रास्ता न होने से निषाद हुए विस्थापित, रहने के लिए खेतों में गड़े तम्बू

 बाँदा, उत्तर प्रदेश, एकलव्य मानव संदेश रिपोर्टर राजबहादुर निषाद की रिपोर्ट, 14 सितम्बर 2020। बांदा जिले के कमासिन क्षेत्र 64 गांव में लगभग ढाई सौ निषाद अपना घर छोड़कर खेतों में झुग्गी बनाकर व पन्नी के नीचे रहने को मजबूर हैं। 


 इन परिवारों द्वारा चित्रकूट बांदा लोकसभा क्षेत्र के सांसद आर के पटेल, भाजपा जिला अध्यक्ष रामकेश निषाद व बांदा, चित्रकूट के सभी अधिकारियों एवं मुख्य पुलिस महानिदेशक तक को सूचित करने के बाद भी मामले का निपटारा नहीं हो पाया है।

मामला रास्ते को लेकर है जिसमें निषाद परिवार अपनी भूमि देकर रास्ते का निर्माण करवाना चाहते हैं, जिससे आवाजाही सुगम हो सके, लेकिन यादव परिवार ऐसा होने के लिए कतई राजी नहीं हैं। यहां तक की सांसद जी के निर्देश पर डीएम एसडीम मौके पर पहुंचकर 7 परिवारों को जंगल से लाकर अस्थाई गांव में रुकवाया, लेकिन अब पता चला है कि एसडीएम ही विस्थापित निषादों को धमका भी रहे हैं, जिससे उन्हें दोबारा जंगल की तरफ रहने का रुख करना पड़ा। शासन प्रशासन मौन है, दवंगो द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी जा रही हैं। 

    एकलव्य मानव संदेश ने राज्यसभा सांसद श्री विशम्भर प्रसाद निषाद जी को भी अवगत कराकर पीड़ितों की मदद के लिए कहा है। और सरकार से मांग की गई है कि निषादों के गांव के लिए तुरंत रास्ते की व्यवस्था कराये।