आगरा, उत्तर प्रदेश ( Agra, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट, 11 अगस्त 2019। आगरा के थार लादी पुरा का व्यक्ति मई से आज तक नहीं लौटा घर।
लोकेंद्र सिंह पिता का नाम अतर सिंह, निवासी गांव लादी पुरा, थाना डौकी, आगरा का मूल निवासी है। 16 मई 2019 को ससुराल की कहकर घर से निकला था। गायब होने के 4 दिन बाद लोकेंद्र सिंह की बीवी घर आई और बताया कि तुम्हारे भाई का कोई पता नहीं है। जब यह बात लोकेंद्र के घर वालों को पता चली तो उन्होंने छानबीन करना शुरू कर दिया।
घर वालों का मानना है कि उसकी लड़ाई उसकी बीवी से होती रहती थी और उसकी बीवी 7 साल से अपने मायके में मकान बनाकर रह रही थी। और उसने लोकेन्द्र से जमीन भी अपने नाम करा ली और उसको साथ में ले जाती थी। लोकेंद्र कभी कभी घर पर घूमने के लिए आता था और जल्दी ही लौट जाता था। लोकेंद्र की मां और भाई का कहना है कि उसकी बीवी आशा देवी ने उसे मरवा दिया है और पुलिस उस पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। आगरा की पुलिस पूरी तरह से भ्रष्ट है यह गरीब शोषित लोगों की आवाज नहीं सुनती है। मैं 3 महीने से थाने, दीवानी कलेक्ट्री में चक्कर काट रही हूं पर यह लोग मुझे आश्वासन देकर भगा देते हैं और उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है अभी तक।
लोकेंद्र सिंह पिता का नाम अतर सिंह, निवासी गांव लादी पुरा, थाना डौकी, आगरा का मूल निवासी है। 16 मई 2019 को ससुराल की कहकर घर से निकला था। गायब होने के 4 दिन बाद लोकेंद्र सिंह की बीवी घर आई और बताया कि तुम्हारे भाई का कोई पता नहीं है। जब यह बात लोकेंद्र के घर वालों को पता चली तो उन्होंने छानबीन करना शुरू कर दिया।
घर वालों का मानना है कि उसकी लड़ाई उसकी बीवी से होती रहती थी और उसकी बीवी 7 साल से अपने मायके में मकान बनाकर रह रही थी। और उसने लोकेन्द्र से जमीन भी अपने नाम करा ली और उसको साथ में ले जाती थी। लोकेंद्र कभी कभी घर पर घूमने के लिए आता था और जल्दी ही लौट जाता था। लोकेंद्र की मां और भाई का कहना है कि उसकी बीवी आशा देवी ने उसे मरवा दिया है और पुलिस उस पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। आगरा की पुलिस पूरी तरह से भ्रष्ट है यह गरीब शोषित लोगों की आवाज नहीं सुनती है। मैं 3 महीने से थाने, दीवानी कलेक्ट्री में चक्कर काट रही हूं पर यह लोग मुझे आश्वासन देकर भगा देते हैं और उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है अभी तक।