गोखरवाल, रैदास, रविदास, चर्मकार, जैसवार, धौनसयार, उतरहा, दाखिनहा, अहिरवार, गहिरवार, मोची आदि जातियों के प्रमाण पत्र निरस्त कराने के निषाद पार्टी देगी ज्ञापन

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश (Gorakhpur, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh), ब्यूरो रिपोर्ट, 1 जुलाई 2019। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामना डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने उत्तर प्रदेश की  पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी के 17 जातियों के आरक्षण को लागू करने के योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के फैसले की आलोचना करने पर कहा है कि जब 1957 से पहले भारत के राष्ट्रपति महोदय ने अपने गजट में जब यह मान लिया था कि केवट, मल्लाह ही मझबार है, तो और अब औऱ कौन से नए आदेश की क्या जरूरत है। 
     
                            ज्ञापन


सेवा में,
          मा. मुख्यमंत्री महोदय, उत्तर प्रदेश शासन,
          लखनऊ
विषय- गोखरवाल,, जटीरा, रैदास, रविदास, चम्मच, भगत, चर्मकार, जैसवार, रैया, धौनसयार, दाऊबरे, उतरहा, दाखिनहा, अहिरवार, गहिरवार, मोची, रामदसिया, कुरील, दोहरे, गौतम, आर्य आदि जातियों के प्रमाण पत्र निरस्त कराने के संबंध में।
महोदय,
           अनुरोध के साथ आपको अवगत कराना है कि गोखरवाल, जटीरा, रैदास, रविदास, चम्मच, भगत, चर्मकार, जैसवार, रैया, धौनसयार, दाऊबरे, उतरहा, दाखिनहा, अहिरवार, गहिरवार, मोची, रामदसिया, कुरील, दोहरे, गौतम, आर्य आदि जातियां भारत के संविधान में अनुसूचित जातियां शासनादेश संख्या 4442/26-818-1957 दिनांक 22 मई 1957 आंशिक संशोधन में निर्देशित भारत सरकार द्वारा पारित अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जन जातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 दिनांक 27 जुलाई 1977 से प्रभावी है। तदनुसार उक्त शासनादेश में उत्तर प्रदेश के लिए निदिष्ट अनुसूचित जातियों की सूची दिनांक 27 जुलाई 1977 में संपूर्ण उत्तर प्रदेश के लिए पुनरीक्षित कर दी गई है। जिसमें उपरोक्त उल्लिखित जातियां सूची में सूचीबद्ध नहीं हैं और न हीं उपरोक्त जातियां निम्नलिखित जाति चमार, धुरिया, झुसिया व जाटव आदि जातियां 1359 फसली के खिलाफ में दर्ज है। शासन-प्रशासन को धोखे में रख गुमराह कर अनुसूचित जाति चमार, धुरिया, झुसिया व जाटव के नाम से प्रमाण पत्र ले रही हैं, जो गलत है।
अतः आप श्रीमान जी से निवेदन है कि  जाति चमार, धुरिया, झुसिया व जाटव जातियों के प्रमाण पत्र को तत्काल निरस्त कराने की कृपा करें। साथ ही इनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही भी की जाए।

2 जुलाई से सभी जिलों में निषाद पार्टी ज्ञापन दे रही है।