बाराबंकी में दवंग जातिवादी लोगों ने गरीब, मजदूर निषादों पर ढहाया कहर

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश (Barabanki, Uttar Pradesh) एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) रिपोर्टर से गोण्डा रिपोर्टर बद्री प्रसाद निषाद की रिपोर्ट। बाराबंकी में दवंग जातिवादी लोगों ने गरीब, मजदूर निषादों पर ढहाया कहर।
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(https://youtu.be/yTnDzJby7bA)
कुँवर बहादुर पुत्र संगम लाल निषाद निवासी ग्राम असवा थाना टिकैतगंज, जिला बाराबंकी ने पुलिस को दी तहरीर में लिखा है 25 मई को विपिन सिंह पुत्र त्रिभुवन सिंह प्रार्थी के घर आये और कहा मजदूरी करने चलो, तब प्रार्थी ने कहाभैया आपने पहले का पैसा नहीं दिया मैं मजदूरी करने नहीं जाऊँगा। इसी बात से त्रिभुवन सिंह और उनके पुत्र विपिन सिंह नाराज रहते थे। 1 जून 2020 को शाम 7 बजे त्रिभुवन सिंह पुत्र फतेह सिंह व विपिन सिंह, कुश सिंह, बबलू सिंह, लव पुत्रगण त्रिभुवन सिंह, सूरज, मनीष पुत्रगण शेर बाबू, कुटुल पुत्र हरिश्चंद्र, रान्नू, मन्नू पुत्रगण राजबहादुर, पंकज पुत्र ब्रज कुमार, राम चन्द्र पुत्र अज्ञात, चंदन पुत्र अज्ञात एक राय होकर लाठी, डंडो और लठ्ठों से लेश होकर प्रार्थी के घर में घुस आए।
आते ही प्रार्थी को मारने लगे। प्रार्थी को बचाने के लिए विशम्भरदयाल पुत्र झगरू, भाई तुलसीराम व पुत्तीलाल पुत्रगण संगम लाल, प्रदीप पुत्र पुत्तीलाल, समरजीत पुत्र संतोखी, संतोखी पुत्र बिरजा दौड़े तो मुलाज़िमों ने प्रार्थी को व तुलसीराम, पुत्तीलाल, प्रदीप, समरजीत, संतोखी, भाभी जुगुन देवी, चचेरी बहन प्रभादेवी पुत्री संतोखी को मारने लगे। मारने पीटने की वजह से संतोखी, तुलसीराम, पुत्तीलाल के सिर पर गंभीर चोटें आईं जिससे संतोखी, तुलसीराम, पुत्तीलाल बेहोश हो गए। संतोखी मरणासन्न हालात में है। समरजीत हाथ टूट गया है व जुगुन देवी व प्रभा सिंह के भी चोटें आईं हैं। परिवार के तुलसीराम, पुत्तीलाल, प्रदीप, समरजीत व संतोखी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टिकैत नगर से जिला अस्पताल बाराबंकी रेफर कर दिया गया जोकि अस्पताल में भर्ती हैं। मुल्जिमों ने प्रार्थी के घर का समान तोड़ डाला है और कीमती सामान उठा ले गए हैं। प्रार्थी की भतीजी प्रभा को नंगा कर उसके गुप्तांगों में डण्डा डाल दिया।
   इस रिपोर्ट की जगह पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है उसमें इस घटना का सही से उल्लेख नहीं किया गया है। और एफआईआर को NCR के रूप में दर्ज किया गया है। धारा 307 दर्ज करनी थी जो नहीं की गई है। जिला के पुलिस अधीक्षक मीडिया के सामने झूठ बोल रहे हैं कि 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि कोई गिरफ्तार नहीं किया गया है। उल्टे पीड़ितों की गंभीर चोट लगी होने के वावजूद सरकारी अस्पताल से निकाल दिया गया है। जिसके बाद अभी भी प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है।
    पीड़ित बहुत ही गरीब हैं, और इलाके के ठाकुर बहुत ही दवंग हैं और खौफ़ फैलाते रहते हैं। घटना की जानकारी के लिए कोई जाता है तो उसके दबक छुपक कर पहुंचना पड़ता है। हमारे रिपोर्टर को गौड़ा जनपद से घटना स्थल के गांव तक पहुंचने में भी बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ा।
   योगी आदित्यनाथ जी की भाजपा सरकार में ठाकुर बामनों का आतंक उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में देखने को मिल रहा है और ज्यादातर पुलिस और जिला प्रशासन में इन्ही दोनों जातियों के अधिकारियों की तैनाती की गई है। जो अपनी जाति के लोगों या सत्ता के करीबी लोगों को बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। और अगर मामला तूल पकड़ता है तो कमजोर धाराओं में केश दर्ज किया जाता है और अधिकांश मामलों में उल्टे पीड़ितों के विरुद्ध ही केश दर्ज कर दिया जाता है या क्रॉस केश दर्ज कराया दिया जाता है।
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