छतरपुर में गरीब निषाद वंशी रैकवार समाज के घर तोड़ने पर बच्चो को लेकर बैठे अनिश्चित कालीन हड़ताल पर

छतरपुर, मध्यप्रदेश (Chhatarpur, Madhya Pradesh), ब्यूरो रिपोर्ट। छतरपुर जनपद की तहसीलदार घुवारा में गरीबों ने मकान तोड़े जाने के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। प्रभावित परिवारों के 50 से ज्यादा महिला पुरूष अपने बच्चों को लेकर अनिशिचत कालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। ये गरीब मजदूर परिवार गुरुवार की दोपहर को घुवारा के मुख्य बस स्टैंड पर तहसीलदार के विरोध में मोर्चा खोल कर बच्चों के साथ अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठ गए। 


   तहसील मुख्यालय के नगर घुवारा में 4 दिसम्बर 2020 को तहसीलदार सुनील वर्मा एंव नगर परिषद सीएमओ मिथलेश गिरी गोस्वामी ने भारी पुलिस की मौजूदगी में गरीब मजदूरों के के लिए आवंटित प्रधानमंत्री आवासों को गिरा दिया गया था। जिसके बाद इन आवासों में रहने वाले गरीब कड़कड़ाती ठंड में खुली छत के नीचे अपने बच्चों के साथ अपना जीवन यापन करने को मजबूर हो गए तो वृहस्पतिवार की दोपहर को सभी गरीबों ने मिलकर मुख्य बस स्टैंड पर तहसीलदार के विरोध में अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया। 

   सभी पीड़ित परिवार गरीब एवं निषाद वंशीय रैकवार समाज से हैं। इनकी तीन मांग हैं, जिसका एक ज्ञापन नायब तहसीलदार बड़ा मलहरा सुनील कुमार बाल्मीक को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देते हुए मांग की है- 

1. तहसीलदार घुवारा सुनील वर्मा को तहसीलदार घुवारा से हटाया जाय।

2. जिन गरीबों के आवास गिराए गए हैं उन आवासों की जांच कर तहसीलदार घुवारा सुनील वर्मा, सीएमओ घुवारा मिथलेश गिरी गोस्वामी पर वैधानिक कार्यवाही की जाय और मुआवजा राशि दिलाई जाय।

3. जिन गरीबों के आवास व दासे गिराए गए हैं उनका आवास बनवाया जाय। साथ ही उनको आवासीय पट्टे दिलाये जायं।

   उक्त मांगो को अगर शासन प्रशासन पूरा नहीं करता है तो हम गरीब मजदूर आत्म हत्या करने को मजबूर होंगे, जिसकी जबाबदेही शासन प्रशासन की होगी। रात्रि के दौरान गरीब मजदूर रैकवार पीड़ित परिवार अपने छोटे छोटे बच्चों को लेकर खुले में कड़कड़ाती ठंड में बैठे हुए हैं लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान ही नहीं है। ऐसा मानवीय संवेदना को झकझोरता दृश्य मध्यप्रदेश में भाजपा की शिवराज सिंह चौहान की सरकार में हो रहा है। 

   एकलव्य मानव संदेश सरकार से इस घटना की जांच कराने के साथ गरीबों की मांगों पर तुरंत कार्यवाही की मांग करता है।