वाराणसी, उत्तर प्रदेश (Varanasi, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश ब्यूरो रिपोर्ट। Modi के Varanasi में ठाकुरों ने जेसीबी से गिराए निषादों के घर।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में दबंगों ने गरीब निषाद (बिन्द) परिवार की कच्चे मकानों को प्रशासन के बल पर जबरदस्ती ढहाकर किया कब्जा।
(दी गई लिंकः को कीलिक करके पूरी वीडियो में देखें इस रिपोर्ट को https://youtu.be/IGmMPATWpF8)
एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बड़ी बड़ी बाते कह रहीं है, लेकिन वर्तमान में भी स्थति बदलती नजर नहीं आ रही है। ताजा मामला वाराणसी के राजातालाब तहसील के जक्खिनी गांव का है, जहां के रहने वाले कन्हैया बिंद पुत्र स्व.भीखु बिंद ने करीब 50 सालों से केदार श्रीवास्तव की जमीन की देख-रेख करते रहे और एक हिस्से को पैसा देकर खरीदा हुआ था, कुछ सालों पहले केदार श्रीवास्तव की मृत्यु हो गई और उनके लड़के अरूण श्रीवास्तव और संजय श्रीवास्तव ने जमीन जक्खिनी के अनीता सिंह पत्नी वीरेंद्र सिंह ग्राम प्रधान जक्खिनी को बेच दिया। ग्राम प्रधान द्वारा खरीदी गई जमीन के अतिरिक्त कन्हैया बिंद के मकान को भी ज़बरदस्ती हड़पने की कोशिश करने लगे, जिसका मुकदमा हाईकोर्ट इलाहाबाद में लंबित है। जबकि राजातालाब तहसील ने कन्हैया बिंद के पक्ष में फैसला सुनाया था।
दिनांक 13 दिसम्बर 2020को सुबह विरेन्द्र सिंह ने अपने लगभग तीन चार सौ समर्थकों संग प्रसाशन के सहयोग से जेसीबी मशीन से कन्हैया बिंद का चार पक्के मकान तोड़कर, पेड़ पौधे तहस नहस कर दिये और यह सब हो रहा था बिना किसी कानूनी नोटिस के। सवाल यह उठता है कि क्या न्यायालय की भूमिका अब समाप्त हो गई और बाहूबल के आधार पर फैसले होने लगें हैं। अब देखना है प्रशासन कब तक इस मामले पर कार्रवाई करता है? और गरीब परिवार के साथ कब तक न्याय होगा।