"आरक्षण जन आक्रोश रैली" 18 फरवरी 2019 को गोरखपुर में "मांग नहीं अब रण होगा ! संघर्ष बड़ा भीषण होगा !!

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश (Gorakhpur, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट, 11 फरवरी 2019। "आरक्षण जन आक्रोश रैली" 18 फरवरी 2019 को गोरखपुर में "मांग नहीं अब रण होगा ! संघर्ष बड़ा भीषण होगा !!
    निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल के तत्वाधान में ‘‘गरीबी एक बीमारी है आरक्षण उसकी दवा हैﹸﹸ भगवान के ठिकेदार भाजपा ने भी माना कि भगवान नहीं वल्कि संविधान से ही गरीबी दूर होगी ! मछुवा समुदाय की सभी पर्यायवाची/उपजातियाँ संविधान की सूची में मांझी, मझवार, खरवार, खरोट, बेलदार, कोली, तुरैहा आदि है, अनुसूचित जाति का आरक्षण प्रमाण-पत्र जारी हों।
  "आरक्षण जन आक्रोश रैली"  में 18 फरवरी 2019 को स्पोर्ट कालेज के निकट गोरखपुर में अपने साथियों सहित  अवश्य पहुँचे
साथियो
   मांग नहीं अब रण होगा!
   संघर्ष बड़ा भीषण होगा !!
लोकतंत्र की स्थापना हेतु समाधान निषाद, लोचन निषाद आदि नाविकों ने हजारों अंग्रेजों को कानपुर सती चौरा घाट पर गंगा नदी में डुबोकर मारा था। परिणाम में अंग्रेजों ने क्रूरतापूर्वक अन्जाम देते हुए गांव को जला एवं उजाड़ कर 27 जून 1857 को सैंकड़ों निषादों की फांसी दी। 12 अक्टूबर को क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट 1871 लागू कर जातिगत आधार पर अपराधी जनजाति घोषित कर अधिकारों से वंचित कर दिया। जीविकोपार्जन के संसाधन नदी, ताल, घाट व वन को नार्दन इण्डिया फेरीज, फिशरीज, फारेस्ट, माइनिंग एक्ट 1878 लागू कर सम्पति से बेदखल कर आदिवासी जीवन जीने को मजबूर कर दिया, जिससे निषाद अनेक उपजातियों में बंट गये।
बंगाल में केवट व बिन्द, उड़ीसा में कैवर्त, उ.प्र. में बेलदार, खरवार, मझवार, गोंड, तुरैहा, आदि संविधान में अनूसूचित जाति के नाम से सूचीबद्ध हैं-
       (1) उ.प्र. में शासनादेश 229/2016/436 मंत्री/26.03.2016 3(1)2016 टी.सी. समाज कल्याण अनुभाग-3 दिनांक-21.12.2018 पात्र मझवार को प्रमाण पत्र देने का निर्देश जारी करें। जो उ.प्र. के समस्त जिलाधिकारी एवं तहसीलदार कार्यालयों में धूल चाट रही है।
       (2) मैनुअल के एपेन्डिक्स (एफ) के अन्तर्गत अंकित अनूसूचित जातियों की सूची के क्रमांक 51 के सामने मझवार-मांझी मुजाबिर, राजगोड़, मल्लाह, केवट को मझवार का पर्यायवाची एवं जेनेरिक (वंशज) के रूप में मझवार अंकित एवं परिभाषित हैं, मझवार को अनुजाति का प्रमाण-पत्र जारी करें।
     इसी तरह क्रमांक 63 पर अंकित शिल्पकार की पर्यायवाची जातियों कुम्हार, बढ़ई, लोहार, दर्जी, जुलाहा, तेली, नाई, बारी को शिल्पकार का,
     क्रमांक 64 पर अंकित तुरैहा की पर्यायवाची जातियों धीवर, धीमर, गोड़िया, कहार को तुरैहा का,
    क्रमांक 66 पर अंकित गोंड की पर्यायवाची जातियां धुरिया, नायक, ओझा, पठारी को गोंड अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करें।
    साथ ही मछुआरों के नाम श्रेणी तीन में दर्ज तालाब व पोखरों को राज्य सरकार के नाम कर निषादों का हक छीन लिया। बालू, खनन, मोरंग, घाट के पट्टे को निरस्त कर, निलामी कर अपने लोगों से कब्जा करा दिया।
    पिछड़ों का संवैधानिक आरक्षण और 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या के आधार पर आरक्षण जारी किया जाय।
मा. मोदी जी ने बनारस में कहा था जलपुत्रों की दशा बहुत खराब है, सबसे पहले इनके लिए कुछ करेंगे। अभी तक कुछ नहीं किया।
    मा. योगी जी ने सदन में आवाज उठाई और 3 जुलाई 2015 भा.ज.पा. मछुआ प्रकाष्ठ के बैनर तले मण्डलायुक्त गोरखपुर कार्यालय पर धरना प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए कहा कि इन्हें अनुसूचित जाति का हक मिलना चाहिए ये इसके पूरे हकदार हैं।
    उपरोक्त मांगों को लेकर 17 फरवरी 2014 को सी.एम. आवास लखनऊ तथा 7 जून 2015 को मगहर कसरवल गोली काण्ड, गोरखपुर, जौनपुर, गाजीपुर आन्दोलन का एक हिस्सा बना।
    आओ हम आपस में मिलकर अपने हक और हुकूक के लिए खुद लड़े, खुद ही अपनी सेना का नेतृत्व करें।
     आजादी के बाद सत्ता, संसाधनों व नौकरियों पर जागरूक जातियों का कब्जा रहा है। 24 घण्टे के अन्दर सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण दिया है तो मछुआरों का मझवार का आरक्षण जो 1961 से संविधान में है उसे भाजपा तत्काल लागू करे।
संविधान में समाज के पिछड़े एवं वचिंत वर्गों को बराबरी में लाने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। परन्तु समय समय पर बड़ी चालांकी से ऐसे बदलाव भी होते रहे जिससे इन वर्गों को आरक्षण का पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाया। ऐसा ही एक बदलाव हुआ है विश्वविद्यालयों में निकलने वाली नियुक्तियों के सम्बंध में। नियुक्तियों में 200 प्वाइंट रोस्टर की बजाय 13 प्वाइंट रोस्टर लागू किया गया है। 13 प्वाइंट रोस्टर से सबसे बड़ा नुकसान अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को होगा। इस नए नियम में विश्वविद्यालय को नहीं बल्कि एक विभाग को इकाई मानकर वकैंसी निकाली जाएगी। यदि एक विभाग में कुल 14 वकैंसी होगी तब जाकर 14वें नंबर पर एक एसटी कंडीडेट की नियुक्ति होगी। जबकि सच यह है कि किसी विभाग में एक साथ 14 पदों के लिए वकैंसी कभी भी नहीं निकलती। विश्वविद्यालयों में कई विभाग तो ऐसे हैं जिनमें तीन या चार पद ही हैं। ऐसे में किसी विभाग में 14 पदों के लिए न तो कभी वकैंसी निकलेगी और न ही एससी, एसटी, ओबीसी कंडीडेट नियुक्त हो पाएंगे। ऐसे में आरक्षित वर्गों के साथ 13 प्वाइंट रोस्टर घोर अन्याय है। विभाग को नहीं बल्कि विश्वविद्यालय को इकाई मानकर 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करने पर ही एससी, एसटी, ओबीसी वर्गों के साथ लोकतांत्रिक, सामाजिक एवं संवैधानिक न्याय हो पाएगा।
मित्रों आजादी की लड़ाई में गांव के गरीबों एवं गवारों की अग्रणी भूमिका रही है, अपने प्राणों की आहुति दी। लेकिन लंबे समय से इन लोगों के विकास की मुख्यधारा के लिए कोई योजना नहीं बनीं। जिससे इनका सर्वांगीण विकास नहीं हुआ। आज की स्थिति है कि देश के गरीब शोषित निर्बल भूखों मर रहा है और वोट रूपी सत्ता की चाबी लेकर विशेष वर्ग के लोग इस देश का धन विदेशों में जमा कर रहे हैं। भाजपा हिंदू-मुस्लिम एवं मंदिर-मस्जिद के नाम पर समाज का वोट लेकर आर्थिक स्रोतों पर कब्जा कर पिछड़े, अति पिछड़े को धोखा देकर बर्बाद कर रही है। यह भाजपा कहती कुछ और, करती कुछ और है, इससे गांव के गरीब, गंवार विकास की मुख्यधारा से पिछड़ गया है
       आज मोदी, योगी केवल विशेष वर्ग के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। कुंभ मेले का मद 500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 22 सौ करोड़ रूपया कर दिया, दूसरी तरफ शिक्षा, स्वास्थ्य का बजट घटाकर बाबाओं को 42 सौ करोड़ का पेंशन देना। जबकि युवाओं का बेरोजगारी भत्ता समाप्त कर, जनता के पैसे से हजारों करोड़ खर्च कर विदेश यात्रा करना, जनता का अरबों रुपया खर्च करके दिल्ली में भाजपा कार्यालय 4 सौ करोड़ रुपए से बनवाना। अरबों रुपए  खर्च करके प्रत्येक जिले में भाजपा कार्यालय बनवाना। बाबा रामदेव, मुकेश अंबानी, अडानी, अमित शाह के बेटे को अरबों-खरबों रुपए पहुंचा देना। सभी लोकतांत्रिक तंत्र सीबीआई, सीएजी, आईबी, ईडी, एनएसजी, सुप्रीम कोर्ट सहित सभी मंत्रालय पीएमओ आफिस में कैद कर कठपुतली बना कर रखा है, भाजपा के मंत्री बेहाल हैं। 3 सौ का रसोई गैस हजार रुपए में, 1 वर्ष में पेट्रोल के मूल्य में डेढ़ गुना, गरीबी व बेरोजगारी 10 गुना बढ़ा, अमित शाह के बेटे के वहां 16 हजार करोड़ ब्लैक मनी, राफेल डील 5 सौ करोड़ की जगह 16 सौ करोड़, जीएसटी- गब्बर सिंह टैक्सद्ध लागू कर महंगाई बढ़ाना, नोटबंदी कर सभी छोटे कारोबारियों को नुकसान पहुंचाना, नौजवानों को बेरोजगार बनाना, सोना-चांदी, हीरा-मोती, मोरंग, गिट्टी, बालू इत्यादि पर भाजपा के गुंडों द्वारा कब्जा होना, देश के लोगों को मंदिर-मस्जिद में उलझाकर झाकर सत्ता पर काबिज होना।
जनता को स्वास्थ्य, शिक्षा एवं युवाओं को रोजगार चाहिए ना कि मंदिर-मस्जिद का झगड़ा, संविदा कर्मचारीयों, शिक्षा मित्रों, प्रेरकों, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी, रसोईयां, आशा बहुएं इत्यादि का कैरियर खत्म करना, शिक्षकों का अन्य कार्यों में ड्यूटी लगाकर शिक्षा को वाधित करवाना। आशा बहुओं, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों को किया निराश, आंगनबाड़ी महिलाओं का किचन हुआ खाली, भुखमरी के कगार पर पहुचाकर रसोइयों को प्रतिदिन 33 रूपया देकर अमानवीय कृत्य व्यवहार करना, गांव में रहने वाले गरीबों को समुचित विकास से रोकना। रोस्टर प्रणाली लागू करके देश में एकलव्य की तरह युवाओं का अंगूठा कटवाना, गौसाला  में करोड़ों रुपए का घोटाला करके छुट्टा पशुओंं से किसानों को बर्बाद करना, मेडिकल कालेज गोरखपुर में 4 लाख न देकर 400 बच्चों की जान ले लेना, जनता को पाकिस्तान से डराना और अपने बिरयानी खाने पाकिस्तान जाना। चाइना को आंख दिखाने की जगह चाईनीज माल लाकर देश के उद्योग धंधों को चौपट करना। बच्चों की छात्रवृत्ति को बंद कर शिक्षा से रोकना, भाजपा के खिलाफ बोलने वाले नेताओं को तरह-तरह का उपाय करके फंसाना, मूलवासी महापुरुषों अंबेडकर, गांधी, लोहिया के विचार धारा का हत्यारा नाथूराम गोडसे की विचारधारा को लागू करना। नौजवानों को पकोड़े बनाने और टेंपो चलाने की सलाह देना, 5 हजार करोड़ विजय माल्या, 7 सौ करोड़ मछली घोटाला, 1140 करोड़ नीरव मोदी, 450 करोड़ ललित मोदी का घोटाला। हारे प्रत्याशियों को कैबिनेट में जगह देना तथा जीते हुए प्रत्याशियों को लेमन चूस देना। 15 लाख देने एवं अच्छे दिन के नाम पर विदेशी कर्जा लादकर हजारों करोड़ों का घोटाला करना। सभी सांसद विधायक द्वारा गोद लिए गांव का विकास ना होना। रेलवे प्लेटफार्म का टिकट 3 रूपये से बढ़ाकर 20 रूपये कर देना, नोटबंदी करके लाइन में तमाम किसानों को मारना। मोदी का सबसे खास अजीत डोभाल निकला कारोबारियों का बाप, बेटी बचाओ ! बेटी पढ़ाओ ! के बदले उनके मंत्रियों द्वारा बेटियों की इज्जत लूटना।
सदर सांसद गोरखपुर के द्वारा दिए गए सभी प्रस्ताव को पास ना करने देना। सदन में 5 लाख वोट लेकर जाने वाले सदर सांसद गोरखपुर मा. ई. प्रवीन कुमार निषाद जी को सदन में आपके आरक्षण की आवाज बोलने से रोकना तथा भाजपा द्वारा विरोध करना, यह साबित करता है कि भाजपा नौजवान, किसान, मजदूर, व्यापारी, आरक्षण विरोधी है। जबकि सदन में मछुआ आरक्षण मुद्दे पर अब सपा, बसपा, कांग्रेस आरक्षण बिल पर वोट देकर आपको संवैधानिक आरक्षण एवं हक अधिकार मिले साथ दिया है।
      अतः आपसे अपील है कि भ्रष्ट, जुमलेबाज, षडयंत्रकारी भाजपा को उखाड़ फेंकने का काम करें। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय डा. संजय कुमार निषाद जी, मा. अखिलेश यादव और मा. बहन कुमारी मायावती जी के सहयोग से 85% वोट को इकट्ठा कर उपचुनाव गोरखपुर, फूलपुर, कैराना, नूरपुर में भाजपा को उखाड़ फेकनें का काम किया। इसी तरह आप लोग निषाद पार्टी, सपा, बसपा महागठबंधन को आगामी होने वाले लोकसभा चुनाव में अपना अमूल्य वोट देकर जिताने का काम करें। जिससे आपका मान-सम्मान स्वाभिमान प्राप्त हो सके।