पिछड़े दलितों की भैंस गई पानी में

मित्रो नमस्कार,
मित्रो ये सरकार मनुवादी सोच वाली है एवं पूरी तरह फेल सरकार है। आईये इस पर प्रकाश डालते हैं।
   मित्रो दुनियां में जब कोरोना की महामारी से लोग जूझ रहे हैं।
गरीब मजदूरों को काम न मिलने के कारण, भूखे रहने के कारण,
उनके घर जाने हेतु साधन न मिलने के कारण,
रेल पटरियों पर जाते हुये उनका नरसंहार हो रहा है, उसी दौरान भजप म. प्र में सरकार बना लेती हैं।
उसी दौरान मनुवादी लोग हेलीकॉप्टर से फूल बरसा रहे हैं।
उसी दौरान उद्योगपतियो के 68000/ करोड माफ किये जा रहे  हैं।
   कोरोना के कारण जब सरकारों की आर्थिक स्तिथी कमजोर है, बेतन देने को पेसा नही हैं, गरीबों को देने को पेसा नही है।
उसी दौरान भजप की उ.प्र सरकार अपनो (सवर्णों )को सेट करने के लिए एक नया गेम खेलने जा रही है।
करीब एक साल से लम्बित 69000 अध्यापकों की भर्ती हेतु  सोची समझी साजिश के तहत, हाईकोर्ट कोर्ट से फैसला करवा लिया है कि उपरोक्त पद पर आवेदन करने के लिए सुपरटेट में ओबीसी, एससी को 90 नं. चाहिए जबकि समान्य को 97 नं. लाने की आवश्यकता होगी। चूँकि ये सवर्ण शातिर होते हैं, इसलिये इनके बच्चे भी सातिर होते हैं। वे साम, दाम, दण्ड,भेद से 97 नं. हासिल कर लेंगे पर पिछडा वर्ग व दलितों के बच्चों के इतने नं कैसे आ पाएँगे??
सुपरटेट का परिणाम आने को है, सरकार इनकी है, परिणाम में ये  जो चाहेगे वो हो जाएगा और अंत में फिछडों व दलितों को मिलेगा बाबा जी का झुनझुना।
   जब सरकारें व देश संकट मे हैं उस समय भर्ती करने की इनको  इतनी जल्दी क्यों हैं?
बेतन देने को उ.प्र सरकार के पास ऐसी मुफलिसी में पैसा कहाँ  से आयेगा ??
ये भर्ती कोरोना के बाद भी तो हो सकती थी, परंतु नही।
इस भर्ती को ये अभी निपटायेंगे, जिससे लोग कोरोना के कारण  सुप्रीम कोर्ट न जा पाएं।
जिससे लोग कोरोना के कारण धरना व हडताल न कर पाएं।
पिछडों व दलितों की भेंस गयी पानी में।
रामायण व महाभारत देखो और बोलो.. जय श्रीराम
(अशोक कुमार सहानी, लखनऊ)