खुश खबरी इलाहाबाद हाईकोर्ट में 17 जातियों के आरक्षण मामले में सुनवाई से इंकार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश (Lucknow, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh), ब्यूरो रिपोर्ट, 5 जुलाई 2019। इलाहाबाद हाईकोर्ट में 17 जातियों के आरक्षण मामले में सुनवाई से इंकार ।
    विपक्षी वकील राकेश कुमार गुप्ता ने आज कोर्ट नंबर 55 में मेंशन कर 24 जून के योगी सरकार के शासनादेश पर तुरंत रोक लगाने की मांग की जिसपर 17 जातियों के पक्ष के वकील ने कड़ा विरोध किया। जिसपर कोर्ट ने तंज कसते हुए विपक्षी वकील से कहा आप 2017 से कहाँ थे। आपके मामले में मुख्य न्यायाधीश कोर्ट से आदेश हुआ है। आप अपनी बात चीफ जस्टिस कोर्ट में रखियेगा।
   डा0 भीमराव अम्बेडकर ग्रंथालय एवं जनकल्याण संस्थान की तरफ से दायर जनहित याचिका सं0 2129/2017 में आज दिनांक 5/07/2019 को सुनवाई के लिए Daily Cause List में कोर्ट न. 55 में 25 वे नंबर पर लगा था। आज की तारीख विपक्षी गणों के अधिवक्ता राकेश कुमार गुप्ता ने सुनवाई हेतु लगवायी थी। मा. मुख्य न्यायधीश की अनुपस्थिति में ये केस सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश मा. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ जी के बेंच में सुनवाई हेतु लगा था। चूँकि केस का नंबर 25 वें पर था और माँ0 मुख्य न्यायधीश भी आज मौजूद नहीं थे। सरकार के तरफ से कोई भी counter affidavit भी अभी तक लगा नहीं था। इस केस में  शोध संस्थान द्वारा सरकारी वकील की कोई तैयारी भी नहीं कराई गयी थी। इसलिए आज वैसे भी सुनवाई हो पाना मुश्किल ही था। सुबह 10 बजे के बाद कुछ ही समय में विपक्षीगणो के अधिवक्ता राकेश कुमार गुप्ता ने out of way जाकर कर मा. न्यायालय से आज ही सुनवाई के लिए Mention किया। लेकिन मा. बेंच ने सुनने से बिलकुल ही मना कर दिया। उन्होंने कहा कि आज केवल हम अर्जेंट केस ही सुनेगे। चूँकि केस की सुनवाई ही नहीं हुई इस लिए आज कोई भी अधिवक्ता किसी भी तरह का बहस नहीं किया है। आपको बता दें कि इस केस में अनुसूचित जाति और जनजाति शोध प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से ही  सरकारी standing council की तैयारी कराई जायेगी। इस केस में सरकारी वकील अपना पक्ष और तर्क सूबूत के साथ कोर्ट में कैसे रख पाता है और मा. न्यायालय को संवैधानिक दायरे में कैसे संतुष्ट कर पाता है, इस पर निर्भर करेगा। Respondent private party एक या दो अच्छे संविधान के जानकार (बेंच के अनुसार जो सूट करे) अधिवक्ता कर ले तो बेहतर होगा। एक बात आप लोगो को मैं सच-सच और बता दे रहा हूँ कि इस केस में अभी तक merit basis पर कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। वो इस लिए भी कि अभी तक सरकार के तरफ से और private पार्टियो के तरफ से भी कोई भी counter affidavit दाखिल नहीं हुआ है और pettioner की ओर से भी rejoinder तभी दाखिल  होगा, जब respondent की ओर से counter affidavit दाखिल हो जाएगा। उसके बाद मा. बेंच के सामने बारी-बारी (जैसा कि मा. जज इजाजत दे) दोनों पार्टियों के सम्बंधित अधिवक्ताओ द्वारा केस के मेरिट आधार पर बहस होगी। ये बहस एक दिन भी चल सकता है, दो दिन, तीन दिन भी चल सकता है।
   याद रहे दिनांक 29.3.2017 को बिना किसी merit आधार पर सुनवाई के मा. बेंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए stay vacate कर, अंतरिम आदेश पारित किया था। आज माननीय न्यायालय में समाज के अधिवक्ता मनोज कुमार, अंतरिक्ष वर्मा, बंशीलाल निषाद एवं अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे।
(यह सही श्रोतों से जानकारी के आधार पर ईं. अशोक कुमार साहनी जी ने लखनऊ से दी है, जो सीतापुर में पोस्टेड हैं)