17 जतियों के व्यक्तियों के S.C. प्रमाण पत्र तो बनेंगे-पर ये काम भी आपको जरूरी है करना

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश (Aligarh, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश ब्यूरो रिपोर्ट, 6 जुलाई 2019। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामना डॉ. संजय कुमार निषाद की कूटनीति और संत कबीर नगर के सांसद ईं. प्रवीण कुमार निषाद के सराहनीय सहयोग से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ जी की भाजपा सरकार ने 24 जून 2019 को सबा दो साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को लागू कर दिया है।





       अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल होने से विद्यार्थियों को, नौजवानों को, गरीबों को, शोषित वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।
      निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद जी ने उत्तर प्रदेश के ओजस्वी मुख्यमंत्री मानदेय योगी आदित्यनाथ जी के इस फैसले का जोरदार स्वागत किया है। इस फैसले से अति पिछड़ी जातियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। डॉ संजय कुमार निषाद जी ने कहा कि छात्रों को उच्च शिक्षा में सरकारी नौकरियों में एसी का कोटा का लाभ मिलेगा। आने वाले समय में अति पिछड़ी जातियों के लड़के आईएएस पीसीएस अधिकारी बनकर समाज एवं राष्ट्र का मान बढ़ाएंगे। पिछली सरकारों में पिछड़ी जातियों का मानसिक शोषण होता था भाजपा सरकार ने अति पिछड़ी जातियों के साथ जो वादा किया था उन्हें अनुसूचित जाति का हक देकर छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा एवं सरकारी विभागों में होने वाली भर्ती में कोटा देगी।
     इस एतिहासिक फैसले से अब अतिपिछड़ी जातियों कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धिमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी तथा मछुआ को अनुसूचित जाति के केटेगरी में डालने का सीधा फायदा मिलेगा।
        इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक बैंच ने 2 जुलाई 2019 कासगंज जनपद के एक व्यक्ति बिजेन्द्र कश्यप के मामले में आदेश देकर यह प्रूव भी कर दिया है कि ये जातियां 22 दिसम्बर 2016 के शासनादेश और 29 मार्च 2019 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती हैं। और इनके प्रमाण पत्र बनाने में बहाने बाज़ी नहीं चलेगी।




क्योंकि बिजेन्द्र कश्यप के मामले में पटवारी ने मल्लाह और कश्यप कह कर आवेदन निरस्त कर दिया था, जिसके बाद उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली थी और अपनी व्यक्तिगत याचिका दायर कर मामले में न्याय की गुहार लगाई थी। जिसके बाद यह सिद्ध हो गया है कि आप अनुसूचित जाति के हैं और आपके नाम के पीछे कश्यप या मल्लाह आदि लिखा या दर्ज है और ये अब अनुसूचित जाति के अंतर्गत आते हैं इसलिए इनको मझबार के प्रमाण पत्र जारी करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
       अब आप सभी को 21, 22 व 31 दिसम्बर 2016 के शासनादेश के अनुसार अनुसूचित जाति के अंतर्गत आते हैं और अगर किसी ने 31 दिसम्बर 2016 के बाद पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र बनवा लिया है तो वह अब फ़र्ज़ी है। इसलिए सभी को अनुसूचित जाति का नया प्रमाण पत्र बनबाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहिए। और अपने कुटुंब रजिस्टर व बच्चों के विद्यालयों में जाकर जाती के कलाम को शासनादेश की कापी या इन शासनादेश के आधार पर एफिडेविट लेजाकर, सही जरूर करा लेना चाहिए। जो भी सज्जन ऐसा नहीं करेंगे तो उनको भविष्य में परेशानी हो सकती है।
     जाती प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जाती के प्रूफ के रूप में शासनादेश की कापी के आधार पर प्रधान का लैटर या एफिडेविट (जिसमें उल्लेख हो कि 21, 22 और 31 दिसम्बर 2016  के शासनादेशों का उल्लेख हो) ऑनलाइन आवेदन के समय लगा सकते हैं।