नई दिल्ली, एकलव्य मानव संदेश ब्यूरो रिपोर्ट।
श्री विशम्भर प्रसाद निषाद जी।
कृपया 252वें सत्र में शून्य काल के दौरान आपके द्वारा उठाए गए मामले का संदर्भ लें, जो पिछड़ा वर्ग के बैकलॉग रिक्त पर्दों की पूर्ति किए जाने से संबन्धित है।
2.इस संबंध में, मैं आपको सूचित करना चाहूँगा कि जहाँ तक अन्य पिछड़े वर्ग के निर्धारित कोटा का प्रश्न है, दिनॉक 01.01.2012 तक, 79 मंत्रालयों/ विभार्गों से प्राप्त आकड़ों के अनुसार, अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व 16.55 प्रतिशत था, जो कि दिनॉक 01.01.2016 को 21.53 प्रतिशत हो गया था। दिनाक 01.01.2019 को मात्र 50 मंत्रालयों/ विभार्गों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, यह प्रतिनिधित्व 20 5 प्रतिशत हो गया है।
3. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने सभी मंत्रालयों/विभागों को पहले ही अनुदेश जारी कर दिए हैं कि वे बैकलॉग आरक्षित रिक्तियों को चिन्हित करें, बैकलॉग आरक्षित रिक्तियां रहने के मूल कारणों का अध्ययन करें, कारकों को दूर करने के लिए कदम उठाएँ और विशेष भर्ती अभियान के माध्यम से ऐसी रिक्तियों को भरने के लिए आंतरिक समितियां गठित करें।
4. भारत सरकार में बैकलॉग आरक्षित रिक्तियों सहित रिक्तियों को भरना एक सतत प्रक्रिया है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, केंद्र सरकार में 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों वाले दस मंत्रलयों/विभागों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों की बैकलॉग आरक्षित रिक्तियों को भरने की प्रगति की लगातार निगरानी करता है।
5. दस में से सात मंत्रालयों/विभागों ने यह सूचित किया कि दिनांक 01.01.2019 की स्थिति के अनुसार, 26408 अन्य पिछड़े वर्गों के लिए बैकलॉग आरक्षित रिक्तियों में से 12362 बैकलॉग रिक्तियां भरी गई थीं और 14046 बैकलॉग रिक्तियां रह गई थी। इसी प्रकार, दिनॉक 01.01.2020 की स्थिति के अनुसार, 4 मंत्रालयों/विभागों में, 18563 अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए बैकलॉग आरक्षित रिक्तियों में से 10327 बैकलॉग रिक्तियां भरी गई थीं और 8236 बैकलॉग रिक्तियां रह गई थी।
6. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के दिनॉक 15.05.2018 के कार्यालय जापन के अनुसार, केंद्र सरकार के पदों और सेवाओं में नियुक्तियों के संबंध में 45 दिनों से अधिक की अवधि बाली अस्थाई नियुक्तियों में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान होगा। अतः संविदा के आधार पर की गई नियुक्तियों से किसी वर्ग विशेष को वाछित लाभ से वंचित नहीं किया जाता है। जहाँ तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़े वर्गों की रिक्तियों का सवाल है, यह मामला शिक्षा मंत्रालय के अधीन है एवं श्री वी. पी. शर्मा कमिटी की रिपोर्ट का मामला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन आता है।
सादर, आपका
(डॉ. जितेंद्र सिंह)
देखें मंत्री जी के जबाब का सांसद की लिखा पत्र-
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