आज मंगल दिवस में 17 जतियों के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए सभी तहसीलों में जाकर ये प्रार्थना पत्र जरूर सौंपें

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश (Aligarh, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट, 16 जुलाई 2019। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामना डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने निषाद पार्टी के पदाधिकारियों को पूरे उत्तर प्रदेश में आज आयोजित होने वाले तहसील दिवस में जाकर 17 जातियों के SC प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए 29 मार्च 2017 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में 24 जून को जारी उत्तर प्रदेश के शाशनदेश को लागू कराकर प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए प्राथना पत्र देने के लिए कहा है। जो इस प्रकार होगा। सभी प्राथना पत्र के साथ इस खबर में दिए गए प्रपत्रों की फ़ोटो कापी भी जमा करनी होगी।

सेवा में,
          तहसील दिवस  प्रभारी
          तहसील.....             
          जिला.....
 विषय:- उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश 29/03/2017 के आदेश के अनुपालन में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश संख्या 153/2019/2580/26-03-2019-3(15) / 2017टी.सी.-1  दिनांक 24/06/2019 के अनुपालन कराने के संबंध में।
 महोदय,
उपरोक्त विषय अनुसार आपको निम्नलिखित बिंदुवार विषय अवगत कराते हैं-
1- यह है कि पूर्व में राज्य सरकार द्वारा शासनादेश दिनांक 21/12/2016, 22/12/2016 और 31/12/2016 अधिसूचना जारी किया गया है। शासनादेश में 17 पिछड़ी जातियों कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धिमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी तथा मछुआ को अनुसूचित  जाति में परिभाषित करने तथा अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र देने का आदेश हुआ है।
2- यह है कि शासनादेश दिनांक 21/12/2016, 22/12/2016 के विरुद्ध  डॉ. बी.आर. अंबेडकर ग्रन्थालय एवं जनकल्याण, गोरखपुर में माननीय उच्च न्यायालय को जनहित याचिका (पी.आई.एल.)2129/2017 योजित कर दिनांक 24/01/2017 को अस्थाई स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था। जिसे बाद में माननीय उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश के खंडपीठ ने 29/03/2017 को स्थगन आदेश हटा दिया और यह आदेश किया कि जो जाति प्रमाण पत्र जारी होंगे इन जनहित याचिका के परिणाम के अधीन रहेंगे।
3- यह है कि सेंसस ऑफ़ इंडिया 1961 अपेन्डिक्स मैनुअल पार्ट -1 फार उत्तर प्रदेश की अपेन्डिक्स-एफ लिस्ट-1 के अनुसार क्रमांक 51 पर अनुसूचित जाति मझवार की पर्यायवाची जाति नाम मांझी, मल्लाह, केवट, गोंड मझवार, राजगोंड, मुजाबिर अंकित है।
4- यह है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा अनुसूचित जातियों अनुसूचित-जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण अधिनियम, 1994 में धारा 13 की प्रदत शक्तियों का राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त, राज्यपाल ने प्रयोग करके इन 17 जातियों को अनुसूची-1 से हटाकर भाग-2 और भाग-3 में इन नागरिकों को अनुसूचित जाति का और उसके लाभ को प्राप्त करने का  हकदार  समझे जाएंगे।
5- यह है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा अनुसूचित जातियों अधिनियम 1994 में अनुसूची-1 (अन्य पिछड़ा वर्ग ) में हटा दिया गया है। जो अधिसूचना संख्या 4 -1-2012 कार्मिक-2/ 2005 दिनांक 10/10/2005 द्वारा अंत: स्थापित उत्तर प्रदेश के राजपत्र, असाधारण, भाग-4, खंड (क) में दिनांक 10/10/ 2005 को प्रकाशित है । जब इन्हें ओबीसी सूची में से निकाल दिया गया है राज्यपाल द्वारा तो, राजस्व-प्रशासनिक अधिकारी द्वारा लगातार इन जातियों का पिछड़े वर्ग का जाति प्रमाण पत्र निर्मित करना सरासर गलत व न्याय अनुचित है। चूंकि भविष्य में इन जातियों के खिलाफ जो भी कानूनी कार्यवाही होगी उसका जिम्मेदार कौन होगा और तो और इस अवस्था में इस जाति के लोग आत्महत्या करने पर मजबूर होंगे।
           उपरोक्त विषय अनुसार आपसे निवेदन इस प्रकार है कि हम प्रार्थीगण निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के सदस्य हैं और आपको अवगत कराना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश दिनांक 21/12/2016, 22/12/2016 एवं अधिसूचना दिनांक 31/12/2016 जारी किया गया है। जिसमें 17 जातियों को पिछड़ी जाति से निकालकर अनुसूचित जाति में परिभाषित किया गया है। जिसके विरोध में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में एक जनहित योजित याचिका (पी.आई.एल.) 2129/2017 डॉ. बी.आर. अंबेडकर ग्रन्थालय एवं जनकल्याण बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के युक्त में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 29/03/2017 को आदेश पारित किया गया कि उक्त पी.आई.एल. स्थगन आदेश था उसे खत्म किया जाता है और जो भी जाति प्रमाण पत्र बनेंगे माननीय उच्च न्यायालय के अधीन होंगे।
        इस आदेश के पश्चात भी प्रार्थी को अनुसूचित जाति का  प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जा रहा था। इसके पश्चात उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 24/06/2019 को आदेश संख्या 153/2019/2580/26-03-2019-3(15)/ 2017टी.सी.-1  शासनादेश किया गया। जिसमें माननीय उच्च न्यायालय के 29/03/2017 के आदेश के अनुपालन के संबंध में जारी किया गया है। उक्त शासनादेश के पश्चात भी अभी तक प्रार्थी जनों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा रहा है।
अतः आप से विनम्र निवेदन है कि प्रार्थी गणों को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 24/06/2019 को आदेश संख्या 153/2019/2580/26-03-2019-3(15)/ 2017टी.सी.-1  के अनुपालन में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनाने का आदेश जारी करें।
संलग्नक-
1- शासनादेश 21/12/2016
                                       
2- शासनादेश 22/12/2016
3- अधिसूचना 31/12/2016


4- अधिसूचना 12/01/2017
5- शासनादेश 12/01/2017
6- शासनादेश 12/06/2019

7- शासनादेश 24/06/2019
                         

8- हाईकोर्ट आदेश 29/03/2017
9- उत्तर प्रदेश के राजपत्र, असाधारण,
     भाग-4, खंड (क) 10/10/ 2005
10- सेंसस मैनुअल 1961





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