सम्पूर्ण निषाद वंश की ओर से बधाई हो : कृति राज ने आईएएस परीक्षा में हासिल की 106 वीं रैंक

झांसी, उत्तर प्रदेश (Jhansi, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश ब्यूरो रिपोर्ट। मूलरूप से बाँदा जिला के परिवार की बेटी कृति राज ने संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा 2020 में देश में 106वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार एवं वर्तमान निवासरत जिला झांसी के साथ बाँदा जिले का नाम भी रोशन किया है। संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा 2020 में 106 वीं रैंक हासिल करने वाली कृति राज बाँदा जिला के स्व. सुनील कुमार सनी की भतीजी हैं। कृति सुनील कुमार सनी के बड़े भाई राजेन्द्र कुमार जी की बेटी हैं, जो झांसी में ग्रासलैंड में सर्विस करते थे और भाभी गृहणी है। 

  कृति राज द्वारा यूपीएससी में 106 वीं रेंक हासिल करने की खबर जब उनके पिताजी श्री राजेन्द्र कुमार जी जब ने ट्विटर पर शेयर की तो उनके फॉलोअर की खुशी का ठिकाना नहीं रह। और खबर बढ़ी तेजी से रीट्वीट होने लगी। 
  एकलव्य मानव संदेश की सह संपादक सविता निषाद ने जब यह खबर एकलव्य मानव संदेश के पेज पर बधाई संदेश के रूप में शेयर की तो वहाँ भी यह वायरल हो गई। कृति राज ने यूपीएससी की 2021 की परीक्षा में 106 वीं रैंक हासिल कर नारी जगत के साथ अपने माता पिता और अपने वंश को गौरवांवित किया है। उनकी इस सफलता की खबर से सोशल मीडिया सहित फोन और अन्य माध्यमों से बधाई देने वालों में लगातार उत्साह देखा जा रहा है। 

फेसबुक लिंकः


ट्विटर लिंकः


   बाँदा जनपद के रहने वाले निषाद वंश के सबसे सीनियर राजनेता, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, पूर्व लोकसभा सदस्य फतेहपुर, वर्तमान में राज्यसभा सांसद, राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक एवं राष्ट्रीय महासचिव मा. विशम्भर प्रसाद निषाद जी ने कृति राज की सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि आपने अपने माता पिता का नाम रोशन करने के साथ गरीब शोषित समाज में भी नई चेतना जगाने का काम किया है। आपको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
   एकलव्य मानव संदेश के संपादक, प्रकाशक जसवन्त सिंह निषाद जी ने भी फोन पर कृति राज के पिताजी श्री राजेन्द्र कुमार जी को एकलव्य मानव संदेश परिवार की ओर से बधाई देते हुए बेटी की उपलब्धि को सम्पूर्ण के लिए लिए गौरव बताया और आशा की है कि आप आईएएस अधिकारी के रूप में हमेशा देश और गरीबों के कल्याण के लिए अपनी सेवा कर मानवता की रक्षा करती रहेंगी।
  झांसी में मिशन कंपाउंड सर्व नगर निवासी ग्रासलैंड से सेवानिवृत्त राजेंद्र कुमार की पुत्री कृति राज ने शुरुआत से लेकर उच्च शिक्षा तक झांसी में हासिल की। बीआईईटी से कंप्यूटर साइंस से 2014 में बीटेक करने के बाद उन्होंने संघ लोकसेवा आयोग की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए दिल्ली या अन्य कहीं जाने की जगह झांसी में रहकर सेल्फ स्टडी करना ही बेहतर समझा। इसी बीच उन्होंने कल्पवृक्ष वेलफेयर फाउंडेशन के नाम से एनजीओ बनाई और समाजसेवा शुरू कर दी। पहले दो प्रयासों में उन्हें मनचाही सफलता हासिल नहीं हो सकी, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। आईएएस बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए वे लगातार मेहनत करती रहीं। इसका परिणाम शुक्रवार 24 सितम्बर को सामने आया। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित किए गए परीक्षा परिणाम में कृति ने 106वीं रैंक हासिल कर सफलता पाई।
    बातचीत में कृतिका ने बताया कि हर किसी को अपना लक्ष्य बनाना चाहिए और उसे हासिल करने की दिशा में पूरी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय पिता जी राजेंद्र कुमार, माता जी सरोज गौड़ और यूरोपीय देश ऑयरलैंड में सॉफ्टवेयर इंजीनियर भाई कुशाग्र राज को दिया।
    यूपीएससी में 106 वीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त करने वाली कृति राज झांसी महानगर की सर्वनगर कॉलोनी के रहने वाले ग्रसलैंड के कर्मचारी राजकुमार की बेटी हैं जिनकी प्रारंभिक शिक्षा झांसी के सेंट फ्रांस स्कूल से हुई है। कहते हैं कि मंजिल उसे ही मिलती है जिसे हौंसले बुलंद और इरादे मजबूत होते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है निषाद वंश में जन्मी कीर्ति राज ने। कीर्ति का यूपीएससी में चयन हो गया। उनकी 106 वीं रैंक आई। जब इसकी जानकारी उसके माता-पिता को हुई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। ग्रासलैंड से रिटायर्ड कर्मचारी राजेन्द्र कुमार जी और श्रीमती सरोज गौड़ जी की दो संतान हैं, बेटी कृति राज और बेटा कुशाग्र राज। कृति के माता-पिता का सपना था कि वह आईपीएस बनें। इसीलिए उसने उसे अपना लक्ष्य बनाया और तैयारी शुरू करके अपना मुकाम पा ही लिया।
सच ही कहा गया है कि सपने वो नहीं होते जो आप सोते समय देखते हैं - सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते हैं- देश के 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की इस सीख को गाँठ में बाँधकर कैसे साकार किया जाता है सपना, झांसी की जय अकैडमि की छात्रा रहीं कृति राज से जानिये-समझिये और सीखिये। तीसरे प्रयास में उसने जिस तरह यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा में 106वीं रैंक हासिल की, वह उदाहरण है उन लोगों के लिए जो लक्ष्य को भूलते नहीं। कृति राज उदाहरण है उन लोगों के लिए जो यह मान बैठते हैं कि यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी के लिए बन्द कमरे और बड़े शहरों की कोचिंग आवश्यक है। जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि कृति ने सामाजिक कार्य करते हुए यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता पायी है। समाज, विशेषकर महिला व बच्चों के साथ जुड़ाव उसकी प्रेरणा बनी।
  सर्वनगर निवासी ग्रासलैण्ड से सेवानिवृत्त राजेन्द्र कुमार व सरोज गौड़ की पुत्री कृति राज ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पायी है। जय अकैडमि से इण्टर करने के बाद कृति ने बीआइईटी के कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया। कृति कहती हैं- 'इसके बाद आसानी से नौकरी मिल सकती थी, लेकिन उसने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने की तैयारी का मन बनाया और लोक प्रशासन विषय से घर पर रहकर ही तैयारी शुरू की।' उसके द्वारा की जा रही तैयारी की खास बात यह थी कि उसने समाज के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनने और समझने का काम शुरू किया। कल्पवृक्ष वेलफेयर फाउण्डेशन के माध्यम से झाँसी की मलिन बस्तियों में कार्य किया। इससे उसे परीक्षा की तैयारी में काफी मदद मिली। वह रो़ज 7 से 8 घण्टे पढ़ाई करती थी। इस बीच समय निकालकर लोगों से मिलने, कविता, पेण्टिंग का रचनात्मक कार्य भी करती रही। परीक्षा के समय पढ़ाई की अवधि 12 से 14 घण्टे हो जाती थी। उसने वर्ष 2017 व 2018 में यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा दी और अपनी कमी को दूर कर वर्ष 2020 की परीक्षा पास कर ली। कृति बताती हैं- 'बचपन में उसने आइएएस बनने का सपना देखा था, लेकिन समय के साथ वह इसे भूल-सी गयी। बीटेक के अन्तिम वर्ष में आइएएस बनने का निश्चय कर लिया।' इसके बाद उसने घर पर ही रहकर तैयारी की। उसने ऑनलाइन टेस्ट सीरि़ज ली और इससे प्रैक्टिस की। दिल्ली जाकर वह नोट्स की फोटोस्टेट लाती और तैयारी करती रही। तैयारी करने के बाद वह उत्तर पुस्तिकाओं को एक्सपर्ट से चेक कराती थी। इसके साथ ही उसने अपने परिवार व रिश्तेदारों के 10वीं के बच्चों को भी पढ़ाना शुरू कर दिया। कृति कहती हैं- 'इससे सवाल का स्पष्टता से उत्तर देने में मदद मिली।' कृति बताती है कि मम्मी-पापा के साथ उसके भाई तुषाग्र राज ने उसे प्रोत्साहित किया। जो यूरोपीय देश आयरलैंड में एक कम्पनि में कार्यरत है। कृति ने तमाम बाधाओं का सामना कर अपने सपने को पूरा किया हैं। वह कहती हैं- 'कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। जब वह मेन्स इक़्जैम देने जनवरी 2020 में भोपाल गयी, तो क‌र्फ्यू लग गया। उसे होटल वालों ने गलियों से किसी प्रकार शहर से बाहर निकाला। इसके बाद साक्षात्कार के पहले अप्रैल में उसके पिता को कोविड हो गया, तो वह जिला अस्पताल में पिता के साथ रही। कृति राज ने बताया कि वह महिला सुरक्षा, सशक्तिकरण व शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करना चाहती है।
   कृति का कहना है कि इण्टर की पढ़ाई करते समय जय अकैडमि के शिक्षकों के मार्गदर्शन तथा निदेशक यशोवर्धन गुप्त के प्रोत्साहन से उसे आइएएस बनने के सपने को पंख लगने लगे थे। इसके बाद बीटेक करते समय इस सपने को पूरा करने का मन बना लिया। दैनिक जागरण के साथ बात करते हुए वह जय अकैडमि के शिक्षकों व निदेशक का नाम लेना नहीं भूलीं।

-------////--------////-----


2 अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश के 10,000 गांव से मा. विशम्भर प्रसाद निषाद (राज्यसभा सांसद) के संरक्षण और श्री जसवन्त सिंह निषाद (संपादक, प्रकाशक) के संयोजन में एकबार फिर भेजे जाएंगे मझवार, तुरैहा, गोंड, बेलदार के परिभाषित आरक्षण को लागू करने के लिए भारत के महामहिम राष्ट्रपति जी को ऑनलाइन ज्ञापन।

 आप भी पूरी जानकारी के लिए आज ही मंगाएं एकलव्य मानव संदेश हिंदी मासिक पत्रिका

 10 पत्रिकाओं के लिए केवल 350 रुपये (डाक खर्च सहित) आप ऑनलाइन 

Jaswant Singh nishad स्टेट बैंक Saving account नम्बर 31602629741

IFS code SBIN0003773

SBI Dharam Samaj College Aligarh ब्रांच

या

 गूगल पे, फोन पे, पेटीएम से

9219506267 पर भी भेज सकते हैं।

यह पत्रिका निषाद, बिन्द, कश्यप समाज के परिभाषित SC आरक्षण विशेषांक है।

पत्रिका मंगाने के लिए

अपना नाम

पिताजी का नाम

मकान नम्बर

गली नम्बर

लैंडमार्क

गांव या मोहल्ला (शहर में) का नाम

जिला का नाम

पिन कोड नम्बर

व्हाट्स ऐप नंबर

लिखकर भेजें

- जसवन्त सिंह निषाद

संपादक/प्रकाशक/स्वामी/मुद्रक

कुआर्सी, रामघाट रोड, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, 202002

मोबाइल/व्हाट्सऐप नम्बर्स

9219506267, 9457311667


#/#/#/#/#/#/#/#/#/#/#/

एकलव्य मानव संदेश

खबरची मीडिया नहीं हैं, हम सामाजिक क्रांति के लिए कार्य करते हैं, इसलिए ऐसे महिला पुरुष साथी जो हमारे इस अभियान में साथ दे सकते हैं, वे अपने काम के साथ साथ हमारे प्रतिनिधि बनकर भी कार्य कर सकते हैं।

एकलव्य मानव संदेश हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन 28 जुलाई 1996 को अलीगढ़ महानगर के कुआरसी से दिल्ली निवासी चाचा चौधरी हरफूलसिंह कश्यप जी (वीरांगना फूलन देवी जी के संरक्षक चाचा) के कर कमलों के द्वारा दिल्ली के सरदार थान सिंह जोश के साथ किया गया था।

  अब एकलव्य मानव संदेश साप्ताहिक समाचार पत्र के साथ- साथ अपनी मासिक पत्रिका भी प्रकाशित कर रहा है, जो अतिपिछड़ी जातियों के जन जागरण के कार्य में एकलव्य मानव संदेश के ही कार्यों को मजबूती के साथ आगे बढ़ाएगी।

     एकलव्य मानव संदेश का डिजिटल चैनल भी है (पूरी जानकारी इसी खबर के साथ नीचे दी जा रही है) जो डिजिटल क्रान्ति के माध्यम से देश और दुनिया में सामाजिक जागरूकता के कार्य में एक जाना माना ब्रांड बनकर उभर रहा है।

आओ अब पत्रिकारिता के माध्यम सामाजिक एकता को मजबूत बनाएं..

एकलव्य मानव संदेश की खबरें देखने के साधन-

1. गूगल प्ले स्टोर से Eklavya Manav Sandesh ऐप डाउनलोड करने के लिए लिंकः https://goo.gl/BxpTre


2. वेवसाईटें - www.eklavyamanavsandesh.com

और

www.eklavyamanavsandesh.Page


यूट्यूब चैनल- 2 हैं

Eklavya Manav Sandesh


लिंकः https://www.youtube.com/channel/UCnC8umDohaFZ7HoOFmayrXg (31 हज़ार के लगभग सब्सक्राइबर)


https://www.youtube.com/channel/UCw5RPYK5BEiFjLEp71NfSFg (7 हज़ार के ल गभग सब्सक्राइबर)


फेसबुक पर- पेज


Eklavya Manav Sandesh

को लाइक करके


लिंकः https://www.facebook.com/eManavSandesh/


ट्विटर पर फॉलो करें

Jaswant Singh Nishad


लिंकः Check out Jaswant Singh Nishad ( @JaswantSNishad): https://twitter.com/JaswantSNishad?s=09


एवं Eklavya Manav Sandesh


लिंकःCheck out Eklavya Manav Sandesh (@eManavSandesh): https://twitter.com/eManavSandesh?s=09


Teligram chennal

https://t.me/eklavyamanavsandesh/262

आप हमारे रिपोर्टर भी बनने

और विज्ञापन के लिए

सम्पर्क करें-

जसवन्त सिंह निषाद

संपादक/प्रकाशक/स्वामी/मुद्रक

कुआर्सी, रामघाट रोड, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, 202002

मोबाइल/व्हाट्सऐप नम्बर्स

9219506267, 9457311667