मायावती ने निषादों के आरक्षण का प्रस्ताव केंद्र सरकार से वापिस मंगाकर रोक दिया था आरक्षण का रास्ता।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश (Lucknow, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव सन्देश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट, 14 अप्रैल 2019। मायावती ने निषादों के आरक्षण का प्रस्ताव केंद्र सरकार से वापिस मंगाकर रोक दिया था आरक्षण का रास्ता।
  17 जातियों के आरक्षण को लागू कराने में बसपा सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। इसका उदहारण इस खबर में लगे हुए पत्र हैं। जो उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव और राज्यसभा के सचिव द्वारा लिखे गए हैं।

राज्य सभा में निषाद आरक्षण लागू होने के लिए तैयारी थी तभी उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मायावती सरकार ने मुलायम सरकार का निषाद आरक्षण का प्रस्ताव वापिस मंगा कर केन्द्र के प्रयास को झटका दे दिया था। यह राज्य सभा सचिव के इस पत्र में स्पस्ट लिखा गया है

आज भी मायावती की निषाद विरोधी मानसिकता कम नहीं हुई है। अभी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से एक भी निषाद को बसपा से टिकिट नहीं दिया गया है। जबकि बसपा को खड़ा करने में सबसे ज्यादा पैसा और कुर्वानी निषाद वंश की है। 
बसपा ही नहीं चाहती थी निषाद पार्टी उत्तर प्रदेश के महा गठबंधन में साथ रहे। इसी लिए गठबंधन टूटा और निषाद पार्टी को भाजपा का साथ लेना पड़ा।