भारतीय स्टेट बैंक बटियागढ़ जिला दमोह में उपभोक्ता हो रहे परेशान

बटियागढ़, दमोह, मध्यप्रदेश (Batiyagarh, Damoh, Madhya Pradesh), एकलव्य मानव संदेश रिपोर्टर गनेश रायकवार की रिपोर्ट। भारतीय स्टेट बैंक बटियागढ़ जिला दमोह में उपभोक्ता हो  रहे परेशान।
        सरकार द्वारा राहत के नाम पर और रसोई गैस भरवाने हेतु जिन जनधन खातों में पैसे डाले गए हैं, उन कुछ खातों में लगे होल्ड को हटवाने के लिए स्टेट बैंक धा इंडिया के खाता धारकों को बैंक के बाहर से भगा दिया जाता है, बैंक के अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा। फिर किस काम आएंगे उनके पैसे। जबकि दूरदराज से बड़ी मुश्किल से पहुंच पाते हैं खाता धारक। जबकि कुछ कियोस्क बैंक संचालक यह कह के भगा देते हैं कि आपके खाते से आधार लिंक नहीं है या आपका खाता होल्ड है। मुख्य शाखा द्वारा नए खातों को भी नहीं खोला जा रहा है, जबकि खाता ओपन करने की सभी प्रकिया ऑनलाइन हैं।
    आधार को लिंक करने की प्रक्रिया या होल्ड हटाने की प्रक्रिया बैंक पर निर्भर है, फिर बैंक के बाहर से ही अनभिग्य उपभोक्ता को भगा देना या तो बैंक स्टॉफ़ काम नहीं करना चाहता या फिर अपनी अफसरसाही का घमंड है। हालांकि सभी बैंकों को सरकार की तरफ से ये निर्देश हैं कि लॉक डाउन की अवधि में उनके यहाँ से संबंधित समस्त प्रकार की पेंशन वो हितग्राहियों के घर घर जाकर प्रदान करें। ताकि लोग अपने घरों से बैंकों तक आने में परेशान न हों औऱ लॉक डाउन का पालन के साथ साथ सोशल डिस्टेन्स भी बना रहे, लेकिन किस तरह सरकार के इस आदेश की अवहेलना की जा रही है।
    एसबीआई में न ही न ही दिव्यांग उपभोक्ता के लिए कोई सुविधा है और न ही विभिन्न प्रकार के फॉर्म जमा पर्ची आदि भरने के लिए कोई व्यवस्था। अनपड़ या कम जानकार उपभोक्ता इधर उधर परेशान होते हैं अपने फॉर्म भरवाने के लिए बैंक के मुख्य गेट के पास ही अवैध पार्किंग होती है। बैंक के पास ग्रहको के बाहनों की पार्किंग की कोई व्यवस्था भी नहीं है, जिससे सड़क तक वाहन रख दिये जाते हैं। बैंक का चैनेल गेट भी इतना कम खोला जाता है कि  शरीर से तगड़े व्यक्ति और महिलाओं  को निकलने में परेशानी होती है। कभी कभी तो ये गेट महिलाओं की साड़ियों तक मे फ़ंस जाता है। और क़ुछ लोग तो इसमें फसकर गिर भी जाते हैं। पासबुक प्रिंट मशीन और ग्रीन चैनेल भी बंद रहता है। जिससे एटीएम धारकों को भी बाउचर लेकर लाइन में लगना पड़ रहा है।