अलीगढ़ जनपद की सभी तहसीलों में पहुंचा 24 जून का 17 जातियों का शासनादेश

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश (Aligarh, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट, 18 जून 2019। अलीगढ़ जनपद की सभी। तहसीलों में पहुंचा 24 जून का 17 जातियों का शासनादेश।


      17 जातियों के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र बनाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के 29 मार्च 2017 के आदेश को लक़गू कराने वाला शासनादेश 24 जून 2019 को (संत कबीर नगर के सांसद ईं. प्रवीण कुमार निषाद द्वारा 28 मई 2019 को लखनऊ में सांसदों के सम्मान समारोह के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को दिये गए प्राथना पत्र के बाद) उत्तर प्रदेश शासन के समाज कल्याण विभाग के अनुभाग 2 के प्रमुख सचिव मनोज कुमार द्वारा जारी किया गया था। यह 24 जून का शासनादेश 4 जुलाई तक उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों कप ईमेल से पहुंच गया है। और जिलाधिकारियों OSD जो जिलाधिकारी की ईमेल देखते हैं और ज्यादातर ये जिलाधिकारियों के आवास पर स्थित कार्यालय में बैठते हैं, ने इस GO को सभी प्रिंट निकाल कर अपने अपने जिले के समाज कल्याण अधिकारी को भेज दिया था।
    अलीगढ़ में भी 24 का 17 जातियों के आरक्षण का यह GO 4 जुलाई 2019 को समाज कल्याण विभाग में पहुंच गया था। समाज कल्याण विभाग में 5 जुलाई को ही निषाद पार्टी के पदाधिकारियों ने सम्पर्क किया तो पहले तो वहां कहा गया कि यहाँ कोई GO नहीं आया है, लेकिन जब जोर देकर कहने और बताने पर कि जिलाधिकारी के यहाँ से 4 जुलाई को ही आपके पास यह GO पहुंच गया है इसको तलास कीजिए तब डाक रिसीव करने वाले बाबू ने वह GO निकाला और कहा जो मैडम इसको देखती हैं वो चली गईं हैं कहीं आप कल उनसे संपर्क कर लेना। अगले दिन निषाद पार्टी की टीम फिर विकास भवन स्थित समाज कल्याण विभाग पहुंची तो मैडम जी से संपर्क हुआ, तब वह बोली कि में इसको समाज कल्याण अधिकारी को दिखाकर आगे की कार्यवाही करूंगी आप अब सोमवार को मिलना आज शनिवार है। मैडम से निषाद पार्टी की टीम फिर सोमवार को पहुंची समाज कल्याण विभाग तो बतायज़ गया कि मनरेगा के एक अनुदेशक महोदय इसका लैटर तैयार करेंगे और आज वह आये नहीं हैं। अब आप उन्ही से संपर्क करें। अनुदेशक महोदय ने लैटर तैयार करने में ही एक सप्ताह का समय लगा दिया और समाज कल्याण अधिकारी को कहने लगे कि अखबार में छपा है कि यह केंद्र सरकार ने निरस्त कर दिया है, लेकिन निषाद पार्टी की टीम ने समाज कल्याण अधिकारी से कहा कि आप एक शासनादेश को मानेंगी या अखबार की बातें। अब 14 दिन की देरी और निषाद पार्टी के पदाधिकारियों के बार बार जाकर समपर्क करने के बाद यह शासनादेश सभी तहसीलों को भेजा गया 17 जुलाई को।
    17 जुलाई को ही निषाद पार्टी की टीम अलीगढ़ की कोल तहसील पहुंच गई तो वहां के उपजिलाधिकारी के स्टेनो नहीं मिले एक व्यक्ति जो डाक इधर उधर पहुंचता है उससे पूछा गया तो उसने रजिस्टर दिखा दिया कि आपके पास अगर डिस्पेच नम्बर हो तो इसमें तलास कर लीजिए। क्योंकि उस रजिस्टर में केवल डिस्पेच नम्बर ही लिखे हुए थे तो हम को GO नहीं मिला। हमने सोचा कल तक पहुंच जाएगा अब कल ही आते हैं। 18 जुलाई को निषाद पार्टी की टीम फिर तहसील कोल में SDM कार्यालय पहुंची तो पता चला SDM और तहसीलदार अलीगढ़ के कमिश्नर की मीटिंग में गए हुए हैं। तब SDM कोल के स्टेनो से संपर्क किया गया तो पहले स्टेनो ने कह दिया कि यहाँ कोई शासनादेश नहीं आया है।
जब हमने उनको डिस्पेच नम्बर दिखाया तो कई बार कागजों के बंडलों को पलटने लगे। और बोले अभी नहीं आया है। हमने कहा अपको समाज कल्याण विभाग ने डायरेक्ट लैटर भेजा है तो कल से कहाँ गया होगा हमको बताओ। तब हमारे ज्यादा जोर देने पर स्टेनो ने लैटर निकाला और बोले मैंने इस पर SDM साहब का आदेश करा दिया है लेकिन मैं भूल गया था। अब आप इसकी फोटो करा लें और में इसको तहसीलदार के माल बाबू को भेज रहा हूँ। अब 24 जून 2019 का वह 17 जातियों के अनुसूचित जाति के आरक्षण का शासनादेश जो सबा दो साल बाद निषाद पार्टी के भाजपा से 2019 के चुनाव में हुई गठबंधन की शर्त के बाद सांसद ईं. प्रवीण कुमार निषाद के लैटर पर निर्गत हुआ है 26 दिन बाद अलीगढ़ के सभी तहसीलदार तक पहुंच पाया है। यह हाल है उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों का जो अपने एक GO को पहुंचाने में लापरवाही करते हैं।
      उन सभी जिलों के 17 जातियों के लोगों को जहां कहा जा रहा है कि GO नहीं आया है भी इसी प्रकार जल्दी से अपने जिलों में इस GO के लिए पैरवी करनी होगी। GO सभी जिलों में 4 जुलाई तक ईमेल से मनोज कुमार प्रमुख सचिव समाज कल्याण विभाग अनुभाग 3 लखनऊ द्वारा भेजे जा चुके हैं।
         प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने से पहले अपनी अपनी तहसील में माल बाबू से जरूर एक बार पता करें कि GO पहुंच गया है या नहीं। अगर नहीं पहुंचा है तो अपने जिला के समाज कल्याण विभाग में जाकर उसको तलाश कर भिजवाने के लिए प्रयास करें।
       नोट-किसी भी परेशानी में निषाद पार्टी के जिलाध्यक्ष से संपर्क करें। एकलव्य मानव संदेश के संपादक को अनावश्यक फोन करके परेशान न करें। क्योंकि 17 जातियों के अधिकांश ऐसे लोग जो निषाद पार्टी के साथ यातो जुड़े नहीं हैं या कभी जुड़ भी गए थे तो घर से निकलकर जानकारी के लिए सभाओं में जाते ही नहीं हैं, ऐसे स्वार्थी लोग ही बार बार फोन करके निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय जी या एकलव्य मानव संदेश के संपादक जसवन्त सिंह निषाद जी को परेशान करने में लगे रहते हैं, जैसे आदेश ही नहीं प्रमाण पत्र बनाकर इनके घर ये पहुंचा दें। जब तक आप निषाद पार्टी के साथ नहीं रहोगे आपको परेशानी ही आएगी। उत्तर प्रदेश के लगभग 3.5 करोड़ लोग जो इन 17 जातियों के हैं, सभी को फोन पर हर बात की जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष या राष्ट्रीय सचिव, या एक संपादक दे सकते हैं क्या ??
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