जनपद गोण्डा में बेखोफ थानेदार से पत्रकार हुआ परेशान

छपिया, गोण्डा, उत्तर प्रदेश (Chhapiya, Gonda, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश रिपोर्टर बद्रीप्रसाद निषाद की रिपोर्ट। छपिया थाने में कायम है वर्दी के नशे में चूर गालीबाज थानेदार अटल बिहारी का जंगल राज, मौन हैं जिम्मेदार। शासन का निर्देश है कि पीड़ितों के साथ त्वरित न्याय हो, मगर छपिया थाने पर तैनात बेखौफ थानेदार अटल बिहारी सारे निर्देशों को शायद अपनी जेब रखता है। इस गालीबाज थानेदार को न तो शासन के निर्देशों का खौफ है न ही आला हकीमों के गाज गिरने का डर है। तभी तो थाना छपिया में ये खुलेआम कानून को ताक पर रखकर पीड़त पत्रकार व उसके पिता पर सिर्फ मुकदमा ही नहीं दर्ज किया बल्कि गालियां देते हुए विपक्षियों से हाथ पैर तोड़वाने की भी धमकी दे डाली। जिसकी लिखित शिकायत पीड़ित ने पुलिस उपमहानिरीक्षक से करके न्याय के साथ ही थानेदार को वहां से हटाने की मांग की है। 
     कितनी हैरानी की बात है कि एक तरफ शासन द्वारा जहां कानून के नुमाइंदों का पेच कस कर उन्हें कानून के दायरे में रहकर पीड़ितों के साथ इंसाफ करने का निर्देश दिया जा रहा है वहीं छपिया थाने मे तैनात बेखौफ थानेदार अटल बिहारी ठाकुर सारे निर्देशों को फुटबॉल बनाकर उसके साथ खेल रहा है। जिसका जीता जागता प्रमाण थाना क्षेत्र के ग्राम भोपतपुर स्थित ग्राम तेजपुर का है जहां खबर छपने की वजह से पहले से ही गुस्साए बेखौफ थानेदार ने जमीनी प्रकरण में हुए पीड़ित पत्रकार की शिकायत पर आरोपियों के बजाय पीड़ित पत्रकार दुर्गा प्रसाद पटेल व उसके पिता पर ही न सिर्फ मुकदमा दर्ज किया बल्कि भद्दी भद्दी गालियां देते हुए विपक्षियों से ही हाथ पैर तुड़वाने की धमकी दी। प्रकरण के संदर्भ में उक्त गांव के निवासी दुर्गा प्रसाद पटेल ने बेलगाम थानेदार के घृणित कृत्यों को उजागर करते हुए लिखित तहरीर देकर यह दर्शाया है कि कुछ दिन पूर्व उसके घर की दीवार को गांव के ही राजवंत पटेल ने गिरा दिया था। जिसे लेकर जब दिनांक 10 फरवरी को जब उसके परिजनों ने वहां निर्माण करवाना चाहा तो विपक्षी राधा लली पत्नी जसवंत व उनकी दो बेटियां घर चढ़कर गाली गलौच करते हुए जान से मरवाने की धमकी दी साथ ही यह भी कहा कि ऐसे मुकदमे में फंसा दूंगी कि जीवन भर याद रखोगे।
     पीड़ित पत्रकार का आरोप है कि जब वह थाने पहुंचा तो उल्टा उसके साथ ही उसके पिता पर भी थाने में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। साथ ही वर्दी की आड़ में मानवता को ताक पर रख कर थानेदार ने यह भी कहा कि ज्यादा लिखोगे के शिकायत करोगे तो तुम्हारे विपक्षियों से ही तुम्हारा हाथ पैर तोड़वा दूंगा। जिम्मेदार कुछ नहीं करेंगे, मैं वहां सुविधा शुल्क भेजता हूँ। बहरहाल बेलगाम गालीबाज थानेदार के इस व्यवहार से जहां पीड़ित डरा सहमा है वहीं इतना कुछ होने के बावजूद यह थानेदार अब भी थाने की कुर्सी पर सर्प रूपी कुंडली मारकर बैठा हुआ है और पीड़ितों पर दुश्वारियों की फुफकार छोड़कर उन्हें दर दर भटकने के लिए विवश कर रहा है।