राजनीति का कोरोना फैला रही है भाजपा

एकलव्य मानव संदेश ब्यूरो रिपोर्ट। यह बात आज सिद्ध हो चुकी है कि भारत की सत्ताधारी पार्टी पार्टी भाजपा को गरीबों और कमजोरों की कोई परवाह नहीं है।उसको केवल अपनी सत्ता की चिंता है। और इसी कड़ी में जब देश में कोरोना फैल रहा था तो भाजपा मध्यप्रदेश में अपनी सरकार बनाने के लिए विधायक खरीद रही थी।
    कोरोना लॉक डाउन लागू कराने की जिम्मेदारी जिस मंत्री पर थी, जिसने लॉक डाउन में मजदूरों, गरीबों को सड़कों पर पैदल चलने और मरने को मजबूर किया अब यही गृह मंत्री अमित शाह अब राजनीति का कोरोना फैलने में लग गया में गांव गांव ताकत लगा रहे हैं।
   भाजपा का एक ही उद्देश्य है कैसे गरीबों को और गरीब और मकबूर बनाकर सत्ता में रहा जाय। क्योंकि सरकार वोट से बनती है और वोट जनता डालती है। जनता को वोट की की कीमत से ज्यादा उसके पेट की भूख के लिए मजबूर कर दिया जाय तो पेट के अनाज और दान के बदले वोट देने में आसानी होगी। आज यही देश और संविधान का सबसे बड़ा मजाक बन गया है। संविधान का अपहरण कर लिया गया है, कुछ पूंजीवादी लोगों ने। इस कोरोना काल में जहां देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई, गरीब और गरीब हुआ है वहीं कुछ ऐसे पूंजीपतियों की दौलत काफी बढ़ गई है, जो सरकार के ज्यादा चहेते हैं, चाहे हबाई अड्डे खरीद रहा और सोलर प्लांट लगा रहा अडानी हो, अम्बानी हो या बाबा रामदेव हो, सबकी दौलत को मजबूत करने में कोरोना काल का बड़ा योगदान रहा है।
       अब बिहार, बंगाल और मध्यप्रदेश के चुनावों के लिए भाजपा पैसों के बल पर गरीब जनता को बरगलाने के लिए ऑनलाइन रैली आयोजित कर रही है और अन्य राजनीतिक पार्टियों के पास धन की कमी है और चुनावी रैली पर रोक लगी हुई है और इसका दुरुपयोग भाजपा कर रही है। जो स्वास्थ लोकतंत्र के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है। और यह राजनीति का अपहरण जैसा है।