गोरखपुर, उत्तर प्रदेश (Gorakhpur, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट, 4 अगस्त 2019। मा. पूज्य योगी जी, आप एक बड़े बैधानिक पद पर हैं। वैधानिकता की रक्षा करना आप की जिम्मेदारी बनती है। 21.12.2017 व 22.12.2017 को यू.पी.सरकार का जारी किया किया गया शासनादेश (जिस पर वर्तमान में न कोई स्थगन आदेश है और न ही इस शासनादेश के विरोध में एस.सी.कोर्ट में कोई अपील है) का उलंघन करते हुए यू .पी. के सभी तहसीलदार मझवार जाति व अन्य अति पिछडी़ जातियां जिन्हें पिछडी़ जाति से विलोपित कर अनु.जाति में परिभाषित कर वैधानिकतानुसार 31.12.2017 को सम्लित कर लिया गया। मा. हाई कोर्ट इलाहाबाद के आदेशानुसार आप की स्वीकृति से मा. राज्यपाल महोदय के आदेशानुसार प्रमुख सचिव यू.पी. द्वारा जारी शासनादेश 24.06.2019 मझवार व अन्य 17 जातियां जिन्हें अनु.जाति का सर्टीफिकेट जिलाधिकारी/तहसीलदारों द्वारा जारी किया जाने का निर्देश हैं। शासनादेश में अंकित जातियों द्वारा जाति का सर्टीफिकेट के लिए आवेदन करने पर आप के शासनादेश का उलंघन करते हुए यू.पी. के सभी जिलाधिकारी/तहसीलदार यह कहकर आवेदन खारिज कर रहे हैं कि मा. योगी जी द्वारा सर्टीफिकेट जारी नहीं करने के लिए कहा गया है। कोर्ट के आदेश की अवमानना से बचने के लिए मात्र दिखावा के लिए शासनादेश जारी हुआ था।
मा. योगी जी, आप द्वारा मछुआरे/बनवासियों के साथ इतना बडा़ धोखा किया जा रहा है ?? इस पर विस्वास तो नहीं हो रहा है, परन्तु आप को दोषी बनाने वाले अधिकारी जब तक दण्डित नहीं होंगे तब तक अधिकारियों के कथन को ही सही मानना पडे़गा और इस कारण भी अधिकारियों की बात सही मानना पडे़गा कि अभी एन.आई.सी. पोर्टल पर भी अनु.जाति में सम्लित 17 जातियों को नहीं अंकित किया गया।
महोदय अनुरोध है कि जाति का सर्टीफिकेट बनने से आप द्वारा यदि नहीं रोका गया है तो शासनादेश का उलंघन करने, गलत आरोप लगाकर मूख्यमंत्री/शासन को बदनाम करने के अपराध में जिलाधिकारियों/तहसीलदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दंण्डित किया जाय। आप की कथनी करनी में अन्तर न होना सभी को मालुम है, परन्तु मछुआरों/बनवासियों के लिए छल कपट करना आप की छवि धुमिल कर रहा है।
अतः आप महोदय उपरोक्त तथ्यों पर ध्यान देते हुए (रघुकूल.............. बचन न जाई) अपने वादा को निभाते हुए अनु.जाति का सर्टीफिकेट जारी कराकर अपने बचन को पुरा करने का कष्ट करें।
04.08.2019
घनश्याम दत्त निषाद
गोरखपुर।
एकलव्य मानव संदेश सभी पाठकों से अनुरोध करता है कि हर एक पाठक को पहले यह खबर पूरी तरह से ठीक से पढ़नी चाहिए और समाज को जागरूक करने के लिए इसकी लिंक को अपने मोबाइल में जितने भी व्हाट्सएप नम्बर हों, सभी को शेयर भी करना चाहिए, जिससे आपकी एकता और जागरूकता का पता सरकार को भी पता चल जाना चाहिए। धन्यवाद।
मा. योगी जी, आप द्वारा मछुआरे/बनवासियों के साथ इतना बडा़ धोखा किया जा रहा है ?? इस पर विस्वास तो नहीं हो रहा है, परन्तु आप को दोषी बनाने वाले अधिकारी जब तक दण्डित नहीं होंगे तब तक अधिकारियों के कथन को ही सही मानना पडे़गा और इस कारण भी अधिकारियों की बात सही मानना पडे़गा कि अभी एन.आई.सी. पोर्टल पर भी अनु.जाति में सम्लित 17 जातियों को नहीं अंकित किया गया।
महोदय अनुरोध है कि जाति का सर्टीफिकेट बनने से आप द्वारा यदि नहीं रोका गया है तो शासनादेश का उलंघन करने, गलत आरोप लगाकर मूख्यमंत्री/शासन को बदनाम करने के अपराध में जिलाधिकारियों/तहसीलदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दंण्डित किया जाय। आप की कथनी करनी में अन्तर न होना सभी को मालुम है, परन्तु मछुआरों/बनवासियों के लिए छल कपट करना आप की छवि धुमिल कर रहा है।
अतः आप महोदय उपरोक्त तथ्यों पर ध्यान देते हुए (रघुकूल.............. बचन न जाई) अपने वादा को निभाते हुए अनु.जाति का सर्टीफिकेट जारी कराकर अपने बचन को पुरा करने का कष्ट करें।
04.08.2019
घनश्याम दत्त निषाद
गोरखपुर।
एकलव्य मानव संदेश सभी पाठकों से अनुरोध करता है कि हर एक पाठक को पहले यह खबर पूरी तरह से ठीक से पढ़नी चाहिए और समाज को जागरूक करने के लिए इसकी लिंक को अपने मोबाइल में जितने भी व्हाट्सएप नम्बर हों, सभी को शेयर भी करना चाहिए, जिससे आपकी एकता और जागरूकता का पता सरकार को भी पता चल जाना चाहिए। धन्यवाद।