दोहरी नीति !! हरिद्वार में फंसे 1800 गुजराती, शाह और रूपाणी के निर्देश मिलते ही लग्जरी बसों से घर पहुंचाए गए

मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश (Mirzapur, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) रिपोर्टर विशाल कुमार निषाद की विशेष रिपोर्ट, 3 अप्रैल 2020। दोहरी नीति !! क्या मुसलमानों को और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने की साजिश रची गयी भाजपा मुख्यालय पर ? क्या मुसलमानों को टारगेट किया गया कोरोना संकट काल में ? एक तरफ निजामुद्दीन मौलवियों ने लिखित में सूचना दी कि लाकड़ाऊंन में मदरसे में फसे है उनको घर पहुचाने के सरकार सम्भव मदद करे, ये लेकिन सरकार की सोची समझी रणनीति तैयार किया गया।
   हरिद्वार में फंसे थे 1800 गुजराती, शाह और रूपाणी के निर्देश मिलते ही लग्जरी बसों से घर पहुंचाए गए।
    देश में लगे लॉकडाउन के बाद गुजरात के 1800 लोग हरिद्वार में ही रह गए थे, इसका पता चलने पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने निर्देश जारी किए। जिसके कुछ ही घंटों के अंदर ही उन लोगों को हरिद्वार से घर ले जाने की तैयारी शुरू हो गईं। उन सभी को लग्जरी बसों से सीधे घर पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री के सचिव अश्वनी कुमार ने यह जानकारी मीडिया को दी है। बताया जा रहा है कि, बसों की इसी व्यवस्था के चलते उत्तराखंड परिवहन के कई वाहन हरिद्वार से अहमदाबाद पहुंचे थे। यह काम इतनी गोपनीयता से हुआ कि उत्तराखंड के परिवहन मंत्री तक को ये खबर नहीं लगी कि उनके विभाग के ही कई वाहन लॉकडाउन के दौरान कई राज्यों की सीमाओं को पार करते हुए 1200 किलोमीटर के सफर पर निकल पड़े हैं।
      अहमदाबाद के रहने वाले कई लोगों ने अपने घर सकुशल लौटने पर केंद्रीय मंत्री मनसुखभाई मांडविया, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को धन्यवाद ​दिया। यहां के एक निवासी मुकेश का कहना है कि, मेरे मोबाइल पर एक मैसेज आया, जो कि एक दोस्त ने भेजा था। उसमें लिखा था कि आज रात उत्तराखंड परिवहन की कई बसें अहमदाबाद पहुंच रही हैं। ये बसें कल सुबह वापस उत्तराखंड लौटेंगी, तुम भी इनमें वापस अपने घर लौट सकते हो। उसके बाद मैं एक गाड़ी में सवार हो गया। हमारी तरह गुजरात के अलग-अलग जिलों के करीब 1800 लोग हरिद्वार में फंसे हुए थे। उन्हें निकाल लिया गया है। देर रात तक कई गाड़ियां उन लोगों को घर तक छोड़ती रहीं।
हरिद्वार में फंसे गुजरात के नागरिकों को अहमदाबाद छोड़ने जो बसें आईं थीं, उनके लिए बाकायदा लिखित में सरकारी आदेश जारी किए गए थे। एक पास की फोटो सामने आई है।