गोरखपुर, उत्तर प्रदेश (Gorakhpur, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट, 18 मार्च 2019। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में निषाद पार्टी को समान चुनाव चिन्ह देने से किया मना। इस पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामना डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने कहा है कि बड़ी पार्टीयों को लाभ पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग नहीं दे रहा है समान चुनाव चिन्ह।
चुनाव आयोग के इस निर्णय से निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। चुनाव आयोग चुनाव से पहले ही निषाद पार्टी को चुनाव चिन्ह आवंटित करेगा। और निषाद पार्टी के कैडर बेस्ड कार्यकर्ताओं के परीक्षा इस चुनाव में होगी। क्योंकि 10 दिन के अंदर 20 लाख वोटरों तक चुनाव चिन्ह उनको घर घर पहुचना होगा। निषाद पार्टी के कैडर बेस्ड कार्यकर्ताओं में इस प्रकार की चुनौती से लड़ने की छमता भी है। और वे किसी भी साजिश को नाकामयाब करने का माद्दा रखते हैं। निषाद पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से आज भाजपा सहित सभी बड़ी पार्टीयों में दहशत है।
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) को 2019 के लोकसभा चुनावों में चुनाव लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, और छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ने के लिए एक समान चुनाव चिन्ह देने के लिए मना कर दिया है। चुनाव आयोग का कहना है कि पार्टी को दो चुनावों में समान चुनाव चिन्ह दिया जा चुका है। और वोट प्रतिशत कम रह गया है इस लिए अब एक समान चुनाव चिन्ह मांगने के आवेदन को निरस्त किया जा रहा है। यह आदेश 7 फरवरी को किया गया है। चुनाव आयोग के इस फैसले से लगता है कहीं न कहीं विरोधी पार्टी का दबाब भी इसमें लगा है।
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामना डॉ. संजय कुमार निषाद जी का कहना है कि 15 दिन के अंदर लोकसभा चुनाव के लिए निषाद पार्टी को चुनाव चिन्ह आवंटन नहीं किया गया तो, यह पक्ष पात ही माना जायेगा।
चुनाव आयोग के इस निर्णय से निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। चुनाव आयोग चुनाव से पहले ही निषाद पार्टी को चुनाव चिन्ह आवंटित करेगा। और निषाद पार्टी के कैडर बेस्ड कार्यकर्ताओं के परीक्षा इस चुनाव में होगी। क्योंकि 10 दिन के अंदर 20 लाख वोटरों तक चुनाव चिन्ह उनको घर घर पहुचना होगा। निषाद पार्टी के कैडर बेस्ड कार्यकर्ताओं में इस प्रकार की चुनौती से लड़ने की छमता भी है। और वे किसी भी साजिश को नाकामयाब करने का माद्दा रखते हैं। निषाद पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से आज भाजपा सहित सभी बड़ी पार्टीयों में दहशत है।
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) को 2019 के लोकसभा चुनावों में चुनाव लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, और छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ने के लिए एक समान चुनाव चिन्ह देने के लिए मना कर दिया है। चुनाव आयोग का कहना है कि पार्टी को दो चुनावों में समान चुनाव चिन्ह दिया जा चुका है। और वोट प्रतिशत कम रह गया है इस लिए अब एक समान चुनाव चिन्ह मांगने के आवेदन को निरस्त किया जा रहा है। यह आदेश 7 फरवरी को किया गया है। चुनाव आयोग के इस फैसले से लगता है कहीं न कहीं विरोधी पार्टी का दबाब भी इसमें लगा है।
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामना डॉ. संजय कुमार निषाद जी का कहना है कि 15 दिन के अंदर लोकसभा चुनाव के लिए निषाद पार्टी को चुनाव चिन्ह आवंटन नहीं किया गया तो, यह पक्ष पात ही माना जायेगा।