गोरखपुर लोकसभा चुनाव 2019 क्यों जीतना चाहिए ईं. प्रवीण कुमार निषाद को

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश (Gorakhpur, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो परमवीर कश्यप की रिपोर्ट, 11 मार्च 2019। गोरखपुर लोकसभा चुनाव 2019 क्यों जीतना चाहिए ईं. प्रवीण कुमार निषाद को।
      1952 से लेकर आज तक के गोरखपुर लोक सभा चुनाव में जीत का परिदृश्य (नजारा) देखकर आप को पता चलता है कि इसमें एक भी निषाद समाज का सांसद आजादी के बाद से आज तक नहीं बन सका। जबकि गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में निषाद मतदाता लगभग 28 प्रतिशत है। यानी 68 से 69 में साल में पहली बार निषाद समाज के बेटा को प्रतिनिधित्व मिला गोरखपुर में पिछले 2018 के लोकसभा उपचुनाव में। 
     एक और ऐतिहासिक सच है कि पहली बार कोई निषाद समाज का बेटा और नेता सपरिवार गोरखपुर में निषाद समाज के हक अधिकार और आरक्षण के लिए 7/3 2019 मार्च को लाठियां खाया है।
 (देखें इस वीडियो में
https://youtu.be/-befae42Gc8)

    निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हमेशा निषाद वंश के सम्पूर्ण उत्थान के सबसे बड़े मन्त्र अनुसूचित जाति का आरक्षण और निषाद पार्टी की सत्ता के लिए ही अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया है। जबकि अब तक के नेता केवल इस विशाल निषाद वंश का उपयोग अपने परिवार के लिए ही करते रहे हैं। आज भी जैसे जैसे निषाद पार्टी सत्ता से सीधी टक्कर लेती है, तब निषाद समाज के ही खुदगर्ज नेता निषादों की दुश्मन सत्ता के करीब पहुंच कर निषाद पार्टी को ही चोट पहुंचाने के लिए सभी रास्ते अपनाने के लिए लग जाते हैं।       
  (देखें इस वीडियो में https://youtu.be/FcqfUQPb0OA)

गोरखपुर से प्रबीन कुमार निषाद जी को फिर जिताओ
और निषाद वंश के महान दार्शनिक और नेतृत्व कर्ता महामना डॉ. संजय कुमार निषाद जी के आदेश का पालन करने के लिए अपने अपने स्तर से मेहनत करके निषाद क्रांति को मजबूत बनाओ।
(देखें इस वीडियो में
https://youtu.be/L28JQQsytXk)

      क्योंकि अखिलेश यादव सरकार द्वारा दिये गये 17 जातियों के आरक्षण पर से दो साल पहले ही 27 मार्च 2017 के इलाहाबाद हाई कोर्ट स्टे हटा चुका है औऱ योगी मोदी की सरकारों ने उस आदेश को आज तक लागू नहीं किया है। जिसका मतलब योगी मोदी सरकारें निषादों को उनका हक नहीं देना नहीं चाहती हैं केवल कुछ पालतू जानवर की तरह लोगों को पालक रखना चाहती हैं।
(देखें इस वीडियो में
https://youtu.be/z-v7kiJAovo)

जागो और जगाओ
       जय निषाद राज