वीरांगना फूलन देवी जी 19वीं पुण्यतिथि पर एकलव्य मानव संदेश परिवार कोटि-कोटि नमन के साथ श्रद्धांजलि अर्पित करता है

जिसका जीवन एक क्रांतिकारी उपन्यास की भांति है। जो सतत संघर्ष की कहानी कहता है। ऐसी जीवंत नारी, जिन्होंने अपने ऊपर किए गए अनैतिक व्यवहार का स्वयं बदला लिया और बीहड़ से संसद तक का सफर किया। वीरांगना फूलन जी (पूर्व सांसद लोक सभा) की 19वीं पुण्यतिथि पर एकलव्य मानव संदेश परिवार कोटि-कोटि नमन के साथ श्रद्धांजलि अर्पित करता है। 

  आज बढ़ती महिला उत्पीड़न की घटनाएं, रोज रोज किये जा रहे बेटियों के बलात्कार जैसी घटनाओं के लिए प्रदेश और केंद्र की सरकारों की महिला नीतियों का नाकारापन और उनमें झलकती सवर्ण मानसिकता ही जिम्मेदार है। आज इन समस्याओं से निपटने के लिए जो भी कानून हैं उनका नाम वीरांगना फूलन देवी न्याय कानून और वीरांगना फूलन देवी महिला वीरता पुरस्कार प्रारंभ किये जाने की जरूरत है। और कुलदीप सैंगर, चिन्मयानंद और शेर सिंह राणा जैसे भाजपा सरकार द्वारा संरक्षण प्राप्त व्यभिचारियों को तुरन्त फांसी पर लटकाए जाने की जरूरत है। क्योंकि फूलन देवी जी सवर्ण मानसिकता के चलते ही उत्पीड़न का शिकार हुईं थीं। और उसी का प्रतिकार उन्होंने लिया था, यह आज भी पुरी तरह से और ज्यादा ताकत के साथ समाज में व्याप्त है, जिसको सरकारी संरक्षण मिला हुआ है। इसके खात्मे के लिए लोगों को जागरूक करने की सबसे बड़ी जरूरत है। तभी बेटी बचाओ का नारा साकार हो सकता है। 

     क्योंकि एकलव्य मानव संदेश की शुरुआत की प्रेरणा स्रोत ही वीरांगना फूलन देवी जी की एकलव्य सेना रही है। इस लिए एकलव्य मानव संदेश हमेशा शोषण अत्याचार के खिलाफ हमेशा अपनी आवाज बुलंद करता रहा है और आगे भी और मजबूत तरीके से यह कार्य करता रहेगा।

    यमुना तट पर बसे ग्राम शेखपुर गुड़ा, तहसील कालपी, जनपद जालौन, की पवित्र भूमि पर देवीदीन मल्लाह की धर्मपत्नी मूला देवी की कोख से जन्मी पांच पुत्रियां रुकमणी देवी, भूरी देवी, फुलन देवी, रामकली, मुन्नी देवी सहित एक पुत्र शिवनारायण में फुलन देवी (सांसद फूलन देवी) का जन्म 10 अगस्त 1963 में हुआ था। गरीबी एवं पारिवारिक कलह के चलते 11 वर्ष की अल्पआयु में ही ग्राम कानपुर देहात के महेशपुर निवासी पुत्तीलाल मल्लाह के साथ इनकी शादी कर दी गयी थी किन्तु कुछ समय बाद ही पुत्तीलाल ने विवाह सम्बन्ध तोड़ दिया था। इसके बाद इनका शारीरिक- मानसिक उत्पीड़न और चरित्र हनन का प्रयास गांव के ही ठाकुरों द्वारा किया जाने लगा, जिसका डटकर विरोध किया। 
  मानवीय मूल्यों के आधार पर शांतिप्रिय समाज सेविका वन अन्याय-अत्याचार के खिलाफ संघर्ष जारी रखने के उद्देश्य से म.प्र. के तत्कालीन मुख्यमंत्री के समक्ष प्रयास प्रत्यक्ष रूप से 12 फरवरी 1983 को स्वयं आत्मसमर्पण कर दिया। दिल्ली के चौ. हरफूल सिंह कश्यप जी ने सुप्रीम कोर्ट की वकील कामिनी जायसवाल द्वारा कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कराकर 1992 में ग्वालियर जेल से तिहाड़ जेल दिल्ली ट्रांसफर करा लिया था। और बाद में श्री मनोहर लाल पूर्व सांसद/मंत्री-कानपुर व श्री विशम्भर प्रसाद निषाद पूर्व मंत्री/सांसद-बांदा के राजनैतिक प्रभाव से तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री मुलायम सिंह यादव जी के द्वारा लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में 20 जनवरी 1994 को आयोजित लोधी, निषाद, बिन्द, कश्यप एकता समता महा सभा की विशाल रैली में सभी मुक़द्दमे वापिस लेलेने के बाद एक न्यायिक प्रक्रिया के तहत 18 फरवरी 1994 को तिहाड़ जेल से रिहा कराकर चौ. हरफूल सिंह कश्यप जी केे नई दिल्ली स्थित घर में रखा गया। वहीं पर उमेद सिंह कश्यप ने वैदिक रीति से इन्हें 5 जुलाई 1994 को अपना जीवन साथी बना लिया था। अपने जीवन पर फ्रांसीसी लेखिका द्वारा लिखी गयी किताब पर मिली 1 करोड़ रुपये की रॉयल्टी और अपने ऊपर बनी फिल्म बैंडिट क्वीन से मिली 25 लाख की धनराशि से दिल्ली के कालका जी क्षेत्र के चितरंजन पार्क में P-112 फ्लैट खरीदकर अपना निजी आवास बना लिया। 

    फूलन देवी जी 11वीं व 13वीं लोकसभा चुनाव में मिर्जापुर उ.प्र. से सांसद चुनी गईं। आपने समाज के उत्थान एवं सामाजिक व राजनीतिक भागीदारी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक्लव्य सेना का गठन किया।
सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए 30 जून 1996 करहल मैनपुरी आगमन इटावा रेलवे स्टेशन पर पूर्व में कभी ना रुकने वाली शताब्दी एक्सप्रेस को सजातीय रेल चालक खजांची लाल ने रेल रोककर इटावा उतारा था तब वह कार्यक्रम स्थल पर पहुंची थी।
दृढ़ इच्छा शक्ति बान कश्यप निषाद सर्वहारा समाज की पहचान वीरांगना फूलन देवी जी की दिनांक 25 जुलाई 2001 दिन बुधवार दोपहर 1:30 बजे उनके सरकारी आवास 44 अशोका मार्ग पर अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के मानसून सत्र के दौरान धोखे से शेर सिंह राणा ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनका हत्यारा आज मोदी और योगी सरकारों की कृपा से पैरोल पर छुट्टा घूम रहा है।