गंदी राजनीति!! मनोज कशयप जी के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा भाजपा कोई मंत्री या सांसद??

जलालाबाद, शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश, एकलव्य मानव संदेश ब्यूरो रिपोर्ट, 9 सितम्बर 2020। भाजपा नेता मनोज कश्यप आकस्मिक निधन पर पूरे देश में हजारों/लाखों लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। मनोज कश्यप के चाहने वाले सम्पूर्ण निषाद वंश के लोगों के लिए 8, 9 सितम्बर का दिन सोशल मीडिया पर बड़ा दुःख के साथ बीता। पूरे दिन फेसबुक और व्हाट्सएप फोनों पर मनोज कश्यप की ही चर्चा होती रही। 

    शाहजहांपुर जिले में बुखार बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। जिला के जलालाबाद में रहने वाले भाजपा नेता मनोज कश्यप को पिछले कई दिनों से बुखार आ रहा था। उन्होंने किसी तरह की जांच नहीं कराई, डॉक्टर ने उन्हें कोरोना संक्रमण की जांच कराने कहा था। सोमवार की रात मनोज कश्यप की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें बचाया न जा सका। मनोज का अंतिम संस्कार कोविड 19 की गाइडलाइन के अनुसार ही किया गया।

    46 वर्षीय मनोज कश्यप जी भाजपा के तेज तर्रार नेताओं में सुमार थे। वे एबीवीपी से अपने स्कूल समय से ही जुड़ गए थे। उन्होंने 1992 में अयोध्या में हुये बाबरी मस्जिद विध्वंस में भी बढ़चढ़कर भाग लिया था। आप मछुआ प्रकोष्ठ भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष, भाजपा बृज क्षेत्र के उपाध्यक्ष रह चुके थे। मनोज 2014 में लोकसभा चुनाव शाहजहांपुर सीट से लड़ना चाहते थे, लेकिन टिकिट अंतिम समय में काट दिया गया। बाद में 2017 का विधान सभा चुनाव जलालाबाद सीट से लड़ा लेकिन बीजेपी के ही सवर्ण मानसिकता के नेताओं की भितरघात से लहर में भी चुनाव हार गए। आप दिल्ली की मल्लाह अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र धारी थे। लेकिन अपने पुरखों की जमीन जलालाबाद, शाहजहांपुर से लगाव के चलते दिल्ली छोड़ जलाबाद में ही आकर बस गए। पिछले कुछ दिनों से उन पर भाजपा बूथ अध्यक्ष सत्यापन अधिकारी की जिम्मेदारी थी।

   पत्नी सरोज कश्यप के मुताबिक मनोज कश्यप को पिछले 12 दिनों से बुखार आ रहा था। वह घर में रहकर प्राइवेट डॉक्टर से इलाज करा रहे थे। 26 अगस्त को बरेली में हुई बैठक से लौटने के बाद उन्हें बुखार आया था। तीन दिन पहले उन्होंने सीएमओ को फोन किया था। सीएमओ के निर्देश पर मनोज को देखने के लिए उनके घर सीएचसी से डॉ. रूपक गए थे। उन्होंने कोरोना जांच कराने को कहा था, लेकिन जांच नहीं कराई गई। डॉ. रुपक दवा देने के बाद चले गए। हालांकि दवा से मनोज को कोई फायदा नहीं हुआ। मंगलवार अपराह्न करीब तीन बजे कोविड 19 की गाइडलाइन के अनुसार एंबुलेंस में मनोज कश्यप का पार्थिव शरीर जलालाबाद उनके घर लाया गया। साथ में पीपीई किट पहने हुए स्वास्थ्य कर्मचारी भी थे। वहां पहले से लोगों की भीड़ जमा थी। स्वास्थ्य कर्मियों ने परिजन और नजदीकी लोगों केे दूर से मनोज के अंतिम दर्शन कराए गए। फिर उसी एंबुलेंस में रामगंगा ढाईघाट ले जाया गया। उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान एसडीएम सौरभ भट्ट, सीओ ब्रह्मपाल सिंह पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।

   डॉ. ओमेंद्र राठौर, चिकित्साधीक्षक, जलालाबाद का कहना है- तीन दिन पहले मनोज कश्यप की सीएमओ से फोन पर हुई थी। मेरे पास सीएमओ ऑफिस से फोन आया था। इसके बाद मनोज कश्यप के घर डॉ. रूपक गुप्ता को भेजा गया। उन्होंने मनोज को हो रही दिक्कतों के अनुरूप दवा दिलवाई थी। सोमवार रात उन्हें सीएचसी लाया गया तो उनकी मौत हो चुकी थी।

   डॉ. एयूपी सिन्हा, सीएमएस का कहना है- भाजपा नेता बुखार से पीड़ित थे। चूंकि उनकी कोरोना जांच नहीं हो सकी थी, इसलिए संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर एहतियात बरतते हुए शासन की गाइडलाइन के अनुसार ही उनका अंतिम संस्कार कराया गया, ताकि अन्य लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।
मनोज कश्यप अपने पीछे पत्नी सहित, तीन बेटी और एक बेटा छोड़ गए हैं।

मनोज कश्यप को एकलव्य मानव संदेश परिवार ने अपनी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 7 जून 2015 को अलीगढ़ में आयोजित एकलव्य मानव संदेश के एक कार्यक्रम, जिसमें मनोज कश्यप बतौर मुख्यातिथि उपस्थिति हुए थे, उस कार्यक्रम में दिए गए भाषण की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर कर श्रद्धांजलि अर्पित की है। देखें वीडियो-

वृंदावन मथुरा के श्री महेंद्र सिंह निषाद ने एक फोटो शेयर करते हुए लिखा अपनी वाल पर लिखा है- निषाद कश्यप समाज के दिग्गज नेता बड़े भाई मनोज कश्यप जी के मलेरिया बुखार के चलते आकस्मिक निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उनका निधन प्रदेश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं शोकाकुल परिजनों को इस अपार दुख की घड़ी में दुख सहन करने की शक्ति दे। ओम शांति ओम।

एक चाहने वाले ने अपनी वाल पर लिखा है-
चिट्ठी न कोई संदेश, जाने वो कौन सा देश, जहाँ तुम चले गए। कहाँ तुम चले गये।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व विधायक प्रत्याशी, हमारे बडे भाई समान परम आदरणीय श्री मनोज कश्यप जी आज हमारे बीच नहीं रहे। आज मनोज कश्यप जी के रूप में समाज ने बहुत मजबूत ताकत और एक अनमोल रत्न को खो दिया है।
चले जाएंगे हम मुसाफिर हैं सारे,
मगर एक सिकवा है रब से हमारे,
तुम्हे इतनी जल्दी क्यों खुदा ने बुलाया,
मनोज कश्यप जी बहुत आया।

एक ने अपनी वॉल पर लिखा है-
राजनीतिक हैं! तो पार्टी से श्रेष्ठ समाज को मानिए! पार्टीयाँ श्रंद्धांजलि भी नहीं देती हैं! समाज श्रंद्धांजलि, सम्मान दोनों देता है!

दिल्ली से परमवीर कश्यप ने अपनी वॉल पर लिखा है-
मनोज कश्यप भाजपा के बड़े नेता थे, दिल्ली से लेकर शाहजहांपुर जिले के अलावा पूरी यूपी में उनका प्रभाव था, पर भाजपा की गंदी राजनीति का शिकार हो गए। मनोज कश्यप को जो भी सुनता था उन्हें छोटा अटल बोलता था, वे मोदी और योगी से भी अच्छे प्रखर वक्ता थे, पर भाजपा की गंदी राजनीति ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। मनोज कश्यप जिन्होंने अपना पूरा जीवन संघ, एबीवीपी और भाजपा की सेवा में लगा दिया, उनके लिए भाजपा ने कुछ नहीं किया। भाजपा हमारे समाज को सिर्फ सब्जी में तेजपत्ते की तरह इस्तेमाल करती है, बस चूस कर फेंक देना, ना आपको पद देती है और ना इज्जत। मनोज कश्यप को योगी अच्छी तरह जानते थे पर कल (8 सितम्बर को) उनके निधन पर योगी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला, नाहीं कोई मंत्री या सांसद वहां पहुंचा।   

नरौरा, बुलंदशहर के परमानंद निषाद (नामित, भाजपा नगर सभासद) ने अपनी वॉल पर लिखा है-
मनोज कशयप जी के अंतिम संस्कार में किसी भाजपा के पदाधिकारी, मंत्री, विधायक का न पहुंचने से यह सावित होता है जो व्यक्ति 5 सितम्बर तक वूथ सतयापन के लिये बरेली में जिस संघठन के लिये कोरोनाकाल में भी काम करता रहा, पूरा जीवन इसी में निकाला, भाजपा के लिये अर्पित किया, आज दो मिनट का समय भी नहीं है किसी के पास, सभी का खयाल रखने वाले के लिये! जब आज संघठन के पदाधिकारी, मंत्री, विधायक के पास दो मिनट का भी समय नहीं था, तो भविष्य में उनके परिवार की देखवाल कौन करेगा? अब यही सममान है हमारे सम्मानित भाईयों का? जीते जी तो सममान न पा सके, अंतिम विदाई के समय भी सममान नहीं, बहुत कुछ सोचने को मजवूर होना पड़ रहा है, क्या होगा उनके परिवार का, संघठन भूल गया एक दिन में हीं, मनोज कशयप जी की मेहनत को, दुखद।

मुरादाबाद से डॉ. रामेस्वर दयाल तुरैहा अपनी वॉल पर लिखते हैं- बहुत गौर से सुन रहा था समाज - तुम ही सो गए दास्तां सुनाते सुनाते, आखिर आप राजनीति की साजिश का शिकार हो ही गये, आपको कई बार अगाह व समझाने की कोशिश की लेकिन आपने ध्यान ही नहीं दिया! आप बहुत याद आओगे, समाज आपको कभी भूल नहीं पायेगा और ना ही आपकी कमी पूरी हो पायेगी! मनोज कश्यप जी के आकस्मिक निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है जिसकी कभी भरपाई नहीं की जा सकती है। मनोज कश्यप जी की याद रह रहकर आती है, मैं अपने जीवन काल में अपने पिताजी के बाद पहली बार मनोज कश्यप जी के लिए रोया हूँ। मैं हीं नहीं पूरा देश मनोज कश्यप जी की मौत पर रो रहा है। मनोज कश्यप जी आखिर आप राजनीतिक साजिश का शिकार हो ही गये, आप लौट कर आओ!