बड़ौत, बागपत, उत्तर प्रदेश, एकलव्य मानव संदेश रिपोर्टर मोहित की रिपोर्ट। जमीयत द्वारा चलाये जा रहे रक्तदान ग्रुप में सूचना मिलने पर तुरंत रक्तदान करने पहुंची हैल्प लाइफ की टीम। एक और जहां लोग धर्म के नाम पर आए दिन एक-दूसरे के खून के प्यासे है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति दूसरे धर्म के व्यक्ति की जान बचाने के लिए अपना खून दान करें तो इससे बढ़कर इंसानियत का तकाजा और कुछ हो ही नहीं सकता। वह भी ऐसे समय में जब मुस्लिम युवक माहे पाक रमजान का फर्ज रोजा तोड़कर अपना खून हिंदू धर्म की महिला को दान करता है। वाकई में इसकी मिसाल खोजने पर नहीं मिलेगी। क्योकि हैल्फ लाईफ के संस्थापक व प्रबन्धक ने अपना रोजा तोड़कर एक हिन्दू महिला को रक्तदान किया।
बड़ौत कस्बे में लोकडाउन के बाद बेसहारा परिवारों के लिए पेट भर रही हैल्फ लाईफ टीम ने एक बार फिर से मिशाल कायम की है। जहां उन्होंने अपना फर्ज रोजा तोड़कर हिंदू संप्रदाय की महिला को की जान बचाने के लिए रक्तदान किया है। जिसकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। एक महिला को गम्भीर हालात में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। महिला को रक्त की आवश्यकता थी। ब्लड बैंक व अन्य स्थानों पर परिजनों ने काफी तलाश किया लेकिन सफलता नहीं मिली, इस बीच महिला की हालत धीरे-धीरे खराब होती जा रही थी। जब इसकी जानकारी हैल्फ लाईफ टीम के संस्थापक नौशाद मलिक व प्रबंधक एडवोकेट विकास मलिक को मिली तो उन्होंने मानवता की खातिर धर्म की जंजीरों को तोड़ते हुए अपने फर्ज रोजे को रद्द कर महिला की जान बचाने के लिए खून देने की खातिर हैल्फ लाईफ की टीम तैयार हो गई, जिसके बाद अस्पताल पहुंचकर अपना खून दिया। जिसके चलते महिला की जान बच गई। महिला के परिवार वाले हैल्फ लाईफ टीम का इस उपकार के लिए दिल से आभार व्यक्त किया।