अलीगढ़, उत्तर प्रदेश (Aligarh, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट, 25 जुलाई 2019। अलीगढ़ जनपद के जिलाधिकारी के निर्देश पर आज आरटीओ आफिस पर तंगड़ी कार्यवाही की गई। डीएम के निर्देश पर एसीएम द्वितीय व सीओ तृतीय ने की आरटीओ ऑफिस पर अचानक छापामार कार्रवाई। छापामार कार्रवाई में 27 दलालों सहित दो लाख 1 हज़ार 520 रुपये, 3 लैपटॉप, 21 मोबाइल व UP21 0528 मोटरसाइकिल की जब्त।
डीएम को प्राप्त शिकायत पर गोपनीय रूप से फुलप्रूफ योजना के तहत की गई आरटीओ कार्यालय पर कार्यवाही, सादे कपड़ों में पहुंचकर 2 पुलिसकर्मियों ने जानी आरटीओ आफिस में दलालों की कार्यप्रणाली, फिर किया एसीएम 2 व सीओ 3 को फ़ोन।
एसीएम 2 व सीओ 3 ने दोनों तरफ से घेरा आरटीओ कार्यालय, एसीएम 2 के गनर अंकित चौधरी व सीओ 3 के गनर ने फुर्ती दिखाते हुए पकड़े एक के बाद एक दलाल।
पकड़े गए लोगों को फोटोस्टेट की दुकान के बेसमेंट में किया बन्द, बेसमेंट के गेट पर लगाये गए 2 पुलिसकर्मी, एक के एक पकड़कर कुल 27 लोगों को बेसमेन्ट में डाला, सभी के विरुद्ध 4 धाराओं में थाना बन्ना देवी में की गई एफआईआर दर्ज।
आरटीओ आफिस पर दलालों के विरुद्ध अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही, डीएम बोले जनहित से नहीं होगा कोई समझौता।
डीएम अलीगढ़ श्री चंद्र भूषण सिंह को गुप्त रूप से कल दिनांक 24 जुलाई को आरटीओ आफिस में रहकर दलालों के सक्रिय होने की शिकायत मिली। डीएम श्री सिंह ने तेज-तर्रार एसीएम द्वितीय व सीओ तृतीय को टीम बनाकर दलालों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे, जिस पर आज एसीएम द्वितीय श्रीमती अंजुम बी व सीओ तृतीय श्री अनिल समानिया ने पुलिस टीम के साथ आरटीओ ऑफिस पर ताबड़तोड़ छापेमार कार्रवाई की जिसमें 35 लोगों को पकड़ा। पकड़े गए लोगों में से 27 लोग दलाल के रूप में चिन्हित हुए तथा 8 लोग बाहरी व्यक्ति थे जो अपने कामकाज के लिए आए थे उनको पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। दोनों अधिकारियों ने बताया कि :-
1- इस छापामार कार्रवाई के लिए एसीएम द्वितीय श्रीमती अंजुम बी व सीओ तृतीय श्री अनिल समानिया ने दलालों को पकड़ने के लिए फुलप्रूफ योजना बनाई थी जिसमें छापामार कार्रवाई से पहले दो पुलिसकर्मियों को सादा कपड़ों में आरटीओ ऑफिस भेजा जिसमें दोनों पुलिसकर्मीयो ने बड़ी चतुराई के साथ पूरे कार्यालय में पूछताछ की और प्रत्येक पटल पर पहुंचकर ड्राइविंग लाइसेंस व पंजीकरण के संबंध में सरकार द्वारा निर्धारित फीस के साथ कितने और रुपए लगेंगे की बात पूछी जिसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों ने अच्छी तरह से जानकारी करने के बाद योजना अनुरूप एसीएम द्वितीय व सीओ तृतीय को तत्काल आरटीओ कार्यालय आने के लिए फोन पर सूचना दी।
2- एसीएम द्वितीय व सीओ तृतीय ने पुलिस टीम के साथ पूरे कार्यालय को अपने कब्जे में किया ताकि वहां उपस्थित दलाल भाग न सके।
3- जैसे ही दोनों अधिकारियों की गाड़ी आरटीओ ऑफिस के पास पहुंची, वहां से हाथों में जूता-चप्पल, गमछा, कागज, लैपटॉप लेकर दलाल भागने लगे जिसे पुलिस टीम तथा दोनों अधिकारियों के गनर ने फुर्ती दिखाते हुए भाग-भाग कर पकड़ लिया।
4- पकड़े गए लोगों को इकट्ठा करने की फुलप्रूफ योजना बनाई गई जिसके तहत आरटीओ ऑफिस के गेट पर फोटोस्टेट की दुकान के नीचे बने बेसमेंट में उन्हें एक-एक करके कर बंद दिया गया और वहां दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए जिससे वह भाग न सके।
एसीएम 2 श्रीमती बी ने बताया कि पकड़े गए एक दलाल ने अपना नाम न बताने की शर्त पर उसने बताया कि आरटीओ आफिस के बाबू इस पूरे कार्य में संलिप्त हैं और उन्होंने अपने लड़के इस कार्य के लिए लगाए हैं। उसने कहा कि लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन फीस 400 रुपये है परंतु लाइसेंस बनवाने वाले व्यक्ति को आफिस का बाबू अंदर से बाहर दुकान पर बैठे अपने लड़के के पास भेजता है जिसके बदले में वह लड़का आवेदक से अपने लिए 200 रु. तथा बाबू के लिए 700 रु. अलग से लेता है । इस प्रकार लर्निंग लाइसेंस की फीस 400 रु. के साथ आवेदक को 1300 रुपये देने पड़ते हैं। इसी प्रकार रजिस्ट्रेशन की निर्धारित फीस 200 रु के साथ बाबू को 500 रु व बाबू के द्वारा बाहर बिठाए गए दलाल के रूप में लड़के को 200 रु फिक्स किये गए हैं। इस तरह से रजिस्ट्रेशन के लिए कुल मिलाकर 900 रु. का खर्चा आवेदक को भुगतना पड़ता है।
एसीएम द्वितीय व सीओ तृतीय की कार्रवाई के बाद एआरटीओ प्रशासन ने पकड़े गए सभी 27 दलालों के खिलाफ बन्नादेवी थाने में धारा 353, 166, 420 व 144 में एफआईआर दर्ज कराई है। इसके साथ ही एसीएम द्वितीय श्रीमती अंजुम बी व सीओ तृतीय श्री अनिल समानिया ने बताया कि यह कार्रवाई जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई है।
डीएम को प्राप्त शिकायत पर गोपनीय रूप से फुलप्रूफ योजना के तहत की गई आरटीओ कार्यालय पर कार्यवाही, सादे कपड़ों में पहुंचकर 2 पुलिसकर्मियों ने जानी आरटीओ आफिस में दलालों की कार्यप्रणाली, फिर किया एसीएम 2 व सीओ 3 को फ़ोन।
एसीएम 2 व सीओ 3 ने दोनों तरफ से घेरा आरटीओ कार्यालय, एसीएम 2 के गनर अंकित चौधरी व सीओ 3 के गनर ने फुर्ती दिखाते हुए पकड़े एक के बाद एक दलाल।
पकड़े गए लोगों को फोटोस्टेट की दुकान के बेसमेंट में किया बन्द, बेसमेंट के गेट पर लगाये गए 2 पुलिसकर्मी, एक के एक पकड़कर कुल 27 लोगों को बेसमेन्ट में डाला, सभी के विरुद्ध 4 धाराओं में थाना बन्ना देवी में की गई एफआईआर दर्ज।
आरटीओ आफिस पर दलालों के विरुद्ध अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही, डीएम बोले जनहित से नहीं होगा कोई समझौता।
डीएम अलीगढ़ श्री चंद्र भूषण सिंह को गुप्त रूप से कल दिनांक 24 जुलाई को आरटीओ आफिस में रहकर दलालों के सक्रिय होने की शिकायत मिली। डीएम श्री सिंह ने तेज-तर्रार एसीएम द्वितीय व सीओ तृतीय को टीम बनाकर दलालों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे, जिस पर आज एसीएम द्वितीय श्रीमती अंजुम बी व सीओ तृतीय श्री अनिल समानिया ने पुलिस टीम के साथ आरटीओ ऑफिस पर ताबड़तोड़ छापेमार कार्रवाई की जिसमें 35 लोगों को पकड़ा। पकड़े गए लोगों में से 27 लोग दलाल के रूप में चिन्हित हुए तथा 8 लोग बाहरी व्यक्ति थे जो अपने कामकाज के लिए आए थे उनको पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। दोनों अधिकारियों ने बताया कि :-
1- इस छापामार कार्रवाई के लिए एसीएम द्वितीय श्रीमती अंजुम बी व सीओ तृतीय श्री अनिल समानिया ने दलालों को पकड़ने के लिए फुलप्रूफ योजना बनाई थी जिसमें छापामार कार्रवाई से पहले दो पुलिसकर्मियों को सादा कपड़ों में आरटीओ ऑफिस भेजा जिसमें दोनों पुलिसकर्मीयो ने बड़ी चतुराई के साथ पूरे कार्यालय में पूछताछ की और प्रत्येक पटल पर पहुंचकर ड्राइविंग लाइसेंस व पंजीकरण के संबंध में सरकार द्वारा निर्धारित फीस के साथ कितने और रुपए लगेंगे की बात पूछी जिसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों ने अच्छी तरह से जानकारी करने के बाद योजना अनुरूप एसीएम द्वितीय व सीओ तृतीय को तत्काल आरटीओ कार्यालय आने के लिए फोन पर सूचना दी।
2- एसीएम द्वितीय व सीओ तृतीय ने पुलिस टीम के साथ पूरे कार्यालय को अपने कब्जे में किया ताकि वहां उपस्थित दलाल भाग न सके।
3- जैसे ही दोनों अधिकारियों की गाड़ी आरटीओ ऑफिस के पास पहुंची, वहां से हाथों में जूता-चप्पल, गमछा, कागज, लैपटॉप लेकर दलाल भागने लगे जिसे पुलिस टीम तथा दोनों अधिकारियों के गनर ने फुर्ती दिखाते हुए भाग-भाग कर पकड़ लिया।
4- पकड़े गए लोगों को इकट्ठा करने की फुलप्रूफ योजना बनाई गई जिसके तहत आरटीओ ऑफिस के गेट पर फोटोस्टेट की दुकान के नीचे बने बेसमेंट में उन्हें एक-एक करके कर बंद दिया गया और वहां दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए जिससे वह भाग न सके।
एसीएम 2 श्रीमती बी ने बताया कि पकड़े गए एक दलाल ने अपना नाम न बताने की शर्त पर उसने बताया कि आरटीओ आफिस के बाबू इस पूरे कार्य में संलिप्त हैं और उन्होंने अपने लड़के इस कार्य के लिए लगाए हैं। उसने कहा कि लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन फीस 400 रुपये है परंतु लाइसेंस बनवाने वाले व्यक्ति को आफिस का बाबू अंदर से बाहर दुकान पर बैठे अपने लड़के के पास भेजता है जिसके बदले में वह लड़का आवेदक से अपने लिए 200 रु. तथा बाबू के लिए 700 रु. अलग से लेता है । इस प्रकार लर्निंग लाइसेंस की फीस 400 रु. के साथ आवेदक को 1300 रुपये देने पड़ते हैं। इसी प्रकार रजिस्ट्रेशन की निर्धारित फीस 200 रु के साथ बाबू को 500 रु व बाबू के द्वारा बाहर बिठाए गए दलाल के रूप में लड़के को 200 रु फिक्स किये गए हैं। इस तरह से रजिस्ट्रेशन के लिए कुल मिलाकर 900 रु. का खर्चा आवेदक को भुगतना पड़ता है।
एसीएम द्वितीय व सीओ तृतीय की कार्रवाई के बाद एआरटीओ प्रशासन ने पकड़े गए सभी 27 दलालों के खिलाफ बन्नादेवी थाने में धारा 353, 166, 420 व 144 में एफआईआर दर्ज कराई है। इसके साथ ही एसीएम द्वितीय श्रीमती अंजुम बी व सीओ तृतीय श्री अनिल समानिया ने बताया कि यह कार्रवाई जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई है।