अवैध बालू खनन एव जलीय जीवों के दोहन पर, रोक लगाने को लेकर निषाद समुदाय ने किया प्रदर्शन

ओबरा, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश ( Obara, Sonbhadra, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश ब्यूरो चीफ राम बिलास निषाद की रिपोर्ट, 30 दिसंबर 2022। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला की तहसील ओबरा के परिक्षेत्रो में न्यू इंडिया मिनरल्स व दो अन्य बालू खनन पट्टा धारकों द्वारा बड़े पैमाने पर सोन नदी के सेंचुरी क्षेत्रों में अवैध बालू खनन किया जा रहा है। सोनभद्र का जिला प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। नदी के जल जीवों का दोहन व नदी के जल व रेतों पर निषाद समुदाय कृषि कार्य, सब्जी एव अन्य फसलों का उत्पादन कर, अपने परिवारों का जीवकोपार्जन करता रहा है। जल व रेतों पर अधिमानिय अधिकार को, बालू माफियाओं के अवैध बालू खनन से, निषाद समुदायों का शोषण हो रहा है। प्रधानमंत्री मस्त्य सम्प्रदा योजना के तहत नदियों में मछलियों की बच्चे छोड़कर मस्त्य उत्पादन वृद्धि बढ़ाने के लिए किया जा रहे कार्य को इन बालू माफियाओं द्वारा पलीता लगाया जा रहा है। बालू माफियों द्वारा नदियों के जल प्रवाह को खण्डों- खंडो में विच्छेदन कर रात-दिन बालू खनन किया जा रहा है। जो बालू खनन परिहार नियम के विरुद्ध हो रहा है। 


   निषाद समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर ,चोपन से मध्य प्रदेश जाने वाले रोड व सोननदी के किनारे, ग्राम-अगोरी खास में 30 दिसम्बर को प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों  ने उत्तर प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराते हुए। खनिज परिहार नियम के अनुरूप खनन कराने और अवैध बालू खनन माफियाओं के विरुद्ध व बालू खनन पर रोक लगाने की उचित कार्यवाही की मांग की है। इस दौरान धरना-स्थल पर ओबरा-तहसीलदार को उपरोक्त के संदर्भ में ज्ञापन दिया गया । प्रदर्शन में दया शंकर निषाद, जितेंद्र निषाद, रोहित बिंद, राम बिलास निषाद, विजय साहनी, अनिकेत निषाद, राजू निषाद, बिजली निषाद, आदि उपस्थित रहे।