आरक्षण मिलना किसको चहिए, मिल किसको रहा है

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, एकलव्य मानव संदेश ब्यूरो रिपोर्ट। सामान्य वर्ग को 60 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। आरक्षित वर्ग के मेरिट वालो को भी सामान्य में जगह नहीं दी जाती। 85 प्रतिशत को सिर्फ 40 प्रतिशत आरक्षण, यही हैं मोदी सरकार के पिछड़े वर्ग के लिए अच्छे दिन।

(देखें इस चार्ट को) 



   आज पिछड़ा वर्ग ही बीजेपी की नैया पार लगाकर अपने पैरों में खुद ही कुल्हाड़ी मार रहा है। भाजपा जातियों की गढ़ना नहीं करना चाहती है। जब जब जातिय गढ़ना की मांग की जाती है, तब तब बीजेपी इस आवाज को दबाने के लिए पाकिस्तान, मुसलमान के नाम पर ओबीसी, एससी, एसटी को घुमा कर सवर्ण वर्ग के सभी हितों को पूरा करने के लिए कोई भी मौका और चाल चलना नहीं छोड़ती है। जब तक पिछड़ा वर्ग और एससी, एसटी के लोग भाजपा सरकार से आबादी के अनुसार प्रतिनिधित्व के लिए मांग को मजबूती से नहीं करेंगे तब तक सवर्ण वर्ग देश के सभी संसाधनों पर काबिज रहेगा। इसी की मजबूती के लिए निजीकरण करके देश के सभी संसाधनों को प्राइवेट कर सवर्ण वर्ग के उद्योगपतियों को मजबूत किया जा रहा है और ओबीसी, एसटी, एसटी को मजबूर, मजदूर, अनपढ़, कमजोर बनाये रखने के लिए कभी गैस कनेक्शन, कभी लैटरीन, कभी खाद्यान्न कार्य चलाकर वोट के लिए तैयार किया जाता रहेगा, नाकि उनको सुरक्षित और गारंटेड रोजगार कार्यक्रम चलाकर मजबूत और शिक्षत बनाने के लिए ठोस योजना।

  फिर भी आरक्षण ने देश को बर्बाद कर दिया। यह धारणा का प्रचार सवर्ण वर्ग द्वारा किया जाता है।