भारत के समस्त राज्यों मे ब्राह्मणों की जनसँख्या..
(1) जम्मू कश्मीर-2 लाख + 4 लाख विस्थापित।
(2) पंजाब-9 लाख ब्राह्मण।
(3) हरयाणा-14 लाख ब्राह्मण।
(4) राजस्थान-78 लाख ब्राह्मण।
(5) गुजरात-60 लाख ब्राह्मण।
(6) महाराष्ट्र-45 लाख ब्राह्मण।
(7) गोवा-5 लाख ब्राह्मण।
(8) कर्णाटक-45 लाख ब्राह्मण।
(9) केरल-12 लाख ब्राह्मण।
(10) तमिलनाडु-36 लाख ब्राह्मण।
(11) आँध्रप्रदेश-24 लाख ब्राह्मण।
(12) छत्तीसगढ़-24 लाख ब्राह्मण।
(13) उड़ीसा-37 लाख ब्राह्मण।
(14) झारखण्ड-12 लाख ब्राह्मण।
(15) बिहार-90 लाख ब्राह्मण।
(16) पश्चिम बंगाल-18 लाख ब्राह्मण।
(17) मध्य प्रदेश-42 लाख ब्राह्मण।
(18) उत्तर प्रदेश-2 करोड़ ब्राह्मण।
(19) उत्तराखंड-20 लाख ब्राह्मण।
(20) हिमाचल-45 लाख ब्राह्मण।
(21) सिक्किम-1 लाख ब्राह्मण।
(22) आसाम-10 लाख ब्राह्मण।
(23) मिजोरम-1.5 लाख ब्राह्मण।
(24) अरुणाचल-1 लाख ब्राह्मण।
(25) नागालैंड-2 लाख ब्राह्मण।
(26) मणिपुर-7 लाख ब्राह्मण।
(27) मेघालय-9 लाख ब्राह्मण।
(28) त्रिपुरा-2 लाख ब्राह्मण।
सबसे ज्यादा ब्राह्मण वाला राज्य-उत्तर प्रदेश।
सबसे कम ब्राह्मण वाला राज्य-सिक्किम।
सबसे ज्यादा ब्राह्मण राजनैतिक वर्चस्व-पश्चिम बंगाल।
सबसे ज्यादा ब्राह्मण वाला राज्य-उत्तराखंड में जनसँख्या के 20 प्रतिशत ब्राह्मण।
अत्यधिक साक्षर ब्राह्मण राज्य-केरल और हिमाचल।
सबसे ज्यादा अच्छी आर्थिक स्तिथि में ब्राह्मण-आसाम।
सबसे ज्यादा ब्राह्मण मुख्यमंत्री वाला राज्य-राजस्थान।
सबसे ज्यादा ब्राह्मण विधायक वाला राज्य-उत्तर प्रदेश।
भारत की लोकसभा में ब्राह्मण-48 प्रतिशत।
भारत की राज्यसभा में ब्राह्मण-36 प्रतिशत।
भारत में ब्राह्मण राज्यपाल-50 प्रतिशत।
भारत में ब्राह्मण कैबिनेट सचिव-33 प्रतिशत।
भारत में मंत्री सचिव में ब्राह्मण-54 प्रतिशत।
भारत में अतिरिक्त सचिव ब्राह्मण-62 प्रतिशत।
भारत में पर्सनल सचिव ब्राह्मण-70 प्रतिशत।
यूनिवर्सिटी में ब्राह्मण वाईस चांसलर-51 प्रतिशत।
सुप्रीम कोर्ट में ब्राह्मण जज-56 प्रतिशत।
हाईकोर्ट में ब्राह्मण जज-40 प्रतिशत।
भारतीय राजदूत ब्राह्मण-41 प्रतिशत।
सरकारी उपक्रम (पब्लिक अंडरटेकिंग) में ब्राह्मण : केंद्रीय-57 प्रतिशत और राज्य-82 प्रतिशत।
बैंक में ब्राह्मण-57 प्रतिशत।
एयरलाइन्स में ब्राह्मण-61 प्रतिशत।
आईएएस ब्राह्मण-72 प्रतिशत।
आईपीएस ब्राह्मण-61 प्रतिशत।
टीवी एवं बॉलीवुड कलाकार- 83 प्रतिशत।
सीबीआई, कस्टम में ब्राह्मण-72 प्रतिशत।
जागो ओबीसी, एससी, एसटी और ब्राह्मणों की इस बेईमानी को पहचानो!!
-एकलव्य मानव संदेश
1.अमरोहा
2.सम्भल
3.उन्नाव
4.रायबरेली
5.अमेठी
6.बाराबंकी
7.फैज़ाबाद
8.सुलतानपुर
9.मऊ
10.प्रतापगढ़
11.मिर्जापुर
12.भदोही
13.चंदौली
14.ग़ाज़ीपुर
15.बलिया
16.आजमगढ़
17.कुशीनगर
18.गोरखपुर
19.महराजगंज
20.संत कबीर नगर
21.श्रावस्ती
22.सिद्धार्थनगर
23.बलरामपुर
24.शामली
25.गाज़ियाबाद
26.बागपत
27.मुजफ्फरनगर
28.बुलंदशहर
29.चंदौली
उपरोक्त जिलों में अभी पत्रिका नहीं गईं हैं, अगर आप इनमें से किसी जिला के हैं और आरक्षण के कार्यक्रम में सहयोगी बनना चाहते हैं तो सम्पर्क करें। धन्यवाद
उत्तर प्रदेश के 46 जिलों में निषाद, बिन्द, कश्यप आरक्षण आंदोलन को सफल बनाने के लिए एकलव्य मानव संदेश हिन्दी मासिक पत्रिका भेजी जा चुकी हैं।
2 अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश के 10,000 गांव से मा. विशम्भर प्रसाद निषाद (राज्यसभा सांसद) के संरक्षण और श्री जसवन्त सिंह निषाद (संपादक, प्रकाशक) के संयोजन में एकबार फिर भेजे जाएंगे मझवार, तुरैहा, गोंड, बेलदार के परिभाषित आरक्षण को लागू करने के लिए भारत के महामहिम राष्ट्रपति जी को ऑनलाइन ज्ञापन।
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- जसवन्त सिंह निषाद
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एकलव्य मानव संदेश
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एकलव्य मानव संदेश हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन 28 जुलाई 1996 को अलीगढ़ महानगर के कुआरसी से दिल्ली निवासी चाचा चौधरी हरफूलसिंह कश्यप जी (वीरांगना फूलन देवी जी के संरक्षक चाचा) के कर कमलों के द्वारा दिल्ली के सरदार थान सिंह जोश के साथ किया गया था।
अब एकलव्य मानव संदेश साप्ताहिक समाचार पत्र के साथ- साथ अपनी मासिक पत्रिका भी प्रकाशित कर रहा है, जो अतिपिछड़ी जातियों के जन जागरण के कार्य में एकलव्य मानव संदेश के ही कार्यों को मजबूती के साथ आगे बढ़ाएगी।
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