आगरा, उत्तर प्रदेश (Agra, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट, 2 अगस्त 2019। पोइया गांव में खंदौली थाना पुलिस मछली पालन हेतु एसडीएम के आदेश पर भी नही खोदने दे रही गड्डा। आगरा जनपद के थाना खंदौली क्षेत्र में यमुना नदी में चाहे बालू खनन का मामला हो या मिट्टी खनन का हमेशा इस बात को लेकर खंदौली थाना व थाना पुलिस सुर्खियों में रही है। खंदौली थाने की मुड़ी चौकी भी किसी न किसी कारण से विवादों में रही है। क्षेत्रीय लोगों की प्राप्त जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र के अंतर्गत बिना एस डी एम एत्मादपुर की अनुमति के चौकी पुलिस की मिली भगत से खनन का काम काफी फल फूल रहा है। खनन माफिया मोटी रकम कमा रहे हैं। मिट्टी के खनन मामले में चौकी क्षेत्र में चर्चा का विषय है। मिट्टी खनन कराने के एवज में चौकी और थाना खंदौली पर सुविधा शुल्क प्रतिदिन जाता हैं और जो लोग कानून के द्वारा अपनी जमीन पर निजी कार्य हेतु एसडीएम एत्मादपुर से अनुमति लेकर आते है तो उन्हें अपनी ही जमीन पर स्थानीय पुलिस कार्य नही करने देती। उन लोगों से भी पैसे की मांग करती है। जब एस डी एम के आदेश की प्रति को थाना पुलिस को दिखाते हैं तो स्थानीय पुलिस एस डी एम के आदेश व लेखपाल की रिपोर्ट को देख कर मना कर देती है।
इसलिए सवाल ये है कि थाना पुलिस की नजर में एस डी एम का आदेश कोई मायने नही रखता। ऐसा ही एक मामला सामने आया है कि थाना खंदौली के पोईया घाट निवासी बाबा बालक दास ने एसडीएम एत्मादपुर द्वारा दिनांक 30.07.2019 को मछली पालन हेतु अनुमति माँगी थी। जिसमे एस डी एम ने लेखपाल द्वारा जांच करा कर मछली पालन के लिए गड्डा खोदने व मिट्टी को दूसरी जगह स्थान्तरित करने की सम्बन्धित थाना खंदौली प्रभारी के देख रेख में आदेश करते हुए अनुमति प्रदान कर दी गई थी।
बाबा बालक दास निषाद जी का कहना है कि एस डी एम द्वारा आदेश की एक कॉपी थाने में दी लेकिन थानाध्यक्ष खंदौली ने गड्डा खोदने व मिट्टी के स्थान्तरित नहीं करने का फरमान दे दिया व बालक दास द्वारा खेत पर कार्य कर रहे एक ट्रैक्टर को पकड़कर थाने पर ले गए। पीड़ित ने फिर से एसडीएम से शिकायत की तो तत्काल थाने में फोन करके बताया गया। इसके बावजूद भी बाबा बालक दास व उसके परिजनों को परेशान किया जा रहा है।
बालक दास थाने पहुंचा तो उसे धमकाया व कहा कि हमारे लिए एसडीएम का आदेश कोई औचित्य नहीं रखता है
मैं इस पर आदेश पर मछली पालन हेतु गड्ढा खोदने नहीं दूंगा और ना ही मिट्टी को दूसरी जगह शिफ्ट करने दूंगा। पीड़ित बाबा बालक दास इस मामले में एसएसपी आगरा से गुहार लगाने वाले हैं।
इसलिए सवाल ये है कि थाना पुलिस की नजर में एस डी एम का आदेश कोई मायने नही रखता। ऐसा ही एक मामला सामने आया है कि थाना खंदौली के पोईया घाट निवासी बाबा बालक दास ने एसडीएम एत्मादपुर द्वारा दिनांक 30.07.2019 को मछली पालन हेतु अनुमति माँगी थी। जिसमे एस डी एम ने लेखपाल द्वारा जांच करा कर मछली पालन के लिए गड्डा खोदने व मिट्टी को दूसरी जगह स्थान्तरित करने की सम्बन्धित थाना खंदौली प्रभारी के देख रेख में आदेश करते हुए अनुमति प्रदान कर दी गई थी।
बाबा बालक दास निषाद जी का कहना है कि एस डी एम द्वारा आदेश की एक कॉपी थाने में दी लेकिन थानाध्यक्ष खंदौली ने गड्डा खोदने व मिट्टी के स्थान्तरित नहीं करने का फरमान दे दिया व बालक दास द्वारा खेत पर कार्य कर रहे एक ट्रैक्टर को पकड़कर थाने पर ले गए। पीड़ित ने फिर से एसडीएम से शिकायत की तो तत्काल थाने में फोन करके बताया गया। इसके बावजूद भी बाबा बालक दास व उसके परिजनों को परेशान किया जा रहा है।
बालक दास थाने पहुंचा तो उसे धमकाया व कहा कि हमारे लिए एसडीएम का आदेश कोई औचित्य नहीं रखता है
मैं इस पर आदेश पर मछली पालन हेतु गड्ढा खोदने नहीं दूंगा और ना ही मिट्टी को दूसरी जगह शिफ्ट करने दूंगा। पीड़ित बाबा बालक दास इस मामले में एसएसपी आगरा से गुहार लगाने वाले हैं।