दुःखद समाचार!! आज मेरी चाची जी श्रीमती ओमवती देवी जी पत्नी स्व. श्री चोखेलाल जी का उनके निज निवास चंद्र विहार कॉलोनी, निलौठी एक्सटेंशन, नई दिल्ली में हो गया है। मैं जसवन्त सिंह निषाद (सम्पादक, प्रकाशक एकलव्य मानव संदेश अपने परिवार की ओर से चाची जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ।
मेरे चाचा जी के 2 बेटे मुरारी लाल निषाद, महेंद्र सिंह निषाद और दो बेटी श्रीमती सरोज देवी (बरारी, आगरा), श्रीमती कमला देवी (ढहरुआ, मथुरा) हैं।
अलीगढ़ महानगर के नगला मल्लाह निवासी स्व. जगन लाल निषाद जी (गवर्नमेंट प्रेस अलीगढ़ में कार्यरत थे) के दो बेटे स्व. श्री नत्थीलाल (मेरे पिताजी), स्व. श्री चोखेलाल (दिल्ली) और एक बेटी स्व. श्रीमती कस्तूरी देवी (पत्नी स्व. बुद्ध सैन, निवासी इसौली का पुरा, शमशाबाद, आगरा) थे।
मेरी माता जी स्व. श्रीमती चिरौंजा देवी जी पुत्री स्व.श्री रामप्रसाद उर्फ पापा काजीजी (सिंचाई विभाग में कार्यरत थे) निवासी जयरामपुर खादर, कलकत्ती, नरौरा, बुलंदशहर की थीं, जिनके एक भाई स्व. श्री ठाकुर दास जी (सिंचाई विभाग में कार्यरत रहे) और एक बहन स्व. श्रीमती चंपा देवी पत्नी स्व. भूपाल सिंह कश्यप जी (इसी महीने 16.12.2020 को ही देहांत हुआ है), निवासी कैथल, चंदौसी, जिला- संभल, उ. प्र. थीं।
एक सौतेले चाचा जी श्री राधेलाल (निवासी रानी कुण्ड राराय, भरतपुर, राजस्थान) और उनकी पत्नी और
मामा जी (स्व. ठाकुर दास जी) की पत्नी श्रीमती जानकी देवी ही अब हमारे बुजुर्गों में इस दुनिया में हमारे बीच हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है, उनको पैरालिसिस का अटैक पड़ चुका है और अब नरौरा से अलीगढ़ में अपनी बड़ी बेटी के पास अपने तीनों बेटों सहित रह रहीं हैं।
अब मेरे बाबा स्व. जगन लाल जी की सन्तानों और उनके पतिनियों पति में से हमारे परिवार में कोई बुजुर्ग नहीं रह गया है।
- जसवन्त सिंह निषाद (सम्पादक, प्रकाशक, स्वामी, एकलव्य मानव संदेश)