अलीगढ़, उत्तर प्रदेश (Aligarh, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश एडिटोरियल रिपोर्ट, 23 अक्टूबर 2019। आरएसएस के गोलवलकर ने अपनी किताब यह भी लिखा है कि ??
पार्टी का मुखिया पार्टी को गिरवीं रखकर अपना घर भरता रहे ??
पार्टी का मुखिया, पार्टी के उद्देश्य से भटके तो, पदाधिकारी कुछ बोले तो, उसको दलाल घोषित करके पार्टी को चलाओ ??
पैसा समाज का लो और पार्टी और पार्टी के साधनों पर कब्जा अपने परिवार का ही रखो ??
पार्टी को बनाने और चलाने के लिए समाज के नाम का इस्तेमाल करो और जब चुनाव आये तो जो पैसा दे उसको टिकिट बेचो ??
जब विजय मिश्रा पहले ही टिकिट के 50 लाख देकर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पार्टी को छोड़ दिया तो, 2019 के लोकसभा चुनाव में दुबारा भदोही से उसी को टिकिट देने के लिए सबा करोड़ क्यों लिया गया ??
एक चौहान साहब से लोकसभा चुनाव में, लड़ाने के लिए 1 करोड़ किस बात के लिए गए ??
2017 के विधानसभा चुनाव में भरथना (इटावा) की सीट से अपने प्रत्यासी का जानबूझकर कर पर्चा निरस्त कराकर, बहुजन समाज पार्टी के प्रत्यासी से 3 लाख रुपये क्यों लिए गए ?? और अगर पैसे लेने ही जरूरी थे तो उन 3 लाख रुपये से वीर शहीद अखिलेश निषाद के परिवार की मदद क्यों नहीं कि गयी ??
अखिलेश निषाद के पिता ने पार्टी और समाज की खातिर भाजपा के पैसों और लाल बत्ती को लात मार दी ?? जब निषाद पार्टी के मुखिया को यह बात पता चली की श्री आत्माराम निषाद जी को लाल बत्ती मिलने वाली है तो 30 जुलाई 2018 को अग्रिम बधाई और इटावा आकर पहली माला पहनाने के लिए फोन किया ?? और निषाद पार्टी के मुखिया ने उसी भाजपा से बेटे को संसद में पहुंचाने के साथ करोड़ो रूपये डकार कर समाज को आरक्षण के नाम पर ऐतिहासिक धोखा भी आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर ही अपनी पार्टी और समाज को दिया ??
निषाद पार्टी के मुखिया के बेटे पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं की इज़्ज़त से आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर ही अय्याशी करते हैं ?? और उन महिलाओं की इज़्ज़त को लूटने वाले अपने बेटों की जगह दोषी भी पार्टी के मजबूत और निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर निषाद पार्टी के मुखिया द्वारा लगवाया जाता है ??
आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर निषाद पार्टी का भाजपा से चुनावी गठबंधन करके राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने बेटे को चुनाव जिताने के लिए, पार्टी के कार्यकर्ताओं को पूरे देश से बुलाकर झौंक देता है ?? और वही बेटा जब सांसद बन गया तो अब निषाद पार्टी के उन्हीं कार्यकर्ताओं के फोन तक आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधर पर नहीं उठाता है। और निषाद पार्टी को कमजोर करने के लिए भाजपा की सदस्यता निषाद वंश के लोगों को दिलाने के लिए गांव-गांव जाकर सदस्यता अभियान चलाता है ??
क्योंकि आरएसएस के गोलवलकर की किताब निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ही पढ़ी है !! इसलिए उसी की चाल पर झूठ, फ़रेब कर पार्टी को परिवार की जागीर बना लिया है ??
निषाद पार्टी को मीडिया की ऐतिहासिक सपोर्ट दिन रात करने वाले एकलव्य मानव संदेश को धोखा दिया निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ?? और जब निषाद आरक्षण पर भाजपा के ऐतिहासिक धोखे की बात उठाई तो आरएसएस के गोलवलकर की किताब के ही आधार पर खुद और अपने पालतू तीतरों से सोशल मीडिया में कहलवाया की 10 लाख रुपए में बिक गया है डॉ. जसवन्त सिंह निषाद ??
जिसमें खुद निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने फोन गाज़ीपुर के एकलव्य मानव संदेश के रिपोर्टर दुर्ग विजय साहनी को करके डराया गया, कि योगी सरकार से पंगा मत लो, जेल में सड़ा दिये जाओगे, यह फोन जब दुर्ग विजय साहनी की रिपोर्ट " 5 गाज़ीपुर में पटवारी और तहसीलदार द्वारा मझवार के बने हुए SC के प्रमाण पत्र डरा धमकाकर निषादों से वापिस ले लिए गए" एकलव्य मानव संदेश में प्रकाशित हुई !! तब किया गया, क्यों ??
जब 26 अगस्त को एकलव्य आर्मी ने निषाद SC आरक्षण के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले इटावा के वीर शहीद अखिलेश निषाद के नाम पर बने "वीर शहीद अखिलेश निषाद स्मारक ट्रस्ट" के नाम से 17 जातियों के नाम पोर्टल से हटाने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया तो, आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर ही उस वीर शहीद अखिलेश निषाद के पिताजी को 3 बार फोन करके डांटने के साथ ज्ञापन देने से रोकने के लिए प्रयास भी निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा ही किया गया ?? हम सैल्यूट करते हैं वीर शहीद अखिलेश निषाद के पिताजी श्री आत्माराम निषाद जी को जिन्होंने निषाद पार्टी के मुखिया की धमकी को दरनिकार करके, खुद इटावा जाकर जिलाधिकारी कार्यालय में अपने साथियों के साथ निषाद SC आरक्षण के लिए ज्ञापन सौंपा।
निषाद पार्टी के मुखिया ने भाजपा के साथ जो 3 पॉइंट का लिखित समझौता 2019 के चुनाव में किया था ?? वह आज तक कितने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को दिखाया गया है ?? जिसमें यह प्रचारित किया गया था कि, 1.निषाद आरक्षण, 2.रेल रोको आंदोलन के आंदोलनकारियों से मुकद्दमा वापिस और 3.राजनीतिक भागेदारी, के लिए समझौता किया गया है ?? इसमें से क्या हुआ अब तक ?? केवल अपना घर भरने के अलावा, उसी आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर ??
आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर ही निषाद आरक्षण के वीर शहीद अखिलेश निषाद बक सहादत दिवस को भुलाकर निषाद पार्टी का मुखिया भाजपा के सत्ता और पैसा की खातिर अपना जन्मदिन मनवाकर केक कटवाता है तो, इससे बुरा निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए कुछ हो ही नहीं सकता है ??
तीतर की कहानी भी आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर जो आज सत्य सावित करने के लिए भाजपा के आरक्षण पर धोखे की बात न कर भाजपा के नेताओं का गुणगान करने का कार्य भी मोटा चुगा खाने की ओर इशारा करता है। यानी आज निषाद पार्टी का मुखिया भाजपा का पालतू तीतर बन गया है। इसीलिए भाजपा सरकार द्वारा हो रहे निषाद वंश पर अत्याचारों के विरोध नहीं किया जा रहा है। कई जिलों में निषादों की हत्याएं गोलवलकर के आरएसएस के लोगों ने की हैं, खुद गोरखपुर में ही 5 हत्याकांड अब तक हो चुके हैं। बुलंदशहर जनपद के 700 निषादों की रोजी रोटी पर 14 अक्टूबर को 2 घंटे में बुलडोजर चलवाकर उजाड़ दिया गया, योगी आदित्यनाथ की आरएसएस और भाजपा की सरकार ने, आज तक एक शब्द नहीं निकला निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जुबान से, क्यों ??
अब हमारी भी सुनलो !!
डॉ जसवन्त सिंह निषाद 35 साल से समाज के लिए अपनी योग्यता और छमता के अनुसार कार्य करता रहा है, करता है और करता रहेगा लेकिन आरएसएस के गोलवलकर की किताब हो या उसका सिद्धांत, जो मूलवासियों के शोषण का हथियार बना हुआ है, उसका अपने माध्यम से विरोध करने के साथ समाज को ऐसे धोखेबाजों से बचाने के लिए अपनी लेखनी का प्रयोग करता रहेगा ??
डॉ. जसवन्त सिंह निषाद 1.एकलव्य मानव संदेश हिन्दी (साप्ताहिक समाचार पत्र Eklavya Manav Sandesh डिजिटल चैनल)
2.एकलव्य मानव कल्याण आर्मी
3.वीर शहीद अखिलेश निषाद समारक ट्रस्ट
के माध्यम से सम्पूर्ण निषाद वंश और मूलवासियों को जागरूक कर उपलब्ध साधनों से मजबूत बनाने में महती भूमिका निभाता रहेगा।
पार्टी का मुखिया पार्टी को गिरवीं रखकर अपना घर भरता रहे ??
पार्टी का मुखिया, पार्टी के उद्देश्य से भटके तो, पदाधिकारी कुछ बोले तो, उसको दलाल घोषित करके पार्टी को चलाओ ??
पैसा समाज का लो और पार्टी और पार्टी के साधनों पर कब्जा अपने परिवार का ही रखो ??
पार्टी को बनाने और चलाने के लिए समाज के नाम का इस्तेमाल करो और जब चुनाव आये तो जो पैसा दे उसको टिकिट बेचो ??
जब विजय मिश्रा पहले ही टिकिट के 50 लाख देकर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पार्टी को छोड़ दिया तो, 2019 के लोकसभा चुनाव में दुबारा भदोही से उसी को टिकिट देने के लिए सबा करोड़ क्यों लिया गया ??
एक चौहान साहब से लोकसभा चुनाव में, लड़ाने के लिए 1 करोड़ किस बात के लिए गए ??
2017 के विधानसभा चुनाव में भरथना (इटावा) की सीट से अपने प्रत्यासी का जानबूझकर कर पर्चा निरस्त कराकर, बहुजन समाज पार्टी के प्रत्यासी से 3 लाख रुपये क्यों लिए गए ?? और अगर पैसे लेने ही जरूरी थे तो उन 3 लाख रुपये से वीर शहीद अखिलेश निषाद के परिवार की मदद क्यों नहीं कि गयी ??
अखिलेश निषाद के पिता ने पार्टी और समाज की खातिर भाजपा के पैसों और लाल बत्ती को लात मार दी ?? जब निषाद पार्टी के मुखिया को यह बात पता चली की श्री आत्माराम निषाद जी को लाल बत्ती मिलने वाली है तो 30 जुलाई 2018 को अग्रिम बधाई और इटावा आकर पहली माला पहनाने के लिए फोन किया ?? और निषाद पार्टी के मुखिया ने उसी भाजपा से बेटे को संसद में पहुंचाने के साथ करोड़ो रूपये डकार कर समाज को आरक्षण के नाम पर ऐतिहासिक धोखा भी आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर ही अपनी पार्टी और समाज को दिया ??
निषाद पार्टी के मुखिया के बेटे पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं की इज़्ज़त से आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर ही अय्याशी करते हैं ?? और उन महिलाओं की इज़्ज़त को लूटने वाले अपने बेटों की जगह दोषी भी पार्टी के मजबूत और निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर निषाद पार्टी के मुखिया द्वारा लगवाया जाता है ??
आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर निषाद पार्टी का भाजपा से चुनावी गठबंधन करके राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने बेटे को चुनाव जिताने के लिए, पार्टी के कार्यकर्ताओं को पूरे देश से बुलाकर झौंक देता है ?? और वही बेटा जब सांसद बन गया तो अब निषाद पार्टी के उन्हीं कार्यकर्ताओं के फोन तक आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधर पर नहीं उठाता है। और निषाद पार्टी को कमजोर करने के लिए भाजपा की सदस्यता निषाद वंश के लोगों को दिलाने के लिए गांव-गांव जाकर सदस्यता अभियान चलाता है ??
क्योंकि आरएसएस के गोलवलकर की किताब निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ही पढ़ी है !! इसलिए उसी की चाल पर झूठ, फ़रेब कर पार्टी को परिवार की जागीर बना लिया है ??
निषाद पार्टी को मीडिया की ऐतिहासिक सपोर्ट दिन रात करने वाले एकलव्य मानव संदेश को धोखा दिया निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ?? और जब निषाद आरक्षण पर भाजपा के ऐतिहासिक धोखे की बात उठाई तो आरएसएस के गोलवलकर की किताब के ही आधार पर खुद और अपने पालतू तीतरों से सोशल मीडिया में कहलवाया की 10 लाख रुपए में बिक गया है डॉ. जसवन्त सिंह निषाद ??
जिसमें खुद निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने फोन गाज़ीपुर के एकलव्य मानव संदेश के रिपोर्टर दुर्ग विजय साहनी को करके डराया गया, कि योगी सरकार से पंगा मत लो, जेल में सड़ा दिये जाओगे, यह फोन जब दुर्ग विजय साहनी की रिपोर्ट " 5 गाज़ीपुर में पटवारी और तहसीलदार द्वारा मझवार के बने हुए SC के प्रमाण पत्र डरा धमकाकर निषादों से वापिस ले लिए गए" एकलव्य मानव संदेश में प्रकाशित हुई !! तब किया गया, क्यों ??
जब 26 अगस्त को एकलव्य आर्मी ने निषाद SC आरक्षण के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले इटावा के वीर शहीद अखिलेश निषाद के नाम पर बने "वीर शहीद अखिलेश निषाद स्मारक ट्रस्ट" के नाम से 17 जातियों के नाम पोर्टल से हटाने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया तो, आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर ही उस वीर शहीद अखिलेश निषाद के पिताजी को 3 बार फोन करके डांटने के साथ ज्ञापन देने से रोकने के लिए प्रयास भी निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा ही किया गया ?? हम सैल्यूट करते हैं वीर शहीद अखिलेश निषाद के पिताजी श्री आत्माराम निषाद जी को जिन्होंने निषाद पार्टी के मुखिया की धमकी को दरनिकार करके, खुद इटावा जाकर जिलाधिकारी कार्यालय में अपने साथियों के साथ निषाद SC आरक्षण के लिए ज्ञापन सौंपा।
निषाद पार्टी के मुखिया ने भाजपा के साथ जो 3 पॉइंट का लिखित समझौता 2019 के चुनाव में किया था ?? वह आज तक कितने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को दिखाया गया है ?? जिसमें यह प्रचारित किया गया था कि, 1.निषाद आरक्षण, 2.रेल रोको आंदोलन के आंदोलनकारियों से मुकद्दमा वापिस और 3.राजनीतिक भागेदारी, के लिए समझौता किया गया है ?? इसमें से क्या हुआ अब तक ?? केवल अपना घर भरने के अलावा, उसी आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर ??
आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर ही निषाद आरक्षण के वीर शहीद अखिलेश निषाद बक सहादत दिवस को भुलाकर निषाद पार्टी का मुखिया भाजपा के सत्ता और पैसा की खातिर अपना जन्मदिन मनवाकर केक कटवाता है तो, इससे बुरा निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए कुछ हो ही नहीं सकता है ??
तीतर की कहानी भी आरएसएस के गोलवलकर की किताब के आधार पर जो आज सत्य सावित करने के लिए भाजपा के आरक्षण पर धोखे की बात न कर भाजपा के नेताओं का गुणगान करने का कार्य भी मोटा चुगा खाने की ओर इशारा करता है। यानी आज निषाद पार्टी का मुखिया भाजपा का पालतू तीतर बन गया है। इसीलिए भाजपा सरकार द्वारा हो रहे निषाद वंश पर अत्याचारों के विरोध नहीं किया जा रहा है। कई जिलों में निषादों की हत्याएं गोलवलकर के आरएसएस के लोगों ने की हैं, खुद गोरखपुर में ही 5 हत्याकांड अब तक हो चुके हैं। बुलंदशहर जनपद के 700 निषादों की रोजी रोटी पर 14 अक्टूबर को 2 घंटे में बुलडोजर चलवाकर उजाड़ दिया गया, योगी आदित्यनाथ की आरएसएस और भाजपा की सरकार ने, आज तक एक शब्द नहीं निकला निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जुबान से, क्यों ??
अब हमारी भी सुनलो !!
डॉ जसवन्त सिंह निषाद 35 साल से समाज के लिए अपनी योग्यता और छमता के अनुसार कार्य करता रहा है, करता है और करता रहेगा लेकिन आरएसएस के गोलवलकर की किताब हो या उसका सिद्धांत, जो मूलवासियों के शोषण का हथियार बना हुआ है, उसका अपने माध्यम से विरोध करने के साथ समाज को ऐसे धोखेबाजों से बचाने के लिए अपनी लेखनी का प्रयोग करता रहेगा ??
डॉ. जसवन्त सिंह निषाद 1.एकलव्य मानव संदेश हिन्दी (साप्ताहिक समाचार पत्र Eklavya Manav Sandesh डिजिटल चैनल)
2.एकलव्य मानव कल्याण आर्मी
3.वीर शहीद अखिलेश निषाद समारक ट्रस्ट
के माध्यम से सम्पूर्ण निषाद वंश और मूलवासियों को जागरूक कर उपलब्ध साधनों से मजबूत बनाने में महती भूमिका निभाता रहेगा।