अलीगढ़, उत्तर प्रदेश (Aligarh, Uttar Pradesh) में AMU की स्टूडेंट्स ने नागरिकता कानून (CAA), एनआरसी (NRC) और एनपीआर (NPR) के खिलाफ हाथों में जंजीर बांधकर प्रोटेस्ट-मार्च निकाला। अलीगढ़. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Act), एनआरसी (NRC) और एनपीआर (NPR) को लेकर विरोध जारी है। शनिवार को यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने हाथों में जंजीर बांधकर प्रोटेस्ट मार्च (Protest March) निकाला। इस दौरान छात्रों ने जमकर आज़ादी के नारे लगाए। छात्र-छात्राओं ने 'कश्मीर से लेकर मुंबई तक आज़ादी' जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कहा कि हम लोग सरकार की नीतियों के खिलाफ अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं।
एएमयू की छात्रा आयशा ने कहा कि हमने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में यह प्रोटेस्ट-मार्च निकाला है। साथ ही हिंदुस्तान में जितनी भी जगहों पर नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं, जहां पर भी विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों के साथ पुलिस ने मारपीट की है, ज्यादती की है, हम उनके समर्थन में हैं। आयशा ने कहा कि हमने ये प्रदर्शन हाथों में जंजीर बांधकर किया है, हम लोगों ने आज़ादी के भी नारे लगाए हैं, इसका मतलब है कि हम सरकार की उन नीतियों के ख़िलाफ़ हैं, जो एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के खिलाफ हैं।
इस प्रदर्शन के दौरान AMU के छात्र-छात्राओं ने कहा कि धरना की शक्ल में हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक नागरिकता कानून में संशोधन नहीं हो जाता है।
शनिवार को विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपनी भी अपनी जान का खतरा बताते हुए प्रदेश के आलाधिकारियों को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की। पत्र में अपनी व परिवार की जान का खतरा बताते हुए कुलपति ने लिखा है कि कुछ निष्कासित छात्र और असामाजिक तत्व सोशल मीडिया के जरिए धमकी दे रहे हैं। कुलपति के पत्र के बाद एसएसपी आकाश कुलहरि ने उनकी सुरक्षा को लेकर पुलिस तैनात कर दी है। AMU कैम्पस के बाहर भी आरएएफ, पीएसी के साथ सिविल पुलिस तैनात है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 13 फरवरी से विभिन्न चरणों में खोला गया है। इस बीच यूनिवर्सिटी के बन्द होने से छात्रों के विभिन्न कम्पनियों में हो रहे प्लेसमेंट पर भी ग्रहण लग गया है। और सैकड़ों बच्चों को मिलने वाली नौकरी भी अब नहीं मिल पाएगी।
एएमयू की छात्रा आयशा ने कहा कि हमने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में यह प्रोटेस्ट-मार्च निकाला है। साथ ही हिंदुस्तान में जितनी भी जगहों पर नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं, जहां पर भी विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों के साथ पुलिस ने मारपीट की है, ज्यादती की है, हम उनके समर्थन में हैं। आयशा ने कहा कि हमने ये प्रदर्शन हाथों में जंजीर बांधकर किया है, हम लोगों ने आज़ादी के भी नारे लगाए हैं, इसका मतलब है कि हम सरकार की उन नीतियों के ख़िलाफ़ हैं, जो एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के खिलाफ हैं।
इस प्रदर्शन के दौरान AMU के छात्र-छात्राओं ने कहा कि धरना की शक्ल में हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक नागरिकता कानून में संशोधन नहीं हो जाता है।
शनिवार को विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपनी भी अपनी जान का खतरा बताते हुए प्रदेश के आलाधिकारियों को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की। पत्र में अपनी व परिवार की जान का खतरा बताते हुए कुलपति ने लिखा है कि कुछ निष्कासित छात्र और असामाजिक तत्व सोशल मीडिया के जरिए धमकी दे रहे हैं। कुलपति के पत्र के बाद एसएसपी आकाश कुलहरि ने उनकी सुरक्षा को लेकर पुलिस तैनात कर दी है। AMU कैम्पस के बाहर भी आरएएफ, पीएसी के साथ सिविल पुलिस तैनात है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 13 फरवरी से विभिन्न चरणों में खोला गया है। इस बीच यूनिवर्सिटी के बन्द होने से छात्रों के विभिन्न कम्पनियों में हो रहे प्लेसमेंट पर भी ग्रहण लग गया है। और सैकड़ों बच्चों को मिलने वाली नौकरी भी अब नहीं मिल पाएगी।