भील जनजाति पर किए गए विवादित प्रश्न के मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज

इंदौर, मध्यप्रदेश (Indore, Madhya Pradesh), 16 जनवरी 2020। मध्यप्रदेश पीसीएस की परीक्षा में भील जनजाति पर किए गए विवादित प्रश्न के मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गयी। इस मामले में ये पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए इंदौर के अजाक थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। जय आदिवासी युवा संगठन के कार्यकर्ताओं ने थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया था।
    एमपीपीएससी की परीक्षा में भील जनजाति पर किए गए विवादित प्रश्न के मामले में अजाक थाने में एक केस दर्ज किया गया है। अभी एमपीपीएससी के सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर केस दर्ज किया गया है। जांच में जो अधिकारी जिम्मेदार पाया जाएगा उसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
      विधानसभा में उठेगा मामला
12 जनवरी को हुई एफआईआर की प्रारंभिक परीक्षा में भील समुदाय को आपराधिक जाति का बताने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जय आदिवासी युवा संगठन इस मामले में आक्रामक मूड में है। उसने पूरे प्रदेश में सड़क पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी दी है। जयस के संरक्षक और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को चिट्ठी लिखकर 16- 17 जनवरी को होने वाले विधानसभा सत्र में इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है। हीरालाल अलावा का कहना है इससे पूरी भील समुदाय का अपमान हुआ है। इसमें जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
सीएम से मिले थे आनंद राय
आरटीआई एक्टिविस्ट और जयस नेता डॉ. आनंद राय ने मंगलवार को सीएम कमलनाथ से मुलाकात कर इस मामले में कड़ा फैसले लेने की अपील की थी। उन्होंने इसके लिए एमपीपीएससी के चेयरमैन भास्कर चौबे और सचिव रेणु पंत को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की थी। सीएम कमलनाथ ने उन्हें मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था।
ये सवाल पूछा गया था !!
एमपीपीएससी की रविवार 12 जनवरी को हुई परीक्षा में भील जनजाति को लेकर आए गद्यांश में लिखा था कि भील निर्धन जनजाति है। भीलों की आर्थिक विपन्नता का प्रमुख कारण आय से अधिक व्यय करना है। भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का एक प्रमुख कारण यह है कि ये सामान्य आय से अपनी देनदारियां पूरी नहीं कर पाते। इसलिए धनोपार्जन की आशा में गैर वैधानिक और अनैतिक कामों में भी संलिप्त हो जाते हैं।