निषाद पार्टी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका, बड़ी संख्या में पदाधिकारियों ने आरक्षण की लड़ाई के लिए दिया पार्टी से त्यागपत्र
मुज्जफरनगर, उत्तर प्रदेश (Mujaffarnagar
Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश ब्यूरो रिपोर्ट, 2 मार्च 2020। निषाद पार्टी को बड़ा झटका। निषाद पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े पदाधिकारियों ने जो मुजफ्फरनगर के निवासी हैं एक साथ सामूहिक त्यागपत्र दे दिया है। इन पदाधिकारियों का कहना है कि हम मझबार, तुरैहा, गौंड, शिल्पकार के आरक्षण की लड़ाई संवैधानिक आरक्षण संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी के रूप में लड़ेंगे, इसलिए निभी नेे षाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अब मोर्चा का कोई भी पदाधिकारी वर्तमान में किसी भी राजनैतिक पार्टी का सदस्य नहीं रहा। मोर्चा के पदाधिकारी केवल समाज के आरक्षण की लड़ाई लडेगे।
संवैधानिक आरक्षण संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि योगी मोदी की भाजपा सरकरें हमारा आरक्षण लागू नहीं कर रहीं हैं इसलिए अब हम अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे, जब तक हमारा संविधान में लिखा आरक्षण नहीं मिल जाता। मुजफ्फरनगर से शुरू हुई यह लड़ाई अब पूरे उत्तर के सभी जिलों में फ़ैलेगी।
इन सभी पदाधिकारियों का सामूहिकता में त्याग पत्र देने का मूल कारण यह भी है कि निषाद पार्टी इन जातियों के आरक्षण पर भाजपा का साथ देकर धोखा दे रही है। जबकि पार्टी को भाजपा सरकार के आरक्षण पर दिये गए धोखे के खिलाफ आरक्षण की लड़ाई लड़नी चाहिए थी। लेकिन डॉ. ,संजय कुमार निषाद की परिवार को मजबूत करने और आरक्षण पर धोखा देकर भाजपा को लाभ पहुंचाने में लगे हुए हैं और समाज को गुमराह करने में लगे हुए हैं। डॉ. संजय कुमार निषाद का सांसद बेटा ईं. प्रवीण कुमार निषाद भाजपा की योगी आदित्यनाथ जी की उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा 17 जातियों के आरक्षण के पूर्व की अखिलेश यादव की सरकार द्वारा जारी शासनादेशों को वापस ले लेने के विरोध में 6 महीने में दो बार सांसद सत्र चलने के वावजूद एक बार भी अपनी आवाज नहीं उठाई है।
अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद और बरेली मण्डल के लगभग 22 जिलों से निषाद पार्टी का खात्मा भी हो गया है।
संवैधानिक आरक्षण संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि योगी मोदी की भाजपा सरकरें हमारा आरक्षण लागू नहीं कर रहीं हैं इसलिए अब हम अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे, जब तक हमारा संविधान में लिखा आरक्षण नहीं मिल जाता। मुजफ्फरनगर से शुरू हुई यह लड़ाई अब पूरे उत्तर के सभी जिलों में फ़ैलेगी।
इन सभी पदाधिकारियों का सामूहिकता में त्याग पत्र देने का मूल कारण यह भी है कि निषाद पार्टी इन जातियों के आरक्षण पर भाजपा का साथ देकर धोखा दे रही है। जबकि पार्टी को भाजपा सरकार के आरक्षण पर दिये गए धोखे के खिलाफ आरक्षण की लड़ाई लड़नी चाहिए थी। लेकिन डॉ. ,संजय कुमार निषाद की परिवार को मजबूत करने और आरक्षण पर धोखा देकर भाजपा को लाभ पहुंचाने में लगे हुए हैं और समाज को गुमराह करने में लगे हुए हैं। डॉ. संजय कुमार निषाद का सांसद बेटा ईं. प्रवीण कुमार निषाद भाजपा की योगी आदित्यनाथ जी की उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा 17 जातियों के आरक्षण के पूर्व की अखिलेश यादव की सरकार द्वारा जारी शासनादेशों को वापस ले लेने के विरोध में 6 महीने में दो बार सांसद सत्र चलने के वावजूद एक बार भी अपनी आवाज नहीं उठाई है।
अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद और बरेली मण्डल के लगभग 22 जिलों से निषाद पार्टी का खात्मा भी हो गया है।