जैसे किराने की दुकान में किराना नामक कोई समान नहीं है उसी प्रकार ब्राह्मण धर्म के हिन्दुओं की दुकान में हिन्दू नामकी कोई चीज़ नहीं है!

जैसे किराने की दुकान में किराना नामक कोई समान नहीं है उसी प्रकार ब्राह्मण धर्म के हिन्दुओं की दुकान में हिन्दू नाम की कोई चीज़ नहीं है!



1. मैं हिन्दू नही हूँ, जहां तक मुझे पता है कि आप लोग भी हिन्दू नहीं हैं। किसी देश की आबादी में ही विभिन्न धर्मों के लोग बसते हैं। एक ही धर्म के लोगों में रोटी - बेटी का सम्बन्ध होता है। खानपान का सम्बन्ध होता है। आपस में वैवाहिक सम्बन्ध होते हैं। क्योंकि धर्म के अंदर रहने वाले सभी बराबर होते हैं। धार्मिक स्तर पर आपस में कोई भेदभाव नहीं होता है, चाहे देश प्रदेश भिन्न ही क्यों न हों।

 जबकि भारत की आबादी में हिन्दुस्तान के हिन्दुओं को ढूढ़ने पर पाया गया कि :-

1(1). 62 करोड़ ओबीसी हिन्दू नहीं हैं।

1(2). 20 करोड़ एससी हिन्दू नहीं हैं।

1(3). 10 करोड़ आदिवासी हिन्दू नहीं हैं।

1(4). 14 करोड़ मुसलमान हिन्दू नहीं हैं।

1(5). 2.8 करोड़ सिख हिन्दू नहीं हैं।

1(6). 2.6 करोड़ लिंगायत हिन्दू नहीं हैं।

1(7). 2.5 करोड़ ईसाई हिन्दू नहीं हैं।

1(8). 80 लाख बौद्ध हिन्दू नहीं हैं।

1(9). 42 लाख जैन हिन्दू नहीं हैं।

2. फिर हिन्दू है कौन ? कहां रहता है हिन्दू? कैसा दिखता है हिन्दू ?

2(1). क्या हिन्दू आपस में विवाह करते हैं?

2(2). क्या हिन्दू किसी नस्ल या जाति का नाम है?

2(3). क्या सभी हिन्दुओं को समाज में समान अधिकार है?

2(4). क्या हिंदुओं में आपसी भाईचारा है?

2(5). क्या सभी हिंदुओं का एक सामूहिक शमशान होता है?

3(1). भारत में हिन्दुस्तान के हिंदुओं को खोज रहा हूँ...

सुबह से शाम हो गयी कोई हिन्दू नहीं मिला! अलबत्ता बामन, ठाकुर, भुमिहार, बनिया, लाला मिल गए मगर उनमें कोई हिन्दू नहीं मिला।

3.(2) कोइरी, कुर्मी, अहीर, गड़रिया, बढ़ई, लोहार, कहार, तेली, भर, सुनार आदि मिल गए मगर उनमें कोई हिन्दू नहीं मिला।

3(3). चमार, भंगी, पासी, मुसहर, डोम, धरकार, धोबी आदि मिल गए मगर उनमें कोई हिन्दू नहीं मिला आदि।

3(4). अगर ये किसी अन्य धर्म से भी होते तो इनके आपस में रोटी बेटी के सम्बन्ध होते। खाना पीना एक साथ होता। उठना बैठना एक साथ होता। अर्थात् जातियों में बिखरे ये लोग किसी अन्य धर्म से भी नहीं हैं।

3(5). हज़ारों जातियों में बंटे हुए ये लोग अलग - अलग मोहल्लों में रहते हैं। अलग - अलग बस्तियों में रहते हैं। अलग - अलग टोलों में रहते हैं। कहीं-कहीं अलग-अलग गावों में रहते हैं। जैसे बमनौती, भरौटी, चमरौटी, अहिराने, कोरियाने, पसियाने, ठकुराने, कुर्मी टोला, भंगी टोला, केवटलिया, मल्लाह टोला, कहरान मोहल्ला, गुड़ियन तोला आदि। यहां तक की इनके जन्म संस्कार से लेकर अंतिम संस्कार भी अलग - अलग होते हैं, यानी की श्मशान भी अलग - अलग होते हैं।

  जिन लोगों के जन्म से लेकर श्मशान तक सभी संस्कार अलग अलग होते हैं वे किसी एक धर्म के कैसे हो सकते हैं।

4. मंदिरों में एक जाति का 100 प्रतिशत आरक्षण हैं।

सुप्रीम कोर्ट, सरकार के शासन - प्रशासन और मीडिया में दो - दो जातियों का आरक्षण हैं

व्यापार में दो - दो जातियों का वर्चस्व है।

5. हिन्दू तो कहीं भी नजर ही नहीं आया!

हिन्दू धर्म भी कहीं नजर नहीं आया!

6. हां, मंदिरों में अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को प्रवेश से रोकने की खबरें यदा कदा अवश्य अखबारों की सुर्खियों में नज़र आती हैं!

मगर ये रोक जाति विशेष में जन्म लेने के कारण ही होता है! यानी इनके ईश्वर भी अलग - अलग हैं अर्थात यहां भी कोई एक धर्म नज़र नहीं आया!

यहां भी हिन्दू नज़र नहीं आया!

7(1). आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपका तिरस्कार, मोब लिंचिंग, हत्या, जघन्य अपराध किये जाते हैं जाति के नाम पर।

7(2).आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपको विवाह के अवसर पर घोड़ी पर चढ़ने से रोका जाता है जाति के नाम पर!

7(2). आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपको मूछ रखने से रोका जाता है जाति के नाम पर!

7(3). आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपके बच्चों को उच्च शिक्षा में प्रवेश से रोका जाता है जाति के नाम पर!

7(4). आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपके बच्चों को इंटरव्यू व लिखित परीक्षा में कम नंबर दिये जाते हैं जाति के नाम पर!

7(5).आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपको 'फाउण्ड नॉट सुटेबल' (छात्र सुयोग्य नहीं है) का बहाना बनाकर करके पी.एच.डी. में प्रवेश से रोका जाता है जाति के नाम पर!

7(6). आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपको थानों, न्यायालय, कार्यालय, विद्यालय, औषधालय से टरकाया जाता है जाति के नाम पर!

7(7).आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपकी जातिगत जनगणना 90 सालों से रोकी जा रही है जाति के नाम पर!

7(8). आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपके द्वारा चुने प्रतिनिधियों को व आपके योग्य उम्मीदवारों को पीएम, कैबिनेट मंत्री, सीएम, डीएम बनने से रोका जाता है जाति के नाम पर!

7(9). आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपके एकलव्यों के अंगूठे काटे जाते हैं जाति के नाम पर।

7(10). आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपके शांबूकों की हत्या की जाती है जाति के नाम पर।

7(11). आपका वोट लिया जाता है हिन्दू के नाम पर लेकिन आपकी वीरांगना फूलनदेवी जी की हत्या की जाती है जाति के नाम पर।

8. आई.ए.एस. में संयुक्त सचिव - स्तर के पदों पर बिना किसी प्रतियोगिता के सीधे लेटरल एंट्री दे दी जाती है जाति विशेष के लोगों को!

9. हिन्दू धर्म या हिन्दू ख़तरे में नहीं है बल्कि लोकतंत्र ख़तरे में है!

सरकारी नौकरियां ख़तरे में हैं!

सरकारी संस्थान, अस्पताल, विद्यालय, विश्वविद्यालय, कम्पनियां ख़तरे में हैं! क्योंकि निजी कंपनियों में ओबीसी, एससी और एसटी का आरक्षण नहीं है!

10. स्वतंत्रता, समता, समानता, बंधुत्व और न्याय ख़तरे में है!

जो ओबीसी जाने अनजाने हिन्दू बन बैठा है वो खुद से प्रश्न करे?

1- वो इस हिन्दू नाम के बर्तन में शूद्र नहीं है तो क्या है?

2- वो शूद्र है इसीलिए तो उसको कोई यूनिवर्सिटी का वाईस चांसलर नहीं बनाता। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कोई जज नहीं बनाता।

3- वो शूद्र है तभी तो उसको नींच मानकर उसका शुद्धिकरण किया जाता है। गाय का मूत्र पवित्र और ये मेहनत करके भी अपवित्र रहता है।

4- ब्राह्मण को ब्राह्मण का, क्षत्रिय को क्षत्रिय का और वैश्य को वैश्य का सर्टिफिकेट और शूद्र को शूद्र का सर्टिफिकेट भी नहीं मिलता जिसको सांसद सुखलाल कुशवाहा जी मांगते रह गए कि इसको जाति का सर्टिफिकेट इसलिए दिया जाता कि ये माइनॉरिटी में रहकर आपस मे सभी जातियों से लड़ता रहे।

5- ये शूद्र नहीं होता तो, मंडल कमिशन की 40 अनुशंसा अभी तक क्यों लागू नहीं हो पायीं ?

धर्म में ऊंच-नींच!!

ब्राह्मण के आगे सारे नीच!!

तो गर्व से कैसे कहें हम हिन्दू हैं!!

उठो! जागो! जगाओ!

ब्राह्मणवाद का करो वहिष्कार!

तभी ओबीसी, एससी, एसटी आदि का होगा विकास।

शिक्षित बनो! सुशिक्षित बनो!

संगठित हो जाओ! संघर्ष करो!

(साभार)



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