बाँदा में सांसद, विधायकों के ओवरलोड ट्रक खनिज वैरियर से जबरन पास कराए जा रहे हैं ?

 बांदा, उत्तर प्रदेश। ये ट्रक सांसद जी के है। जनपद के नरैनी, गिरवां और मटौंध थाना क्षेत्र के खनिज बैरियरों में इस तरह की बात अब आम हो गई है। बाँदा के इस बैरियरें में पूर्व सैनिकों को तैनात किया गया है, जो ओवरलोड ट्रकों को रोकते हैं तो उन्हें अधिकारियों द्वारा धमकाया जाता हैं। और जब अधिकारियों के फोन पर मिले आदेश पर वह विधायकों और सांसद के ट्रक जाने देते हैं तो पीछे बालू माफियाओं के गुर्गे भी अपने ओवरलोड ट्रक पास कराने के लिए इन सैनिकों पर असलहें तक तान देत॑ हैं। और इस तरह रोजाना इन बैरियरों पर पूर्व सेनिकों को बेईज्जत किया जाता है। 


  जनपद बाँदा में बालू की ओवरलोडिंग रोकने के लिए शासन की ओर से खनिज विभाग के बेरियरों में 2 दर्जन से ज्यादा रिटायर्ड सैनिकों की तैनाती की गई है। जिसका उद्देश्य है कि किसी भी सूरत में बैरियरों से बैगर प्रपत्रों के और ओवरलोड बालू लदे ट्रक न निकलने पाएं। और जब इन पूर्व सैनिकों को तैनात को तैनात किया गया था तब ये बड़े खुश हुए थे, लेकिन अब यह डयूटी पूव सैनिको की जान की आफत बन गई है। नाम न छापने की शत इन पूर्व सैनिकों द्वारा बताया जाता है कि वे पूरी शिदृदत से अपनी ड्यूटी निभाते हैं जो उनके लिए आफत बन गई है। जब खनिज बैरियरों में आने वाले ओवरलोड ट्रकों को सैनिकों द्वारा रोका जाता है तो जिला मुख्यालय से फोन पर कहा जाता है कि फलां ट्रक सांसद और विधायक के हैं। चुपचाप इन्हें जाने दो और जन प्रतिनिधियों के ट्रक बैरियरों से बेगैर चेकिंग के जाने देनें पर बालू माफियाओं के गुर्गे उन पर अपने ट्रक भी पास कराने के लिए दबाव बनातें हैं। इसके लिए अक्सर उन पर असलहें तक तान दिये जाते हैं।

   इन सैनिकों का कहना है कि उन्होंने कई बार ऐसे हालातों की शिकायत जिम्मेदार अधिकारियो से की है, लेकिन उनकी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए। अधिकारियों का कहना होता है कि वह जाकर संबंधित थाने मे रिपोर्ट दर्ज कराएं। यह स्थिति तब है जब सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ओवरलोडिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाए जाने के निर्देश जारी कर चुके हैं। उन्हींने 10 मार्च को बाँदा आगम पर ग्रह और खनिज विभाग की विशेष टीमें भेजकर जनपद में अवैध खनन और ओवरलोडिंग की जांच करने की बात भी कही थी, क्योंकि जिला में 5 मार्च को पैलानी खदान में अवैध खनन के कारण ढाय खिसक जाने से 3 युवाओं की जान चली गई थी। अब प्रश्न यह है कि जब जन प्रतिनिधि ही मुखिया के आदेशों को पलीता लगाएंगे तो उस पर अमल कैसे होगा। और इसीलिए पूरे बुंदेलखंड में ओवरलोडिंग रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। इस ओवरलोडिंग से आएदिन रोड एक्सीडेंट की घटनाओं के समाचार मिलते रहते हैं और सड़कों की हालत खस्ता बनी रहती है।