जैतपुर, बाह, आगरा, उत्तर प्रदेश (Jaitpur, Bah, Agra, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) रिपोर्टर धन सिंह निषाद की रिपोर्ट। आगरा जनपद की तहसील के जैतपुर थाना पुलिस की कस्टडी में हुई धन्ना निषाद पुत्र बच्ची लाल की मौत के बाद घर पहुंचे शव को रखकर ग्रामीणों का हत्यारों को फांसी की मांग के साथ धरना प्रारंभ कर दिया।
धर्मेंद्र निषाद उर्फ धन्ना को बाह कचरौरा रोड गढ़ी जैतपुर स्थित घर से 25 मार्च को दिन में 12 बजे अचार संहिता लागू होने की जानकारी के लिए मीटिंग में चलने के बहाने से थानाध्यक्ष जैतपुर और साथ आये पुलिस वाले ले गए। धन्ना का होटल नंदगांवां रोड पर है।
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धन्ना को पुलिस ने 26 मार्च को शराब बनाने के अपराध में जेल भेज दिया। 3 अप्रैल को पुलिस ने सूचना दी कि धन्ना की तबीयत खराब है। इसलिए उसे एस एन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है, आप घंटे में आ जाइये। जब तक घर वाले एस एन मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो पता चला कि उसे जेल पुलिस दिल्ली ले गयी है। दिल्ली में अस्पताल में पहुंचे अपने घरवालों को धन्ना ने बताया कि थाने में मिंटू उर्फ राकेश पुत्र रामेश्वर सिंह निवासी फतेहपुरा, राकेश यादव पुत्र वंद सिंह, निवासी जैतपुर कलां के कहने पर थाना जैतपुर पुलिस ने पकड़ा है एवं उनके सामने ही थाने मे लाकर एस.आई. ज्ञान प्रसाद एवं एस.ओ. योगेन्द्र पाल सिंह एवं स्टाफ ने बुरी तरह मारा पीटा व शाम तक पानी भी नहीं दिया एवं इलैक्ट्रिक शॉक लगाये तथा जैतपुर एस.ओ. ने आगरा ने जाते हुये एन्काउन्टर करने की धमकी दी एवं एन्काउन्टर करने के लिये ही अरनॉटा पुल के पास लेकर आये, जहाँ मुझसे भागने के लिये बोला में नहीं भागा तो मेरे गुप्तांगो पर पैट्रॉल डाला। फिर भी में नहीं भागा तो सभी लोगो ने मिलकर मुझें बुरी तरह पीटा। इतना बताने के कुछ समय बाद धर्मन्द्र उर्फ धन्ना ने दिनांक 4 अप्रैल 2021 को शाम लगभग सात बजे दम तोड़ दिया। मृतक के मरने के पहले के बयान के कुछ वीडियो मृतक के बड़े भाई मुकेश ने अपने पास होने की जानकारी के साथ एक प्रार्थना पत्र वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को न्याय की गुहार के लिए दिया है। जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने एसडीएम या एडिशनल एसपी से जांच कराने के आदेश दिए हैं।
धन्ना की मौत के 3 दिन बाद हुए पोस्टमार्टम के बाद रात को साढ़े दस बजे 7 अप्रैल जब लास धन्ना निषाद के घर पहुंची तो वहाँ मौजूद ग्रामीणों ने मुआवजे और न्याय की मांग को लेकर हंगामा काटते हुए, शव का दाह संस्कार करने से मना कर दिया। और सड़क पर लास को रखकर जाम लगा दिया।
शराब के आरोप में जेल भेजे गए ढाबा संचालक धन्ना की जेल में हालात बिगड़ने पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जिस पर परिजनो ने पुलिस प्रशासन पर थर्ड डिग्री का आरोप लगाया है। धन्ना निषाद की मौत से गुस्साए निषादों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जैतपुर चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया। इस धरने प्रदर्शन में जिले भर के निषादों ने जबरदस्त आक्रोश के साथ धरना प्रदर्शन करना किया। जाम व धरना प्रदर्शन की सूचना पर एडीएम आगरा व एसपी ग्रामीण पूर्वी बाह, फतेहाबाद, पिनाहट सर्किल का फोर्स व भारी संख्या में पीएसी फोर्स पहुंच गया ।सूचना मिलते ही पूर्व मंत्री व फतेहाबाद विधायक भी मौके पर पहुंच गए। और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री व फतेहाबाद विधायक ने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता के दिये चैक।
परिजनों की लिखित शिकायत के अनुसार 25 मार्च को अवैध शराब में गिरफ्तार जैतपुर के ढावा संचालक धर्मेन्द्र उर्फ धन्ना को 3 अप्रैल को जेल में हालत बिगडने पर आगरा के एस एन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया था, जहाँ से दिल्ली रैफर कर दिया गया था और रविवार की शाम दिल्ली के वाल्मीकि हास्पीटल में धन्ना की मौत हो गई थी। बुधवार 7 अप्रैल को देर रात पोस्टमार्टम के बाद धन्ना का शव घर पर पहुंचा। तो परिजन और आसपास के लोगों का गुस्सा फूट पडा। और आक्रोशित निषाद समाज के लोगों ने जैतपुर चौराहे पर धन्ना का शव रख जाम लगा दिया। और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करके, मौके पर जिलाधिकारी को बुलाने की मांग करने लगे। जिलाधिकारी के न पहुंचने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गये। और धरना प्रदर्शन करने लगे। जाम व धरना प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एडीएम आगरा निधि श्री वास्तव व एसपी ग्रामीण पूर्वी के अशोक बैंकटश, बाह, फतेहाबाद, पिनाहट सर्किल के फोर्स व पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे।
इस दुखद घटना के बाद समाजवादी पार्टी का 7 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल विधान परिषद सदस्य एवं उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप के नेतृत्व में 10 अप्रैल 2021 को धन्ना निषाद के परिवार से मिलने उनके घर जाएगा। यह जानकारी पार्टी के लखनऊ कार्यालय से जारी एक परिपत्र में दी गई है।
धन्ना निषाद जो पुलिस कस्टडी में मारा गया उसकी उम्र महज 28 साल थी, पारिवारिक स्तिथि ऐसी की सालों से किराए पर रह रहा था। धन्ना जिसकी पुलिस कस्टडी में हत्या हुई, पूरे क्षेत्र में किसी का भी बुरा नहीं था। धन्ना की शादी कुछ वर्ष पूर्व श्रीदेवी के साथ हुई, जिसके बाद उसके तीन मासूम बच्चे हैं, जिनकी उम्र एवम नाम क्रमश : हैं- आशु उम्र 5 साल, प्रिया उम्र 3 साल, अभि उम्र 1.5 साल।
धन्ना जिसको पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटा गया, उसका कोई गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं था, सिर्फ कुछ राजनीतिक मुकद्दमों के अलावा।
धन्ना निषाद, क्षेत्रीय गुंडों की साजिश का शिकार हुआ है और उसी के चलते उसका 72 घंटे अर्थात मृत्यु के 3 दिन बीतने के बाद भी पोस्टपोर्टम नहीं होने दिया।
धन्ना निषाद, जिसका पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर करने की कोशिश की, उसकी बॉडी साजिसों के चंगुल में फसी रही, ताकि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में पुलिस की बर्बरता की कहानी सामने न आए।
धन्ना निषाद के प्रकरण मेडिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो सब कुछ साजिश के तहत है, क्योंकि पुलिस अच्छी तरह जानती है की डेड बॉडी फ्रिजर में भी अधिकतम 36 घंटे तक ही सलामत रहती है, उसके बाद उसमें काफी कुछ नष्ट हो जाता है। पुलिस अपने बचाव के लिए ये सब ड्रामा करती रही है।
धन्ना निषाद जिसे फर्जी मुकद्दमे में पुलिस ने पिटाई के बाद जेल भेजा गया, उसको एस. एन. मेडिकल टीम ने सफदरगंज हॉस्पिटल नई दिल्ली के लिए रेफर किया था, लेकिन पुलिस ने जानबूझकर उसे दिल्ली के सबसे खराब हॉस्पिटल महर्षि बाल्मीकि में भर्ती कराया।
इलाके के लोगों ने धन्ना के हत्यारों को फांसी दो की मांग के साथ, जैतपुर चलो मार्च का आव्हान किया, जिससे उसके तीन मासूम बच्चों की हिम्मत बंधे, उसके परिजनों को शात्वना मिले, उसके भाइयों को संभालने के लिए मदद मिल सके, ताकि कोई ओर धन्ना न बने, इंसानियत को बल मिले, इंसाफ और कानून को जिंदा रखने के साथ साथ प्रजातंत्र को मजबूती मिले।
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