प्रशासन की अनदेखी का शिकार चन्देरी की एतिहासिक इमारत राजा रानी महल।

चंदेरी, अशोकनगर, मध्य-प्रदेश (Chanderi, Ashoknagar, Madhya Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh), ब्यूरो मुकेश रैकवार की रिपोर्ट, 16 अक्टूबर 2019। एक ही उल्लू काफी था, बर्बाद गुलिस्तां करने को, हर शाख पर उल्लू बैठे हैं,  अंजाम गुलिस्तां क्या होगा ?
प्रशासन की अनदेखी का शिकार चन्देरी  की एतिहासिक इमारत राजा रानी महल।
  मध्य-प्रदेश के जनपद अशोकनगर की ऐतेहासिक नगरी वहादेरी में सोशल मीडिया एवं व्हाट्सएप फेसबुक के माध्यम से चंदेरी नगर के जयचंदो के सहयोग से अपनी झूठी ख्याति अर्जित कर वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह एवं शासकीय राशि का दुरुपयोग करने में जुटे नगरपालिका चंदेरी के अधिकारी एवं कर्मचारी, नगर विकास एवं स्वच्छता के झूठे दावे एवं कसीदे पढ़ने में नहीं चूकते हैं। साथ ही स्वच्छता के नाम पर बैनर पोस्टर होर्डिग, नुक्कड़ नाटक एवं कठपुतली नाटकों के माध्यम से लाखों रुपए का चूना सरकार को लगा चुके ये जिम्मेदार अधिकारी अपने नगर की ऐतिहासिक धरोहरों जोकि नगरपालिका के पूर्णता अधीनस्थ एवं अधिपत्य में हैं की सुरक्षा व्यवस्था, साफ-सफाई को लेकर शायद अनभिज्ञ हैं।
     हम बात करें चंदेरी की ऐतिहासिक धरोहर, जो कि नगर के मध्य, नगर पालिका के अधीनस्थ है, राजा रानी महल की। जहां पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के अथक प्रयासों से करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी यह ऐतिहासिक इमारत आज उचित देखरेख, रखरखाव एवं स्वच्छता को तरस गई है।
एक ओर चंदेरी नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी नगर को स्वच्छ बनाने, नगर को पॉलिथीन मुक्त बनाने को लेकर अति चिंतित हैं तो वहीं, दूसरी ओर ऐतिहासिक धरोहरों को पूर्णता नजरअंदाज करते नजर आ रहे हैं।
    वर्ष 2007- 8 में पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के अथक प्रयासों से एक एनजीओ के माध्यम से लगभग दो करोड़ 90 लाख रुपए की राशि से इस बहुमंजिला इमारत का जीर्णोद्धार कराया गया। ताकि यह बहुमंजिला इमारत नगर के मध्य, नगर की शोभा में चार चांद लगा सके। उसके पश्चात सांसद सिंधिया द्वारा ही इस इमारत में विभिन्न रोजगारोन्मुखी योजनाओं के प्रशिक्षण एवं संचालन के लिये एक प्राइवेट संस्था को भारत सरकार द्वारा एक करोड़ 40 लाख रूपए की राशि इस इमारत में कंप्यूटरीकृत आधुनिक तकनीक का संचालन कर चंदेरी नगर के युवाओं के लिए विशेष रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण एवं चंदेरी साड़ी के निर्माताओं, बुनकरों के लिए कंप्यूटर डिजाइन की व्यवस्था तथा छात्रों के उन्नत भविष्य के लिए निशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण, महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण, एंब्रॉयडरी का प्रशिक्षण एवं विभिन्न अन्य प्रकार के रोजगार मुखी प्रशिक्षण की व्यवस्था, इस ऐतिहासिक बहुमंजिला इमारत में कराई थीं। किंतु आज यह सारी योजनाएं अशासकीय संगठनों की लापरवाही के चलते समाप्त हो चुकी हैं। लाखों रुपए की हेराफेरी एवं चूना उन अशासकीय संगठनों द्वारा शासन को लगाया जाना भी प्रतीत होता है।
    इस ऐतिहासिक इमारत, राजा रानी महल की उचित देखरेख साफ-सफाई एवं संरक्षण के अभाव में विगत 2 वर्षों मैं नगर पालिका चंदेरी द्वारा यह स्थिति निर्मित कर दी गई है। संपूर्ण राजा रानी महल प्रांगण में घास फूस झाड़ियां एवं बड़े-बड़े पेड़ उग कर तैयार हो चुके हैं, जो कि नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही की जीती जागती मिसाल प्रस्तुत करते हैं।
      नइस इमारत में वर्तमान की स्थिति में ना तो साफ सफाई, ना उचित देखरेख, सुरक्षा व्यवस्था एवं न ही उचित प्रकाश की व्यवस्था है। जोकि नगर के मध्य ऐतिहासिक धरोहरों की जिंदा तस्वीर है, जिस पर पूर्णतः नगर पालिका का अधिपत्य स्थापित है।