एक वो था गब्बर सिंह!! एक आज भी है गब्बर सिंह !!

एकलव्य मानव संदेश। 80 के दशक में एक फिल्म आई थी शोले। वह कहानी चंबल के एक डाकू गब्बर सिंह उर्फ गजेंद्र सिंह गुर्जर के जीवन पर आधारित थी। उसकी ना कोई बीवी  थी ना बच्चा था और ना कोई गर्लफ्रेंड थी फिर भी लूटपाट करता था। वह लूटपाट क्यों करता था ??             
                

      वह लूटपाट अपने नाम के लिए करता था। वह चाहता था कि उसका नाम सारे देश में चले। 80 के दशक में गब्बर सिंह नाम का डाकू हुआ करता था, जिसके नाम से अगर बच्चा रोता है तो मां कहती थी- सो जा, नहीं तो गब्बर आ जाएगा! वह चाहता था कि उसके नाम से, सारे देश के लोग, उसके आतंक से, चारो ओर उसकी जय जयकार करें।

      इसी तरह का एक गब्बर सिंह 2014 में आया। उसने जीएसटी लगा दी। जनता से मनमाफिक टैक्स वसूला। छोटे व्यापारियों को खत्म कर दिया। इसके बाद उसने नोट बन्दी लागू कर दी, जिसमें देशभर में सैकड़ों जानें गईं। जो बड़े व्यापारी थे उन्होंने अपना पैसा जला दिया, नदी में फेंक दिया या हजारों करोड़ लेकर देश छोड़कर भाग गए। उससे हजारों लोग बेघर हो गए। हजारों कंपनियों में ताला डाल गया। महंगाई उस समय जोरों पर थी। 100 रुपये का सामान 200 रुपए में मिल रहा था। लेकिन गब्बर विदेश यात्रा कर रहा था। देशभर में 10 करोड़ों रुपए की, करोड़ रुपए की रैलियां कर रहा था। हर साल 200-300 रैलियां करना आम बात है।                      नए-नए  कपड़े का बहुत शौक था                          गब्बर सिंह यह चाहता था कि सारे विश्व में उसका नाम चले, जिसके लिए सारे देश में उसने 100-100, 200 करोड़ के 150 कार्यालय खोल डाले। वह यह चाहता था कि 50 साल बाद भी लोग कहें कि एक गब्बर सिंह था, जिसके कारण डाकुओं ने सारे देश पर राज किया। एक समय 21 राज तक उसका साम्राज्य फैल गया था, लेकिन धीरे-धीरे लोग जागरूक होते गए। आज उसका साम्राज्य 11 राज्यों तक सीमित है। आज देश में नई-नई बीमारियां फैलती जा रही हैं। कोरोना जैसी बीमारियों से सैकड़ों जाने जा रही हैं।        लेकिन गब्बर सिंह की गलत नीतियों के कारण जनता त्राहिमाम त्राहिमाम न्याय की गुहार लगा रही है। हजारों करोड़, बिजनेसमैन, फिल्म स्टार, स्पोर्ट्समैन, जनता के द्वारा दिए जाने के बावजूद भी लोगों का बुरा हाल है।                       वह बहुत महान बयान बहादुर है। उसके बोलने से ही जनता कांप जाती है वह करता तो है लेकिन अपने लोगों के लिए ही, अंधभक्त, अनपढ़, गवार के लिए करता है। देश को आखिर गब्बर सिंह से कब आजादी मिलेगी।   

  (अशोक केवट कहार की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)