जहांगीरपूरी, नई दिल्ली (Jahangirpuri, New Delhi), एकलव्य मानव संदेश ब्यूरो रिपोर्ट, 22 अप्रैल 2022। जहांगीरपूरी पहुंचा सपा प्रतिनिधि मंडल : मेंहगायी, बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए दंगा करा रही है भाजपा - विशम्भर प्रसाद निषाद।
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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी के निर्देश पर पार्टी का एक शिष्टमंडल जिसके सदस्य डा. शफीकुर्हमान बर्क सांसद, डा. एस. टी. हसन सांसद, श्री विशंभर प्रसाद निषाद (राज्यसभा सांसद /राष्ट्रीय महासचिव), श्री रवि प्रकाश वर्मा पूर्व सांसद तथा श्री जावेद अली खान पूर्व सांसद थे।
जहांगीर पुरी दिल्ली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा से पीड़ितों तथा भाजपा द्वारा संचालित उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा नष्ट किये गये दुकानों व मकानों से बर्बाद हुए लोगों की स्थिति जानने व उनका दुख दर्द बाँटने घटना स्थल पर प्रतिनिधि मंडल पहुँचा।
जिसने अपनी रिपोर्ट में कहा है, सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने जहांगीर पुरी जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर रखे हैं तथा विपक्षी राजनीतिक दलों के शिष्टमंडलों को प्रभावित क्षेत्र में जाने से प्रतिबंधित कर रही है। फलस्वरूप बैरिकेड पर एक घंटे से अधिक समय ज़िद्दोजहद करने के बाद शिष्टमंडल को वापस लौटना पड़ा।
इस दौरान बैरिकेड पर भारी संख्या में विभिन्न चैनलों के मीडिया कर्मियों तथा कुछ स्थानीय लोग, जो किसी तरह बचते बचाते बैरिकेड के इस पार आ गये थे से बातचीत करने का अवसर मिला।
स्थानीय लोगों से बात करने पर शिष्टमंडल को ज्ञात हुआ कि हनुमान जयंती के अवसर पर हुई हिंसा भाजपा पोषित साम्प्रदायिक संगठनों द्वारा प्रायोजित व प्रीप्लानड थी। जुलूस में भारी संख्या में हथियारबंद लोग मौजूद थे और वे बार बार मस्जिद के सामने से उत्तेजक नारे लगाते हुए गुज़र रहे थे । रोज़ा इफ़्तार के समय एक बार फिर यह जलूस मस्जिद के बाहर रूक कर साम्प्रदायिक नारेबाज़ी करने लगा तथा कुछ लोगों ने मस्जिद में घुसने का भी प्रयास किया, फलस्वरूप वहाँ पथराव की घटना घटित हो गई ।
स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि इस इलाक़े की आबादी मिलाजुली है तथा दैनिक जीवन चर्या में हिन्दू व मुस्लिम समुदायों में कोई वैमनस्य नहीं है। दंगे को आरोप में किये गये गिरफ़्तार लोगों में अधिकतर बेक़ुसूर बताये गये।
हिंसा के बाद क्षेत्र में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा अतिक्रमण व अवैध निर्माण हटाने का बहाना बनाकर व्यापक तोड़ फोड़ व विध्वंस की कार्यवाही को अंजाम दिया गया, जो पूर्णतः असंवैधानिक व जनविरोधी थी। जिसे बाद में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्ता के अहंकार का आलम यह था कि न्यायालय की रोक के बाद भी कई घंटे विध्वंस जारी रहा। इस तोड़ फोड़ में रेहड़ी पटरी वाले, छोटे दुकानदारों को भारी नुक़सान हुआ है।
स्थानीय लोगों की बातों से प्रतीत होता है कि वास्तविक नुक़सान मीडिया और सोशल मीडिया में दिखाया जा रहे नुक़सान से काफ़ी अधिक है और यही कारण है कि पुलिस और सरकार जन प्रतिनिधियों का प्रवेश भी क्षेत्र में प्रतिबंधित कर रही है।
अन्त में शिष्टमंडल ने मीडिया के माध्यम से निम्न अपील व माँगे की :
- दिल्ली के सभी निवासियों विशेषकर जहांगीर पुरी के निवासियों से अपील है कि वे शांति और सौहार्द क़ायम रखें। तथा भाजपा व उसके सहयोगी साम्प्रदायिक संगठनों के षड्यंत्रों को नाकाम करें।
- बिना अनुमति के जुलूस निकालने वालों व जुलूस में हथियार लहराने वालों को चिन्हित कर कार्यवाही की जाये।
- सभी धर्म स्थलों की पूर्ण सुरक्षा की जाये।
- स्थिति के बिगाड़ने व बिना अनुमति के जुलूस निकलवाने के ज़िम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही की जाये।
- साम्प्रदायिक संगठनों की गतिविधियाँ प्रतिबंधित की जायें।
- अवैधानिक तोड़ फोड़ व विध्वंस से प्रभावित लोगों के नुक़सान की भरपाई की जाये।