी बहू-बेटियों की आबरू बचा पाएंगे।
     ग्राम महना निवासी प्रेमलाल पुत्र रामआसरे निषाद पीड़ित ने बताया कि मेरे गांव के ही  निवासी रामनरेश सिंह पुत्र भुजबल सिंह उम्र 40 वर्ष व इनके सहसाथियो की पूर्ण रूप से दबंगई चलती है। इनके खिलाफ गांव का कोई भी सदस्य आवाज नहीं उठाता। यह लोग चाहे जो करें, इनके लिये सब जायज है। इनकी वजह से बहू-बेटियों की आबरू भी सुरक्षित नहीं है। किसी तरह यह गरीब निषाद पीड़ित परिवार अपने कच्चे बने मकान पर निवास करता है। दिनाँक 20/01/2019 की रात्रि लगभग 11:30 बजे इनके घर के पिछवाड़े से रामनरेस सिंह चढ़कर घर के अंदर घुस गया और घर में सो रही नाबालिक बेटी सीमा (काल्पनिक नाम) उम्र 15 वर्ष जो कक्षा 10 की छात्रा है उसके साथ लेट कर जोरजबस्ती कर अशलील हरकतें करने लगा। जिससे लड़की ने शोर मचाया तो लोगों ने जगकर देखा और उसे वही अंदर ही बंदी बनाकर पुलिस साहयता 100 नम्बर डायल किया। पुलिस देर में पहुँची लेकिन जब तक इस दबंग रामनरेश सिंह के परिवार के साथियों ने एकजुट होकर उसे वहां से भगा दिया। पुलिस भी उतने समय न कुछ करके इन्हें ही डांट समझा कर वापस चली गयी। तब पीड़ित परिवार ने ललौली थाना पहुंच कर लखित शिकायत भी की। परन्तु बताया जा रहा है कि अभी तक प्रथम सूचना रिपोर्ट तक दर्ज नहीं हुई है। इस कारण अपराधी अभियुक्तों के हौसले बुलंद हैं। क्योंकि आये दिन हर प्रकार से गरीब परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है। इसलिए पीड़ित व्यक्ति ने अपनी व परिवार बच्चों की सुरक्षा हेतु डाक विभाग द्वारा पत्रावली के जरिए जिलाधिकारी, सांसद एवं केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, मुख्यमंत्री योगी जी, महिला आयोग को पत्र लिखकर भेजा है जिससे इस लोकशाही राज में लोकतंत्र की जीत हो और दबंगो के प्रति व कानून के हिमायती जो कानून का मजाक बना रहे हो तो इन पर सही उच्चधिकारी से जाँच होते हुए दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हेतु गुहार लगायी है। लेकिन देखने की बात यह है कि कानून के रक्षक किस दिन न्यायहित कार्य करेंगे।
   इस मामले से संबंधित ललौली थाना प्रभारी निरीक्षक से दिनाँक 05/02/2019 को फोन द्वारा जानकारी चाही तो  मालूम हुआ कि वह अभी छुट्टी पर हैं और आज थाने का मोबाइल इनके पास है जो दतौली चौकी इन्चार्ज बतलाए गए, जिन्हें इस मामले की जानकारी आज ही हुई है। तब इसके बारे में एसआई हल्का इन्चार्ज शैलेंद्र सिंह से बात हुई तो इनके द्वारा बताया गया कि प्रेमलाल निषाद नम्बर एक का शराबी है। टूटे कच्चे मकान में रहते हैं। वादी और अभियुक्त दोनों मिलकर शराब पीते हैं। किसी विवाद को लेकर रामनरेश सिंह को फंसा रहे हैं। फिर रात की घटना में अभियुक्त को पकड़े जाने पर बताया कि यह तो सत्य है कि इन लोगों ने उसे घर में पकड़ा, लेकिन गांव के लोगो द्वारा उसे छुड़ा दिया गया। पीड़ित इनसे ठगाही करना चाहता है अभियुक्त पर लगे आरोप निराधार हैं।
     अब आप ही समझे कि कहानी और ही कुछ बयां कर रही है। सिर्फ देर है सही परख की, न्याय खुली किताब की तरह सामने रखा है, लेकिन कब मिलेगा इस गरीब पीड़ित परिवार को न्याय ? जो अपने ही घर से दबंग लोगों के भय से पलायन होने को मजबूर है।