जिलाधिकारी ने प्रत्याशियों को आदर्श चुनाव आचार सहिंता का अनुपालन करने के दिये निर्देश

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, सू.वि. रिपोर्ट। आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन पाए जाने प्रत्याशी की उम्मीदवारी निरस्त हो सकती है। मतदाताओं को रिश्वत देकर, डरा-धमकाकर अपने पक्ष मत देने के लिए प्रभावित करना, शराब बांटना एवं चुनावी सभा में गड़बड़ी करना आचार सहिंता का उल्लंघन माना जायेगा।

   त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन में प्रत्याशी आदर्श आचार संहिता के अन्तर्गत ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय, जाति एवं राजनैतिक दल की भावना आहत हो या किसी भी प्रकार के तनाव की स्थिति उत्पन्न हो। प्रत्याशी किसी उम्मीदवार के व्यक्तिगत जीवन के पहलुओं पर आलोचना नहीं करेंगे। मत प्राप्त करने के लिए जातीय, साम्प्रदायिक और धार्मिक भावना का सहारा नहीं लेंगे। पूजा स्थलों का निर्वाचन में प्रचार एवं अन्य सम्बन्धी अन्य कार्यों के लिए प्रयोग नहीं किया जाएगा। मतदाताओं को रिश्वत देकर, डरा-धमकाकर अपने पक्ष मत देने के लिए प्रभावित करना, शराब बांटना एवं चुनावी सभा में गड़बड़ी करना अपराध माना जाएगा।

   जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्र भूषण ने आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित कराने के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी उम्मीदवार या उसके समर्थक का पुतला जलाना या समर्थन करना, निर्धारित व्यय सीमा से अधिक व्यय करना, निजी सम्पत्ति पर स्वामी की बिना अनुमति से प्रचार सामग्री लगाना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। उम्मीदवार शासकीय या सार्वजनिक स्थल, भवन पर वाल राइटिंग या अन्य प्रकार से गंदा नहीं करेंगे। चुनाव प्रचार के लिए वाहनों का प्रयोग जिला प्रशासन की अनुमति से ही हो सकेगा। प्रचार के दौरान लाउडस्पीकर एवं साउण्ड का प्रयोग पूर्व अनुमति प्राप्त कर प्रातः 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक कर सकते हैं। किसी भी प्रकार का विज्ञापन जिला प्रशासन की अनुमति के उपरान्त ही सम्भव होगा। पम्पलेट्स समेत अन्य प्रकार की प्रचार सामग्री पर मुद्रक, प्रकाशक का नाम व पता अंकित होना अनिवार्य किया गया है। किसी भी व्यक्ति द्वारा उम्मीदवार की अनुमति के बिना उसके पक्ष में चुनाव प्रचार सम्बन्धी सामग्री प्रकाशित नहीं कराई जाएगी, यदि ऐसा पाया जाता है तो धारा 171 एच के अन्तर्गत दण्डनीय होगा। 


   निर्वाचन के दौरान उम्मीदवार सभा, रैली, जुलूस का आयोजन जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति लेकर ही करेंगे। इस दौरान लाठी, डण्डे, ईंट, पत्थर, असलाह लेकर शामिल नहीं होंगे। मतदान समाप्त होने के निर्धारित समय से 48 घण्टे पूर्व सार्वजनिक सभा व चुनाव प्रचार बन्द कर दिया जाएगा, इस दायरे में टीवी, केबिल चैनल, रेडियो, प्रिन्ट मीडिया द्वारा चुनाव प्रचार व विज्ञापन भी सम्मिलित होगा।

   मतदान दिवस के दौरान उम्मीदवार एवं अभिकर्ता निर्वाचन कार्मिकों के साथ स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण ढ़ंग से मतदान कराने में सहयोग करेंगे। मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराएंगे और न ही फर्जी मतदान करने कराने के लिए किसी व्यक्ति को उकसाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदाता स्वयं और अपने परिवार के सदस्यों के साथ निजी वाहन को मतदान केन्द्र के 100 मीटर रेडियस के बाहर तक ले जाने की छूट प्रदान की गयी है। उम्मीदवार पोलिंग के दिन मतदान केन्द्र के 100 मीटर के अन्दर न ही प्रचार करेंगे और न ही वोट मागेेंगे। मतदान केन्द्र या उसके आसपास आपत्तिजनक आचरण, कार्य में बाधा, मतदान केन्द्र पर कब्जा, मतदाता को मतदान से रोकने, मतदान स्थल तक जाने में बाधा उत्पन्न करना, मतपेटियों को क्षति पहुंचाना, उठा के ले जाना, अनाधिकृत व अवैध मतपत्रों को शामिल करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। मतदाता पर्ची पर किसी प्रकार का कोई नाम या चिन्ह नहीं होगा। मतदान के दिन लगाए मतदान केन्द्रों पर लगाए गये बस्तों पर अनावश्यक भीड़, झण्डा, प्रतीक या प्रचार सामग्री नहीं होगी। मतदान स्थल के अन्दर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति, प्रेक्षक, निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट, आरओ, एआरओ, मतदान कार्मिक, प्रत्याशी, मतदाता और इलैक्शन व पोलिंग एजेन्ट के अतिरिक्त कोई अन्य व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकेगा।

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   पैनिक हडबडाहट भारतीयों की बहुत बुरी आदत है
 ट्रेन आती है लोगों को उतरने देंगे नहीं, खुद पहले घुसेंगे, कही ट्रेन चली न जाए हम रह ना जाएं। सड़क पर थोड़ी भी जगह दिख जाए कहीं भी घुस जायेंगे, कुछ सेकंड में ही हॉर्न बजाने लगेंगे, गालिया देने लगेंगे, जैसे घर पे  बम डीफ्यूज करने जाना है, एक सेकंड की भी देरी हुई तो ब्लास्ट हो जायेगा। लॉकडाउन की बात हो तो बाजार में टूट पड़ेंगे सामान जमा करने के लिए, जैसे दुनिया ख़त्म हो रही हो।
   हमारी इसी आदत के कारण करोना भी मेनेज नहीं हो पा रहा है। केवेल 2 प्रतिशत लोगों को हॉस्पिटल में रखने, ऑक्सीजन की जरुरत होती है, केवेल 5 प्रतिशत को रेमदिसिवर की जरुरत होती है। अभी लोग पेनिक में हैं, सोचते हैं बाद में शायद बेड न मिले, ऑक्सीजन न मिले, अपने लक्षण बढ़ा चढ़ा के बताते हैं, और एडमिट होते है, कुछ तो नेता, मंत्री, कमिश्नर से जुगाड़ करके भी बेड ले रहे हैं। ऐसे कई लोगो को मैं देख रहा हूँ, जो बिलकुल स्वस्थ हैं, पर फिर भी 3-6 गुना ज्यदा पैसा दे के इंजेक्शन खरीद रहे हैं, इस डर से की बाद में कहीं हो गया तो, इंजेक्शन मिल जाए। हमारी इन्ही सब हरकतों के कारण ही कमी है, वरना जरुरतमंदों के लिए कोई कमी नहीं होती।
  जब आप घबराहट पैदा करने वाले पोस्ट विडियो फोटो शेयर करते है तो आप इसी को बढ़ावा देते हैं, कृपया न करें, सब चिताएं करोना की नहीं होतीं, 35 हजार लोगों की मृत्य रोज देश में स्वाभाविक होती है। 99.4 प्रतिशत लोग ठीक हो जाते हैं। लोगों का हौसला बढ़ाएं, घबराहट नहीं। एक समर्पित  नागरिक बनें।
दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी
आप सभी से भी अनुरोध है डबल मास्क पहनें, इस बार का कोरोना पिछले बार के कोरोना से कई गुना घातक है। सारे हॉस्पिटल भरे हुए हैं। हल्के से भी लक्षण हैं तो टेस्ट करा लें और तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। इंटरनेट पर बहुत सारी जानकारी है लेकिन बहुत सारी भ्रामक और नुकसानदेह भी है अतः सिर्फ डॉक्टर की सलाह मानें। खुद बचिए और बचाइए

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