17 जातियाँ SC आरक्षण की पहले से ही हकदार हैं- प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए पक्के कागजी सबूत

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश (Aligarh, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) रिपोर्ट, 26 जुलाई 2019। 17 जातियाँ SC आरक्षण की पहले से ही हकदार हैं- प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए पक्के कागजी सबूत। उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के मंत्री मण्डल ने 22 जुलाई 2016 को 17 जातियों को परिभाषित करके ही किया था SC में शामिल। जिसके बाद शासन के द्वारा जारी शासनादेश के लिएदेखें मंत्रिमंडल की बैठक में हुई निर्णय की यह रिपोर्ट

मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद प्रमुख सचिव मनोज सिंह के आदेश से समाज कल्याण अनुभाग 3 के द्वारा जारी 22 दिसम्बर 2016 का 17 जातियों को SC में शामिल करने का शासनादेश

इससे पहले 21 दिसम्बर 2016 को मझबार के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र निर्गत करने का शासनादेश

 21 और 22 दिसम्बर 2016 के शासनादेश और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को लागू और किलियर करने के लिए पुनः 12 और 24 जून 2019 को संत कबीर नगर के सांसद ईं. प्रवीण कुमार निषाद के द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आदेश के बाद प्रमुख सचिव समाज कल्याण अनुभाग 3 द्वारा जारी हुआ नया शासनादेश








31 दिसम्बर 2016 का कार्मिक अनुभाग-2 लखनऊ द्वारा जारी आदेश जो कहता है कि 194 में उल्लखित अनुसूची की अन्य पिछड़े वर्ग की कतिपय जातियां अन्य पिछड़े वर्ग के बजाय अनुसूचित जाति का लाभ प्राप्त करने के हकदार समझी जाएंगी। 

 31 दिसम्बर 2016 की कार्मिक अनुभाग-2 लखनऊ की अधिसूचना जो 3 भाग में 17 जातियों को बांटकर जारी की गई।
 2 जनवरी 2016 को उत्तर प्रदेश शासन के समाज कल्याण अनुभाग-3  लखनऊ के 17 जतियों के सम्बंध में जारी शुद्धि पत्र
 12 जनवरी 2016 को उत्तर प्रदेश शासन के कार्मिक अनुभाग-2 द्वारा जारी पत्र

 सेन्सस ऑफ इंडिया 1961 की उत्तर प्रदेश सरकार की लिस्ट





1961 की जनगणना की रिपोर्ट दिखाती है कि बेलदार, मझबार, गौंड, कुम्हार अनुसूचित जाति के अंतर्गत थे और बेलदार व मझबार पूरे उत्तर प्रदेश के लिए लागू था।




मंडल आयोग के लागू होने पर स्पस्ट लिखा आदेश में भारत सरकार के संयुक्त सचिव वैयक्तिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने अपने आदेश में स्पस्ट आदेश दिया है कि जो जातियां ओबीसी की सूची के अलावा अन्य सूची में पहले से मौजूद हैं तो वे पहले वाली स्थिति का ही लाभ की हकदार होंगी। जिसका अनुपालन नहीं किया गया और 17 जातियों की अज्ञानता से इनको बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।देखें इस आदेश में-

29 मार्च 2019 का इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
जिला समाज कल्याण अधिकारी अलीगढ़ द्वारा जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी/तहसीलदार को 24 जून 2019 को जारी G.O. के अनुपालन के लिए पत्र 

ऑफलाइन जारी शासनादेशों के अनुपालन के लिए दिनांक 2019 को जारी शासनादेश 

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का पत्र
अनुसूचित जाति के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी

उपरोक्त महत्वपूर्ण कागज़ातों
में से कई कागज़ात अलीगढ़ महानगर निवासी राम अवतार प्रजापति जी से साभार प्राप्त किये गए हैं। राम अवतार प्रजापति जी ने इन सहित बहुत से और कागजातों को आरटीआई द्वारा सत्यापित प्रतिलिपि मंगाकर अपने पास संकलित किया है।

17 जतियों के लोगों को मझबार, गोंड़, तुरैहा, बेलदार, पासी या तरमाली और शिल्पकार के लिए अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनाने के लिए जन सेवा केन्द्र पर जाकर अपने आवेदन करना चाहिए। 
आवेदन के लिए आपके साथ- 
1-आधार कार्ड, 
2-फ़ोटो, 
3- जाति के सबूत के रूप में टीसी, परिवार रजिस्टर की प्रति या  प्रधान द्वारा या नगर निकाय के सभासद द्वारा जारी पत्र या नोटरी से 10 रुपये के स्टाम्प पेपर पर जारी एफिडेविट जो आपको उपरोक्त शासनादेश के अनुसार अनुसूचित जाति में होने का प्रमाण हैं प्रस्तुत करते हों। 
4-सेल्फ डिक्लेरेशन जो जन सेवा केंद्र के द्वारा ही कम्प्यूटर से निकला जाता है लगाने होंगे।

नोट-1-ग्राम प्रधान या नगर निकाय के सभासद को शासनादेश औऱ अपने जिले समाज कल्याण विभाग द्वारा एसडीएम/तहसीलदार को लिखा हुआ पत्र को फ़ोटो कापी लेजाकर जमा करके अपना जाती के पत्र लिखा सकते हैं। जैसे

नोट-2-आप उपरोक्त सभी पत्रों की प्रिंट निकाल कर अपने पास जरूर रखिये, जो वक्त जरूत आपको काम आएंगे।