महानगर फ़िरोज़ाबाद जनपद, उत्तर प्रदेश (Firozabad City, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश
(Ekalavy manav sandesh) ब्यूरो निर्मल कुमार वर्मा की रिपोर्ट, 15 अप्रैल 2020। सोशल डिस्टेंस के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है राशन विक्रेता। राशन डीलर की लापरवाही से उड़ी सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां।
फिरोजाबाद महानगर के थाना लाइनपार क्षेत्र रामनगर का है मामला। न कोई उचित दूरी, न ही लाॅक डाउन नियमों का हो रहा था पालन, ऐसे चल रहा था सब कुछ जैसे अंधेर नगरी चौपट राजा।। फिरोजाबाद के थाना लाइनपार क्षेत्र के रामनगर में राशन डीलर श्रीमती उर्मिला देवी की राशन की दुकान है। आज सुबह उनकी लापरवाही से सोशल डिस्टेसिंग की उड़ती रहीं धज्जियां। न तो यहां पर लाइन ही उचित दूरियों पर गोल घेरे में लगी थी और न ही राशन लेने वाले लाॅक डाउन नियमों का कोई पालन कर रहे थे। सब कुछ ऐसे चल रहा था जैसे अंधेर नगरी चैपट राजा।
सोचने वाली बात यह है कि शासन-प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं इसके बावजूद लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। राशन डीलर को चाहिये था राशन का वितरण ही तभी करे जब ये लोग लाॅक डाउन नियमों का पालन करें, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, गोल घेरे नाम के बने रहे। कुछेक लोग ही उसमें खड़े रहे बाकी ने तो जमघट सा लगा रहा।
(Ekalavy manav sandesh) ब्यूरो निर्मल कुमार वर्मा की रिपोर्ट, 15 अप्रैल 2020। सोशल डिस्टेंस के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है राशन विक्रेता। राशन डीलर की लापरवाही से उड़ी सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां।
फिरोजाबाद महानगर के थाना लाइनपार क्षेत्र रामनगर का है मामला। न कोई उचित दूरी, न ही लाॅक डाउन नियमों का हो रहा था पालन, ऐसे चल रहा था सब कुछ जैसे अंधेर नगरी चौपट राजा।। फिरोजाबाद के थाना लाइनपार क्षेत्र के रामनगर में राशन डीलर श्रीमती उर्मिला देवी की राशन की दुकान है। आज सुबह उनकी लापरवाही से सोशल डिस्टेसिंग की उड़ती रहीं धज्जियां। न तो यहां पर लाइन ही उचित दूरियों पर गोल घेरे में लगी थी और न ही राशन लेने वाले लाॅक डाउन नियमों का कोई पालन कर रहे थे। सब कुछ ऐसे चल रहा था जैसे अंधेर नगरी चैपट राजा।
सोचने वाली बात यह है कि शासन-प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं इसके बावजूद लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। राशन डीलर को चाहिये था राशन का वितरण ही तभी करे जब ये लोग लाॅक डाउन नियमों का पालन करें, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, गोल घेरे नाम के बने रहे। कुछेक लोग ही उसमें खड़े रहे बाकी ने तो जमघट सा लगा रहा।