सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश (Sultanpur, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manager Sandesh) रिपोर्टर राम सतन निषाद की रिपोर्ट, 6 अक्टूबर 2019। सुल्तानपुर में नरेंद्र निषाद और उमेश निषाद ने रक्तदान कर बचाई युवती की जान। "नरेंद्र निषाद" (विधि छात्र) निवासी वल्लीपुर, विगत कई वर्षों से खुद तो रक्तदान कर ही रहे हैं, साथ ही दूसरों को भी इस मुहिम से जोडक़र लोगों की जान बचाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
रक्तदान सबसे बड़ा दान है, जिसकी तुलना अन्य किसी दान से नहीं की जा सकती है। जरूरतमंद लोगों को समय पर रक्त न मिले तो उनकी जान तक चली जाती है। इस तरह के कई मामले सामने आते हैं। शहर में जितने ब्लड की जरूरत होती है, उसके हिसाब से पचास प्रतिशत की पूर्ति भी ब्लड बैंक से नहीं होती है। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मुख्यत: ऐसी बीमारियां जिसमें ब्लड की बहुत जरूरत होती है उस समय हालात बिगड़ जाते हैं।
एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती जीवन व मृत्यु की जंग से जूझ रही ममता निषाद पत्नी रमेश निषाद, ग्राम मोरार चक, को रक्त की जरूरत की खबर जैसे ही इंटरनल वॉट्सऐप ग्रुपों पर प्रसारित हुई, "नरेंद्र निषाद" (विधि छात्र) ने अपने हमराही समाजसेवी "उमेश निषाद" के साथ जनपद के उस हॉस्पिटल में पहुँच कर एक-एक यूनिट रक्तदान कर युवती की जान बचाई। दोनों नवयुवकों के इस नेक कार्य की समाज में काफी सराहना हो रही है।
धन्य है निषाद समाज की वो जननी, जिन्होंने सुलतानपुर की वीर प्रसूता धरा पर ऐसे समाज सेवी "रक्तदानी निषाद वीरो" को जन्म देकर जनपद को गौरवान्वित किया है।