राम के बिना गुह्यराज निषाद राज का अस्तित्व क्या है??

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, एकलव्य मानव संदेश एडीटर जसवन्त सिंह निषाद का विशेष लेख, 27 अगस्त 2020।  आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें और तब अपनी कोई भी प्रतिक्रिया भी दे सकते हैं।
      राम के बिना गुह्यराज निषाद राज का अस्तित्व क्या है??
  राम भारत की संस्कृति के एक मजबूत किरदार हैं। गुह्यराज निषाद राज की राजधानी पवित्र श्रृंगवेरपुर धाम के निषाद महर्षि श्रंगी राज के द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ की बदौलत इस भारत भूमि पर अवतरित हुए राम को दुनिया में भगवान का दर्जा मिला और राम के संकट के समय सबसे पहले मदद और लगभग 12 साल तक वनवास के दौरान संरक्षण प्रदान करने और 14 साल तक भारत को राज सम्भालने में मदद का गौरव महाराजा निषाद राज गुह को प्राप्त है। राम और गुह्यराज निषाद राज की मित्रता और केवट द्वारा नदी पार करने की कथा, निषाद तपस्विनी सबरी के बिना राम और रामायण अधूरी हैं तो राम के बिना निषादों का इतिहास और अस्तित्व की श्रेष्ठता भी काल्पनिक ही है। और जो लोग या नेता अपनी रोजी रोटी के लिए निषाद इतिहास को तोड़ने मरोड़ने में लगे हुए हैं तो, उनके बारे में तो यही कहा जा सकता है कि शायद ये निषाद के घर में किसी गैर निषाद के द्वारा पैदा किये गए लोग ही हैं। आज जिस श्रंगवेरपुर धाम के पवित्र किले को भारत सरकार का पुरातत्व विभाग भी प्रमाणित कर चुका है तो उसके गौरवशाली इतिहास को ऐसे मूर्ख लोग ही खत्म करने का काम करते हैं तो, इनको किसी सहानुभूति की नहीं सामाजिक वहिष्कार करने की जरूरत है। जिससे भविष्य में कोई भी गौरवशाली इतिहास निषाद इतिहास का मजाक न उड़ा सके।
     मैं किसी राजनीतिक पार्टी में नहीं हूँ लेकिन समाज के सामने सच लाना भी जरूरी है। जिससे यह समाज बर्बाद होने से बचाया जा सके और हरामखोरी करने वालों की सच्चाई समाज के सामने लायी जा सके।

    आजकल एक चर्चा सोशल मीडिया पर चल रही है- राम काल्पनिक हैं और उनका कोई अस्तित्व नहीं है। यह कहने वाले का नाम है चौ. लौटानराम निषाद। तो चलिए पहले जानते हैं इनके खुद के नाम का क्या अस्तित्व है यानी अर्थ है-
चौधरी- किसी ग्रुप या समुदाय का
प्रधान, मुखिया या अगुआ होता है।
लौटन- वापिस आने वाला या लौटने वाला या अपनी बात पर कायम न रहने वाला यानी अविश्वसनीय
राम- (राम इनके खुद के अनुसार अस्तित्व हीन या काल्पनिक है ही) लेकिन असल मतलब है रोम रोम में समाया हुआ।
निषाद-भारत की प्राचीन और आदिम जाति यानी आज इस देश में रहने वाले सभी जातियों को सहारा देने वाली जाती या उनका इस भारत भूमि पर उद्धार या पार करने वाली या संकट में सहयोग देने वाली जाती।
    अब चौधरी लौटन राम निषाद के पूरे नाम का अर्थ देखें तो निकलता है ऐसे व्यक्तियों का नेता जो कल्पना के सहारे अपना पेट पालने के लिए दूसरे के लिए काम करता रहता हो। यानी समाज को मूर्ख बनाने का गुण जिसके रोम रोम में समाया हुआ है।
    चौधरी लौटन राम निषाद ने अब तक के जीवन में अपने नाम को पूरी तरह से साकार भी किया है। इनके पेट भरने के लिए न तो इनका परिवार का कोई व्यापार है और न कोई कृषि भूमि और न कोई नौकरी जिसके सहारे इन्होंने अब तक अपना पेट भरा है। आज से 21 साल पहले इन्होंने अपने परिवार को चलाने के लिए निषाद ज्योति मासिक पत्रिका प्रारंभ की। जब उससे पेट पालने के लाले पड़ गए तो, कांग्रेस की झोली में जा गिरे और जब कांग्रेस ने देखा कि यह अपने समाज के लिए नहीं केवल गुमराह कर पैसे के लिए घूमता है तो, वहाँ से किनारा लगा दिया गया। तब ये भाजपा के चौखट पर मछुआरे के रूप में प्रकोष्ठ संभालने पहुंच गए। भाजपा ने देखा कि यह पेट पालू है, समाज के लिए कुछ नहीं कर सकता है तो वहाँ से भी किनारे धकेल दिया गया। जब भटकने लगे तो निषाद मझबार, तुरैहा, गौंड एससी आरक्षण के लिए पूर्व विधायक राम कुमार जी द्वारा चलाये जाने वाले सर्वे के साथ लग गए और पैसे तलाशने लगे। पैसे की खातिर समाजवादी पार्टी में घुस गए। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने इनको पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बना दिया तो एससी आरक्षण की जगह पिछड़े अतिपिछड़े करने लग गए। और पदाधिकारियों को नियुक्त करने में जब पैसे लेने की बात सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जी तक पहुंचने लगी तो अब राम को ही काल्पनिक बनाकर खुद को शहीद कर कर लिया। और निषाद वंश को जाती, उपजाति, गोत्र कुल में विभाजित करने की चाल भी चलने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
     अब बात करते हैं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी की, तो उन्होंने चौ. लौटन राम निषाद को हटाकर निषाद वंश के गौरव को बचाने के लिए निषाद वंश के ही डॉ. राजपाल कश्यप जी (विधान परिषद सदस्य) को उत्तर प्रदेश सपा पिछड़ा वर्ग मोर्च का अध्यक्ष बनाकर और मजबूती प्रदान की है। राजपाल कश्यप जी के अध्यक्ष बनने से अधिकारियों पर भी दबाब बनेगा और समाज को एक नई दिशा मिलेगी। डॉ. राजपाल कश्यप जी ने अपनी राजनीति लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ में उपाध्यक्ष और अध्यक्ष बनकर प्रारंभ की थी। जहाँ इस निषाद वंश के बेटे पद पर चुना जाना बिना मुलायम सिंह यादव जी की सपोर्ट के सम्भव ही नहीं था। इसके अलावा डॉ. राजपाल की पार्टी और समाज के प्रति निष्ठा और हमेशा आवाज बुलंद करने के लिए तमाम रोकों के बाद भी एमएलसी बनाया, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनाया। यानी डॉ. राजपाल कश्यप जी ने राजनीति के लिए समाज का स्तेमाल नहीं किया, वल्कि अपनी मेहनत से राजनीति में कैरियर बनाकर निषाद वंश के लिए ही कार्य किया, मजबूत किया। और आशा की जाती है कि राजपाल कश्यप जी पिछड़े वर्ग के साथ साथ सम्पूर्ण निषाद वंश के उत्थान के लिए भी कार्य करते रहेंगे।

    इस निषाद वंश की एकता और तरक्की के लिए स्वार्थी नेताओं और संगठनों से बचाने के लिए एकलव्य मानव संदेश अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता रहेगा।

एकलव्य मानव संदेश सीघ्र ही निषाद वंश का शोधपरक प्राचीन इतिहास नामक पुस्तक का प्रकाशन करने जा रहा है। आप अपनी पुस्तक बुक करने के लिए सबसे नीचे लिखे नम्बर्स पर सम्पर्क कर सकते हैं।

एकलव्य मानव संदेश हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र एवं डिजिटल चैनल की खबरें देखने के लिए

1. गूगल प्ले स्टोर से Eklavya Manav Sandesh एप डाउनलोड करने के लिए लिंकः https://goo.gl/BxpTre

2. वेवसाईटें-
www.eklavyamanavsandesh.com

eklavyamanavsandesh.Page

यूट्यूब चैनल- 2 हैं
Eklavya Manav Sandesh
लिंकः https://www.youtube.com/channel/UCnC8umDohaFZ7HoOFmayrXg
(29500 से ज्यादा सब्सक्राइबर)

https://www.youtube.com/channel/UCw5RPYK5BEiFjLEp71NfSFg
(5000 से ज्यादा सब्सक्राइबर)
फेसबुक पर- हमारे पेज
Eklavya Manav Sandesh
 को लाइक करके
लिंकः https://www.facebook.com/eManavSandesh/

ट्विटर पर फॉलो करें

Jaswant Singh Nishad
लिंकः Check out Jaswant Singh Nishad (@JaswantSNishad): https://twitter.com/JaswantSNishad?s=09

एवं
लिंकःCheck out Eklavya Manav Sandesh (@eManavSandesh): https://twitter.com/eManavSandesh?s=09

आप हमारे रिपोर्टर भी बनने
और विज्ञापन के लिए
सम्पर्क करें-
जसवन्त सिंह निषाद
संपादक/प्रकाशक/स्वामी/मुद्रक
कुआर्सी, रामघाट रोड, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, 202002
मोबाइल/व्हाट्सऐप नम्बर्स
9219506267, 9457311662