राम मंदिर बनाम शूद्र समाज
लेखक- साहबसिंह धनगर भैयाजी
साथियों,
इस समय मनुवादी इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के पास राम मंदिर के संबंध में दिखाने व लिखने के अलावा देश की कोई समस्या नहीं है। विश्व के देशों के सापेक्ष शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, भुखमरी, रोटी, कपड़ा, मकान, कुपोषण, गरीबी, पर्यावरण, सड़क, पानी, बिजली, भ्रष्टाचार, न्याय व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, अपराध आदि अनेकानेक समस्याओं के संबंध में भारत की क्या स्थिति है? इस संबंध में मनुवादी इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया देश की जनता को वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं कराता है। क्योंकि जब देश की जनता को सही जानकारी मिलेगी तो वह आक्रोशित होकर सत्ताधारी, इनके आकाओं को एक ही चुनाव में धराशाई कर देगी। जिससे इनका भी धंधा प्रभावित होगा। वैसे तो कांग्रेस और भाजपा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। कांग्रेस ने अपने शासनकाल में शांत रहकर गोपनीय तरीके से 90 प्रतिशत शूद्र समाज का शोषण एवं पतन किया है। भाजपा हिंदुत्व का नाम लेकर सांप्रदायिक माहौल पैदा करके सत्तासीन है। वह भी नए-नए तरीकों द्वारा 90 प्रतिशत शूद्र समाज का शोषण एवं पतन करने में लगी है। भाजपा राम मंदिर बन जाने को ही देश की सबसे बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि मान रही है। आज से लगभग 5000 वर्ष पूर्व कश्मीर के खैबर दर्रे से होकर इरान से कुछ आर्य घोड़ों पर सवार होकर द्रविड़ों के देश भारत में आए। हम यह मानते हैं कि राम उनके (10 प्रतिशत मनुवादियों के) आदर्श हो सकते हैं। लेकिन यह कहा जाना कि देश की सवा सौ करोड़ जनता राम मंदिर निर्माण से हर्षोल्लास में डूबी हुई है, यह कपोल कल्पित शब्द है। 90 प्रतिशत शूद्र समाज को राम मंदिर से कोई लेना देना नहीं है। क्योंकि राम मंदिर से उनका कोई भला होने वाला नहीं है। राम मंदिर परिसर में या उसके आसपास 10 प्रतिशत मनुवादियों की ही दुकानें खुलेगी। उनका ही सामान बिकेगा। उन्हीं को लाभ होगा। मंदिर का चढ़ावा ब्राह्मणों के घरों में जाएगा। जिससे वह सुखी एवं संपन्न होंगे।
भाजपा एवं आर.एस.एस. के पास सांप्रदायिकता फैलाने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं है। दिनांक - 16 - 6 - 2020 के दैनिक जागरण में एक खबर छपी, जिसमें भाजपा सांसद विनय कटियार ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के बाद नए तरीके के आंदोलन के साथ काशी एवं मथुरा में तैयारी की जायेगी। दिनांक - 1 - 8 - 2020 के दैनिक जागरण में खबर छपी है, जिसमें भाजपा समर्थक संतो एवं महंतो ने कहा है कि श्री कृष्ण जन्म भूमि पर बनी मस्जिद को हटाकर श्री राम जन्म भूमि की तरह भव्य निर्माण करवाना है। उक्त बयान सिर्फ और सिर्फ सांप्रदायिकता फैलाने के अलावा और कुछ नहीं है। देश में यह सब कुछ गलत कार्य करने के लिए सिर्फ कांग्रेस, भाजपा व आर.एस.एस. ही दोषी नहीं हैं, इससे ज्यादा दोषी तो 90 प्रतिशत शूद्र समाज में से पढ़- लिख कर तैयार हुए डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, वकील और राजनेता हैं। जो अपने स्वार्थों की खातिर भाजपा तथा कांग्रेस की गुलामी कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री कल्याण सिंह जी राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन कार्यक्रम में आमंत्रित किये ही नहीं गये। लखनऊ में गत वर्षो में हुए एक कार्यक्रम में श्री कल्याण सिंह जी द्वारा कहा गया था कि पिछड़ों को अपना हक थप्पड़ मार कर लेना चाहिए। जब हक थप्पड़ मार कर ही लेना है। तो राम की कृपा की क्या आवश्यकता है? यदि राम की कृपा से सब कुछ होगा तो। माननीय श्री कल्याण सिंह जी श्री राम से 90 प्रतिशत शूद्र समाज का छीना गया हक अधिकार जरूर लेलेना। मुझे लिखते हुए शर्म आती है कि धिक्कार है उन ऐसी विक्षिप्त मानसिकता की संतानों को जिन्होंने अपने माता पिता के नाम को लज्जित किया। जो भाजपा तथा कांग्रेस को समर्थन देकर अपने तुच्छ स्वार्थ की खातिर आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए गहरी खाई खोदने में लगे हैं।
साथियों,
इस समय मनुवादी इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के पास राम मंदिर के संबंध में दिखाने व लिखने के अलावा देश की कोई समस्या नहीं है। विश्व के देशों के सापेक्ष शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, भुखमरी, रोटी, कपड़ा, मकान, कुपोषण, गरीबी, पर्यावरण, सड़क, पानी, बिजली, भ्रष्टाचार, न्याय व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, अपराध आदि अनेकानेक समस्याओं के संबंध में भारत की क्या स्थिति है? इस संबंध में मनुवादी इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया देश की जनता को वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं कराता है। क्योंकि जब देश की जनता को सही जानकारी मिलेगी तो वह आक्रोशित होकर सत्ताधारी, इनके आकाओं को एक ही चुनाव में धराशाई कर देगी। जिससे इनका भी धंधा प्रभावित होगा। वैसे तो कांग्रेस और भाजपा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। कांग्रेस ने अपने शासनकाल में शांत रहकर गोपनीय तरीके से 90 प्रतिशत शूद्र समाज का शोषण एवं पतन किया है। भाजपा हिंदुत्व का नाम लेकर सांप्रदायिक माहौल पैदा करके सत्तासीन है। वह भी नए-नए तरीकों द्वारा 90 प्रतिशत शूद्र समाज का शोषण एवं पतन करने में लगी है। भाजपा राम मंदिर बन जाने को ही देश की सबसे बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि मान रही है। आज से लगभग 5000 वर्ष पूर्व कश्मीर के खैबर दर्रे से होकर इरान से कुछ आर्य घोड़ों पर सवार होकर द्रविड़ों के देश भारत में आए। हम यह मानते हैं कि राम उनके (10 प्रतिशत मनुवादियों के) आदर्श हो सकते हैं। लेकिन यह कहा जाना कि देश की सवा सौ करोड़ जनता राम मंदिर निर्माण से हर्षोल्लास में डूबी हुई है, यह कपोल कल्पित शब्द है। 90 प्रतिशत शूद्र समाज को राम मंदिर से कोई लेना देना नहीं है। क्योंकि राम मंदिर से उनका कोई भला होने वाला नहीं है। राम मंदिर परिसर में या उसके आसपास 10 प्रतिशत मनुवादियों की ही दुकानें खुलेगी। उनका ही सामान बिकेगा। उन्हीं को लाभ होगा। मंदिर का चढ़ावा ब्राह्मणों के घरों में जाएगा। जिससे वह सुखी एवं संपन्न होंगे।
भाजपा एवं आर.एस.एस. के पास सांप्रदायिकता फैलाने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं है। दिनांक - 16 - 6 - 2020 के दैनिक जागरण में एक खबर छपी, जिसमें भाजपा सांसद विनय कटियार ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के बाद नए तरीके के आंदोलन के साथ काशी एवं मथुरा में तैयारी की जायेगी। दिनांक - 1 - 8 - 2020 के दैनिक जागरण में खबर छपी है, जिसमें भाजपा समर्थक संतो एवं महंतो ने कहा है कि श्री कृष्ण जन्म भूमि पर बनी मस्जिद को हटाकर श्री राम जन्म भूमि की तरह भव्य निर्माण करवाना है। उक्त बयान सिर्फ और सिर्फ सांप्रदायिकता फैलाने के अलावा और कुछ नहीं है। देश में यह सब कुछ गलत कार्य करने के लिए सिर्फ कांग्रेस, भाजपा व आर.एस.एस. ही दोषी नहीं हैं, इससे ज्यादा दोषी तो 90 प्रतिशत शूद्र समाज में से पढ़- लिख कर तैयार हुए डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, वकील और राजनेता हैं। जो अपने स्वार्थों की खातिर भाजपा तथा कांग्रेस की गुलामी कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री कल्याण सिंह जी राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन कार्यक्रम में आमंत्रित किये ही नहीं गये। लखनऊ में गत वर्षो में हुए एक कार्यक्रम में श्री कल्याण सिंह जी द्वारा कहा गया था कि पिछड़ों को अपना हक थप्पड़ मार कर लेना चाहिए। जब हक थप्पड़ मार कर ही लेना है। तो राम की कृपा की क्या आवश्यकता है? यदि राम की कृपा से सब कुछ होगा तो। माननीय श्री कल्याण सिंह जी श्री राम से 90 प्रतिशत शूद्र समाज का छीना गया हक अधिकार जरूर लेलेना। मुझे लिखते हुए शर्म आती है कि धिक्कार है उन ऐसी विक्षिप्त मानसिकता की संतानों को जिन्होंने अपने माता पिता के नाम को लज्जित किया। जो भाजपा तथा कांग्रेस को समर्थन देकर अपने तुच्छ स्वार्थ की खातिर आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए गहरी खाई खोदने में लगे हैं।