एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट, 13 जनवरी 2019। मध्यप्रदेश की MPPSC परीक्षा में भील जनजाति को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया। 12 जनवरी को मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) का प्री का एग्जाम हुआ, जिसमे पूछे गए एक सवाल को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है. एमपीपीएससी के सीसैट मतलब पेपर-2 में मध्य प्रदेश की भील जनजाति को लेकर पूछे गए सवालों पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं और आयोग की सचिव को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा में एक पैराग्राफ दिया गया था, जिससे जुड़े सवाल पूछे गए थे. इसी में लिखा है कि भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का एक प्रमुख कारण यह है कि सामान्य आय से अपनी देनदारियां पूरी नहीं कर पाते। फलतः धन उपार्जन की आशा में गैर वैधानिक और अनैतिक कामों में संलिप्त हो जाते हैं।
भील मध्य प्रदेश के झाबुआ, बड़वानी, श्योपुर, आलीराजपुर, गुना में पाई जाने वाली भील जनजाति है। भील जनजाति भारत की सर्वाधिक विस्तृत क्षेत्र में फैली हुई जनजाति है।
जनजातियों के संगठन ट्राइबल आर्मी ने लिखा है कि- लोक सेवा आयोग की सचिव मनुवादी गढ़वाली ब्राह्मण रेणु पंत को अबिलम्ब बर्खास्त कर अनिवार्य सेवा निवृत्ति दी जाए। आदिवासियों के अपमान के लिए संघी भास्कर चौबे और रेणु पंत जिम्मेदार हैं। तत्काल एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज हो। तत्काल अमल करें।
पॉलिटिकल एक्टिविस्ट दिलीप मंडल ने लिखा है- आज मध्य प्रदेश में आदिवासियों को अपराधी और अनैतिक काम करने वाला बताया गया है। अगर ऐसा करने वालों को सजा नहीं मिली तो बाकी जगह भी ऐसा होगा और एक पूरे समुदाय की छवि खराब कर दी जाएगी। ये गंभीर मुद्दा है। इसका महत्व समझिए।
आज मध्य प्रदेश में आदिवासियों को अपराधी और अनैतिक काम करने वाला बताया गया है।अगर ऐसा करने वालों को सजा नहीं मिली तो बाकी जगह भी ऐसा होगा और एक पूरे समुदाय की छवि खराब कर दी जाएगी।
ये गंभीर मुद्दा है। इसका महत्व समझिए।
#AntiTribalMPPSC को भंग करो।
दिलीप मंडल का ये भी कहना है कि आदिवासियों को अपराधी बताना ब्रिटिश मानसिकता है। अंग्रेजों ने इसके लिए क्रिमिनल ट्राइब एक्ट बनाया था।भारत में कौन हैं, जिनका दिमाग ये कह रहा है कि आदिवासी अपराधी होते हैं और अनैतिक काम करते हैं ?
लगता है आज आरएसएस की मानसिकता के लोग इतिहास को अंग्रेजों से भी बुरी मानसिता से बदलने को तुले हुए हैं। एकलव्य मानव संदेश ऐसी मानसिकता का विरोध करता है।
मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा में एक पैराग्राफ दिया गया था, जिससे जुड़े सवाल पूछे गए थे. इसी में लिखा है कि भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का एक प्रमुख कारण यह है कि सामान्य आय से अपनी देनदारियां पूरी नहीं कर पाते। फलतः धन उपार्जन की आशा में गैर वैधानिक और अनैतिक कामों में संलिप्त हो जाते हैं।
भील मध्य प्रदेश के झाबुआ, बड़वानी, श्योपुर, आलीराजपुर, गुना में पाई जाने वाली भील जनजाति है। भील जनजाति भारत की सर्वाधिक विस्तृत क्षेत्र में फैली हुई जनजाति है।
जनजातियों के संगठन ट्राइबल आर्मी ने लिखा है कि- लोक सेवा आयोग की सचिव मनुवादी गढ़वाली ब्राह्मण रेणु पंत को अबिलम्ब बर्खास्त कर अनिवार्य सेवा निवृत्ति दी जाए। आदिवासियों के अपमान के लिए संघी भास्कर चौबे और रेणु पंत जिम्मेदार हैं। तत्काल एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज हो। तत्काल अमल करें।
पॉलिटिकल एक्टिविस्ट दिलीप मंडल ने लिखा है- आज मध्य प्रदेश में आदिवासियों को अपराधी और अनैतिक काम करने वाला बताया गया है। अगर ऐसा करने वालों को सजा नहीं मिली तो बाकी जगह भी ऐसा होगा और एक पूरे समुदाय की छवि खराब कर दी जाएगी। ये गंभीर मुद्दा है। इसका महत्व समझिए।
आज मध्य प्रदेश में आदिवासियों को अपराधी और अनैतिक काम करने वाला बताया गया है।अगर ऐसा करने वालों को सजा नहीं मिली तो बाकी जगह भी ऐसा होगा और एक पूरे समुदाय की छवि खराब कर दी जाएगी।
ये गंभीर मुद्दा है। इसका महत्व समझिए।
#AntiTribalMPPSC को भंग करो।
दिलीप मंडल का ये भी कहना है कि आदिवासियों को अपराधी बताना ब्रिटिश मानसिकता है। अंग्रेजों ने इसके लिए क्रिमिनल ट्राइब एक्ट बनाया था।भारत में कौन हैं, जिनका दिमाग ये कह रहा है कि आदिवासी अपराधी होते हैं और अनैतिक काम करते हैं ?
लगता है आज आरएसएस की मानसिकता के लोग इतिहास को अंग्रेजों से भी बुरी मानसिता से बदलने को तुले हुए हैं। एकलव्य मानव संदेश ऐसी मानसिकता का विरोध करता है।